आगरा धर्मांतरण मामला: क्रिप्टो करेंसी से फंडिंग का खेल और एक हैरान कर देने वाला खुलासा!
अरे भाई, आगरा का यह धर्मांतरण केस तो हर रोज़ नए-नए मोड़ ले रहा है! अभी ताज़ा अपडेट क्या मिला? गिरफ्तार आरोपी रहमान कुरैशी ने पुलिस के सामने कुछ ऐसा कबूल किया जिसने सबको चौंका दिया। मामला अब सिर्फ स्थानीय नहीं रहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। और सबसे दिलचस्प बात? यह लड़का जिसने सिर्फ 12वीं पास की है, वो 12 कंप्यूटर भाषाएं जानता है! क्या बात है न? जांचकर्ताओं के लिए तो ये पहेली से कम नहीं।
असल में बात ये है कि आगरा में एक बड़ा धर्मांतरण रैकेट चल रहा था। लोगों को झांसे में लेकर उनका धर्म बदलवाया जा रहा था। पुलिस ने महीनों की मेहनत के बाद इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया। लेकिन यहाँ सबसे बड़ा ट्विस्ट क्या आया? पैसों का सोर्स! ये लोग क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेशों से फंडिंग ले रहे थे। अब आप ही बताइए, जब डिजिटल करेंसी में पैसा आएगा तो ट्रैक करना आसान होगा भला? पुलिस वालों के लिए तो सरदर्द बढ़ गया।
अब इस मामले में नया मसाला और डाल दो। रहमान ने ये भी माना कि उसने अपनी टेक्निकल नॉलेज का गलत इस्तेमाल किया। सुनकर हैरानी होती है ना? 12वीं पास लड़का जो 12 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जानता हो! मतलब साफ है – टैलेंट तो था, लेकिन दिशा गलत चुन ली। पुलिस अब इस नेटवर्क के और सदस्यों की तलाश में जुट गई है। डर इस बात का है कि यह गिरोह देश के दूसरे हिस्सों में भी सक्रिय हो सकता है।
इस मामले ने तो हर तरफ हलचल मचा दी है। पुलिस वाले कह रहे हैं, “ये केस तकनीकी रूप से बेहद पेचीदा है। हमें क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ट्रैक करने के लिए एक्सपर्ट्स की मदद लेनी पड़ रही है।” वहीं स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ धर्मांतरण का मामला नहीं, देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। सोशल वर्कर्स की चिंता अलग – उन्हें लगता है कि यह तो सिर्फ ऊपरी परत है, जड़ें बहुत गहरी हैं।
तो अब सवाल यह है कि आगे क्या? पुलिस की अगली चाल क्या होगी? क्रिप्टो के पैसे का सोर्स ढूंढना आसान नहीं, लेकिन नामुमकिन भी नहीं। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि आरोपियों पर धर्मांतरण, धोखाधड़ी और साइबर क्राइम के मामले दर्ज होंगे। सरकार की तरफ से नई गाइडलाइंस आने की भी बात चल रही है। सच कहूँ तो, यह मामला एक बार फिर यह दिखा गया है कि गैरकानूनी फंडिंग और धर्मांतरण के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। अब देखना है कि जांच एजेंसियाँ इस जाल को कितनी जल्दी पूरी तरह से उखाड़ फेंकती हैं। एकदम धमाकेदार केस है, है ना?
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आगरा धर्मांतरण मामला: क्रिप्टो से फंडिंग का खेल – आपके सवाल, हमारे जवाब
ये केस सुनकर हैरानी होती है न? क्रिप्टो और धर्मांतरण का कनेक्शन… सोचने वाली बात है। चलिए, आपके मन में उठ रहे सवालों को शांत करते हैं।
1. भईया, क्रिप्टो का इस पूरे मामले में क्या हाथ है?
सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन जांच में पता चला है कि पैसों का लेन-देन क्रिप्टो करेंसी के जरिए हुआ। गिरफ्तार आरोपियों ने खुद ही माना कि उन्होंने Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल किया। स्मार्ट तरीका सोचा था, पर पुलिस से छिपा पाए क्या?
2. अब तक कितने लोग पकड़े गए? और क्या कोई बड़ा नाम सामने आया?
देखिए, अभी तक 4-5 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें वो मुख्य आरोपी भी शामिल है जिसने इस पूरे खेल को अंजाम दिया। लेकिन यहां दिलचस्प बात ये है कि पुलिस को शक है कि ये सिर्फ टिप ऑफ द आइसबर्ग है। और भी नाम आ सकते हैं।
3. सुनने में तो क्रिप्टो का इस्तेमाल गैरकानूनी नहीं लगता… फिर दिक्कत क्या है?
अरे नहीं! क्रिप्टो करेंसी पर कोई पाबंदी तो नहीं है। लेकिन सवाल ये है कि आप इसका इस्तेमाल किस लिए कर रहे हैं? अगर पैसे से धर्म बदलवाने जैसे गैरकानूनी काम करवाए जा रहे हैं, तो फिर ये सीधा अपराध बन जाता है। समझे न? जैसे चाकू से सब्जी काटो तो ठीक, पर किसी को घायल कर दो तो अपराध!
4. पुलिस की जांच कहां तक पहुंची? क्या कुछ नया पता चला है?
पुलिस वालों ने कमर कस ली है। वो अभी तीन चीजों पर फोकस कर रहे हैं:
– क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स का पूरा रिकॉर्ड निकालना
– पैसों का सोर्स ट्रेस करना
– इस नेटवर्क में शामिल सभी लोगों की पहचान
सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि क्या कोई बड़ा संगठन इसके पीछे है? अभी तक तो कुछ साफ नहीं, लेकिन जल्द ही कुछ बड़ा खुल सकता है। हमें इंतजार करना होगा!
क्या आपको लगता है क्रिप्टो का इस तरह का गलत इस्तेमाल बढ़ेगा? कमेंट में बताइएगा जरूर!
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com