3 months 11 percent home price rise 20 percent sales drop 20250628172907119467

3 महीने में मकान की कीमतों में 11% उछाल, पर बिक्री में 20% गिरावट – क्या है वजह?

3 महीने में घर खरीदने का सपना और दूर? कीमतों में 11% उछाल, पर बिक्री गिरी 20% – क्या चल रहा है?

अजीब हालात हैं भाई! 2024 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में रियल एस्टेट सेक्टर ने ऐसा उल्टा खेल दिखाया कि समझ में नहीं आ रहा – एक तरफ तो प्रॉपर्टी कीमतें आसमान छू रही हैं (11% का उछाल!), वहीं दूसरी तरफ बिक्री 20% तक लुढ़क गई। सच कहूं तो ये आंकड़े देखकर मुझे भी चौंका दिया। और तो और, Anarock की रिपोर्ट के मुताबिक NCR में तो कीमतों ने 15% की छलांग लगा दी – जैसे कोई रोक-टोक ही न हो!

पर सवाल यह है कि आखिर ये हालात क्यों बने? असल में, कोविड के बाद से ही ये सेक्टर लगातार ऊपर-नीचे हो रहा है। 2023 में थोड़ा सुधार दिखा था, जब ब्याज दरें स्थिर हुईं और इकोनॉमी धीरे-धीरे संभली। लेकिन अब बिल्डर्स ने जैसे ‘अब हमारी बारी’ वाली पॉलिसी अपना ली है – नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने के साथ-साथ कीमतें भी बेतहाशा बढ़ा दीं। नतीजा? आम आदमी की जेब पर दबाव और बढ़ गया।

कीमतें चढ़ीं, बिक्री गिरी – क्यों?

देखिए, आंकड़े तो साफ बता रहे हैं – टॉप 7 शहरों (मुंबई, दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता) में प्रॉपर्टी की औसत कीमतें 11% उछल गईं। NCR तो जैसे रेस में सबसे आगे निकल गया – 15% की बढ़ोतरी! मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर भी पीछे नहीं (8-10% का इजाफा)। पर हैरानी की बात ये कि इसी दौरान बिक्री 20% तक गिर गई। क्या आप भी ये समझ पा रहे हैं?

एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके पीछे तीन बड़े कारण हैं:
1. बिल्डर्स का अचानक ‘प्राइस हाइक’ कर देना – जैसे कोई बच्चा जिद पर अड़ जाए
2. होम लोन की ब्याज दरें अभी भी ऊंची हैं – EMI का बोझ बढ़ा तो लोग सोचने पर मजबूर
3. महंगाई ने तो पहले ही जेबें हल्की कर दी थीं – अब ये नया झटका

किसका क्या कहना?

इस पूरे मामले पर हर कोई अपना-अपना राग अलाप रहा है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट्स तो बिल्डर्स पर ही भड़के हुए हैं – कह रहे हैं कि जल्दबाजी में कीमतें बढ़ाकर उन्होंने बाजार का मूड खराब कर दिया। वहीं होमबायर्स? उनकी तो बस एक ही राय है – “भई, अब wait and watch से बेहतर कोई ऑप्शन नहीं।” सच कहूं तो समझ भी आता है उनका।

दूसरी तरफ CREDAI (बिल्डर्स वालों का ग्रुप) अपनी मजबूरी बता रहा है – “भाई, कंस्ट्रक्शन मटीरियल और जमीन की कीमतें बढ़ी हैं, तो हम क्या करें?” उनका ये भी कहना है कि अच्छी क्वालिटी की प्रॉपर्टीज की डिमांड अभी भी बनी हुई है। पर सवाल ये है कि कितने लोगों की पहुंच में हैं ये प्रॉपर्टीज?

आगे क्या होगा?

अगर यही हाल रहा तो एक्सपर्ट्स की मानें तो स्थिति और बिगड़ सकती है। RBI अगर ब्याज दरें कम कर दे तो कुछ राहत मिल सकती है। कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि अगले 6 महीनों में बिल्डर्स को प्रोमोशनल ऑफर्स देनी पड़ेंगी – शायद फ्लैट्स का साइज घटाकर भी। मतलब साफ है – बिक्री बढ़ाने के लिए कुछ भी करना पड़ेगा!

सच तो ये है कि रियल एस्टेट सेक्टर अभी बड़े दौर से गुजर रहा है। एक तरफ बिल्डर्स की लागत और मुनाफे की चिंता, दूसरी तरफ आम आदमी की घटती खरीदने की ताकत। अब देखना ये है कि आने वाले समय में ये तनाव कैसे सुलझता है – क्योंकि अंततः ये सब इकोनॉमिक पॉलिसीज और बिल्डर्स की स्ट्रैटेजी पर ही निर्भर करेगा। आपको क्या लगता है – क्या हालात सुधरेंगे या और बिगड़ेंगे?

यह भी पढ़ें:

मकान की कीमतों में आसमान छूती बढ़त, पर बिक्री गिरी ज़मीन पर – क्या करें आप?

1. भई, ये 11% कीमतों में उछाल आया कहाँ से?

देखिए, असल में तो दो-तीन चीज़ें एक साथ हुई हैं। एक तो construction cost – सीमेंट, लोहा, सबकी कीमतें आसमान पर। दूसरा, builders का मूड – जब लागत बढ़ी तो उन्होंने भी prices ऊपर कर दिए। और सबसे मज़ेदार बात? शहरों में अच्छी properties की कमी है, पर खरीददारों की लाइन लगी है। तो जो सप्लाई कम और डिमांड ज़्यादा… समझ गए ना गणित?

2. बिक्री गिरी 20% – ये कैसा उलटा खेल है?

अरे भई, आप भी न! घर लेने के लिए loan चाहिए न? और अब home loan interest rates देखो – पहले 6.5% था, अब 8.5% पर पहुँच गया। ऊपर से महंगाई ने तो जैसे कमर तोड़ दी। अब आम आदमी की जेब पर क्या बीत रही होगी, आप समझ सकते हैं। जब EMI और grocery bill दोनों आसमान छूने लगें, तो property purchase थोड़ा टाल ही जाता है ना?

3. क्या ये हालात लंबे समय तक चलेंगे?

ईमानदारी से कहूँ तो… ये RBI के हाथ में है। अगर वो loan rates को कंट्रोल कर ले और महंगाई थोड़ी शांत हो, तो स्थिति बदल सकती है। पर मेरा personal अनुमान? अगले 6-8 महीने तक तो ये रुख बना रहेगा। हालांकि real estate market में कभी भी surprise हो सकता है – पॉजिटिव भी!

4. सबसे बड़ा सवाल: अभी खरीदूँ या रुक जाऊँ?

लिस्टन करो! अगर आपका प्लान 10+ साल का है, तो ये dip शायद golden opportunity हो। लेकिन अगर 2-3 साल में profit निकालने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा और इंतज़ार करना समझदारी होगी। मेरा सुझाव? अपने local market को close से observe करो – कहीं कोई अच्छा deal मिल जाए तो छोड़ना मत। पर जल्दबाज़ी? बिल्कुल नहीं!

एक last बात… real estate में patience ही king है। सच कहूँ तो!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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