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“AAP दूर, ममता मंजूर… INDIA गठबंधन का मॉनसून सत्र पर बड़ा फैसला! | SIR से डर क्यों?”

AAP दूर, ममता मंजूर… INDIA गठबंधन का मॉनसून सत्र पर बड़ा फैसला! | SIR से डर क्यों?

आज का दिन भारतीय राजनीति के लिए क्या कोई टर्निंग पॉइंट साबित होगा? देखिए, सोनिया गांधी की अध्यक्षता में आज शाम INDIA गठबंधन की बैठक होने वाली है – और यह कोई सामान्य बैठक नहीं है। 21 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र की रणनीति पर यहाँ फैसले होंगे। मजे की बात यह कि जहाँ AAP इससे दूरी बना रही है, वहीं TMC के शामिल होने से गठबंधन में नई जान आ सकती है। और हाँ, एजेंडे में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और महिला सुरक्षा जैसे गरमा-गरम मुद्दे शामिल हैं। क्या यह सब मिलकर विपक्ष को एक मजबूत मोर्चा बनाने में मदद करेगा? चलिए समझते हैं।

गठबंधन की चुनौतियाँ: एक पेंचीदा खेल

असल में, INDIA गठबंधन तो बना था 2024 में BJP को टक्कर देने के लिए। लेकिन यार, राजनीति में सब कुछ इतना आसान कहाँ होता है? AAP और TMC के बीच का यह तनाव देखिए – जैसे दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सियासत ने उनके बीच एक दीवार खड़ी कर दी हो। और अब जब मॉनसून सत्र जैसे अहम मौके पर बैठक हो रही है, तो AAP का गायब होना साफ बता रहा है कि गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।

मॉनसून सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि विपक्ष को लगता है कि महंगाई, बेरोजगारी और हिंसा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का यह सही मौका है। पहलगाम हमला हो या मणिपुर हिंसा – हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है। पर सवाल यह कि क्या विपक्ष इतना एकजुट है कि सरकार को असहज कर सके?

बैठक के मुख्य मुद्दे: क्या-क्या है मेनू में?

तो चलिए बैठक के मेनू पर नजर डालते हैं। एक तरफ AAP ने साफ कह दिया है कि TMC से मतभेद के चलते वह नहीं आएगी। दूसरी ओर, TMC ने गठबंधन के साथ खड़े रहने का इशारा किया है। ममता दीदी की पार्टी तो इस प्लेटफॉर्म पर बनी रहना चाहती है। और बैठक में तीन मुख्य डिशेज पर चर्चा होगी:

  • पहलगाम आतंकी हमले में सरकार की भूमिका पर सवाल
  • मणिपुर हिंसा (ऑपरेशन सिंदूर) पर सरकार की नाकामी
  • देश भर में महिलाओं की सुरक्षा का बिगड़ता हाल

दलों की प्रतिक्रियाएँ: कौन क्या बोला?

इस पूरे मामले पर दलों ने क्या-क्या बोला, वह भी दिलचस्प है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा – “गठबंधन एकजुट है, छोटे-मोटे मतभेद तो होंगे ही।” वहीं AAP के प्रवक्ता ने साफ कर दिया – “TMC से बातचीत के बिना बैठक में जाना मुश्किल है।” और TMC? उनका कहना है – “हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और सरकार को घेरेंगे।” सब अपनी-अपनी राग अलाप रहे हैं।

आगे की राह: उलझनें और संभावनाएँ

मॉनसून सत्र में विपक्ष की रणनीति साफ दिख रही है – मणिपुर, आतंकवाद और आर्थिक मुद्दों पर सरकार को घेरना। पर सच कहूँ तो, असली चुनौती है एकजुट रहने की। AAP और TMC को एक मंच पर लाना वैसा ही है जैसे दो झगड़ते भाइयों को एक मेज पर बिठाना। और तो और, ये दोनों पार्टियाँ अपने-अपने राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ जमकर बोलती रही हैं।

2024 के चुनाव से पहले INDIA गठबंधन को अपनी रणनीति पर फिर से काम करने की जरूरत है। आज की बैठक शायद एक शुरुआत हो। पर सवाल यह कि क्या यह गठबंधन सच में एकजुट हो पाएगा? या फिर यह सिर्फ एक दिखावा मात्र रह जाएगा? वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तय है – मॉनसून सत्र में आग लगने वाली है। और हाँ, यह बैठक न सिर्फ संसद के इस सत्र, बल्कि आने वाले चुनावों के लिए भी अहम साबित होगी।

AAP दूर, ममता मंजूर… INDIA गठबंधन का बड़ा फैसला – जानिए पूरा माजरा!

अरे भई, राजनीति का ये खेल कितना दिलचस्प है ना? एक तरफ तो सब ‘INDIA’ नाम के साथ एकजुट दिखने की कोशिश, दूसरी तरफ AAP को मॉनसून सत्र से दूर रखने का फैसला। तो क्या ये गठबंधन वाकई मजबूत है या फिर…? चलिए, सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं।

1. भई, INDIA गठबंधन ने AAP को बाहर का रास्ता क्यों दिखाया?

सच कहूं तो ये कोई हैरानी वाली बात नहीं। दिल्ली के अधिनियमों को लेकर मतभेद तो पहले से ही थे। लेकिन असल माजरा ये है कि ममता दीदी की TMC ने इस फैसले को हरी झंडी दे दी। समझो न, एक तरह से ‘घर का भेदी…’ वाली कहावत चरितार्थ हो गई। पर सवाल ये है कि क्या ये एकता का नाटक है या फिर सच्ची एकजुटता?

2. SIR (Single Opposition Rally) से इन्हें डर क्यों लगता है?

अच्छा सवाल पूछा! देखिए ना, राजनीति में ‘हीरो’ बनने की होड़ तो लगी रहती है। SIR का मतलब ही है किसी एक नेता को स्पॉटलाइट मिल जाए। और भई, जब तक सबका ‘स्क्रीन टाइम’ बराबर न हो… तब तक तो झगड़ा होगा ही ना? बिल्कुल सीरियल की तरह – हर किरदार को अपनी ‘अहमियत’ चाहिए!

3. ममता दीदी ने इस फैसले का समर्थन क्यों किया? कोई खेल तो नहीं?

ईमानदारी से कहूं तो ममता बनर्जी समझदार हैं। उन्होंने AAP के साथ छोटे-मोटे झगड़ों को छोड़कर बड़ी तस्वीर देखी। BJP के खिलाफ लड़ाई में सबको साथ लेकर चलना जरूरी है। पर सच्चाई ये भी है कि TMC का बंगाल में AAP से सीधा टकराव है… तो क्या ये उनकी ‘चाल’ थी? हम्म… सोचने वाली बात है!

4. क्या 2024 में ये फैसला चुनावी समीकरण बदल देगा?

अब ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन मेरी नजर में, अगर ये गठबंधन टूटा तो BJP के लिए मौका। और अगर चल पड़ा तो… वाह! मजा आ जाएगा। पर एक बात तय है – 2024 का चुनाव ध्रुवीकरण के नाम पर जाएगा। और हां, हम सबको तमाशा देखने को मिलेगा। क्या आप तैयार हैं?

तो ये थी पूरी कहानी… थोड़ी सियासत, थोड़ी चालाकी, और बहुत सारा ‘वेट एंड वॉच’। अब आप ही बताइए – क्या ये गठबंधन टिकेगा या फिर…? कमेंट में जरूर बताएं!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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