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अडानी ग्रुप पर FCPA उल्लंघन का आरोप नहीं, अमेरिकी जांच में क्या सामने आया?

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अडानी ग्रुप पर FCPA उल्लंघन का आरोप नहीं, पर अमेरिकी जांच में क्या चल रहा है?

परिचय

अडानी ग्रुप के AGM में गौतम अडानी ने FCPA से जुड़े सारे आरोपों को साफ़-साफ़ खारिज कर दिया। असल में, अमेरिकी एजेंसियों की जांच में भी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला। तो आज हम बात करेंगे कि ये FCPA है क्या, जांच में क्या हुआ, और कंपनी ने कैसे इस पर प्रतिक्रिया दी।

1. FCPA समझिए थोड़ा

1.1 ये क्यों बना?

बस एक ही मकसद – अमेरिकी कंपनियों को विदेशों में घूसखोरी से रोकना। ताकि इंटरनेशनल बिजनेस में सब कुछ साफ-सुथरा चले।

1.2 इसके मुख्य नियम

2. अडानी पर जांच क्यों शुरू हुई?

2.1 पूरा मामला क्या है?

कुछ लोगों को अडानी के कुछ इंटरनेशनल डील्स पर शक हुआ। अमेरिकी एजेंसियों ने सोचा कि शायद FCPA के नियम तोड़े गए हों, इसलिए जांच शुरू की।

2.2 किस-किस ने जांच की?

अमेरिकी DOJ और SEC ने मिलकर इसकी जांच की। ये दोनों ही बड़ी पावरफुल एजेंसियां हैं।

3. जांच का नतीजा क्या रहा?

3.1 क्या कोई चार्ज लगा?

गौतम अडानी ने खुद कहा – “जांच पूरी हो चुकी है, और हमारे खिलाफ कोई केस नहीं बना।” अमेरिकी एजेंसियों ने भी अभी तक कोई आधिकारिक चार्जशीट जारी नहीं की है।

3.2 जांच में क्या-क्या हुआ?

4. अडानी ग्रुप ने क्या कहा?

4.1 गौतम अडानी का स्टैंड

उन्होंने साफ कहा – “शोर तो बहुत हुआ, लेकिन हकीकत यही है कि हमारे किसी भी एम्प्लॉयी पर कोई आरोप नहीं लगा।” कंपनी ने अपने कॉम्प्लायंस और ट्रांसपेरेंसी पर जोर दिया।

4.2 मार्केट पर क्या असर हुआ?

जांच के दौरान शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव हुआ, लेकिन अब निवेशकों का भरोसा वापस आ रहा है।

5. आखिरी बात

जांच में अडानी ग्रुप बेदाग निकला। ये केस बिजनेस में साफ-सुथरे तरीके से काम करने के महत्व को दिखाता है, खासकर जब आप ग्लोबल लेवल पर खेल रहे हों।

Source: Hindustan Times – Business | Secondary News Source: Pulsivic.com

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