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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: पायलटों के आखिरी 5 शब्द – “मैंने फ्यूल कट नहीं किया…” जानें पूरी वारदात!

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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: पायलटों के आखिरी शब्दों ने जांच को नया मोड़ दे दिया!

दोस्तों, अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुआ वह विमान हादसा अब भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहा है। सोचिए, एक विमान उड़ान भरता है और महज 3 सेकंड बाद… दोनों इंजन फेल! है ना चौंकाने वाली बात? लेकिन असली झटका तो तब लगा जब CVR में पायलटों के आखिरी शब्द सामने आए – “मैंने फ्यूल कट नहीं किया…”। ये शब्द क्या सच में इतने मायने रखते हैं? आइए समझते हैं।

वो भयानक 120 सेकंड जिसने सबकी सांसें थाम दीं

15 अक्टूबर की सुबह… वो भी अहमदाबाद एयरपोर्ट पर। 136 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स को क्या पता था कि उनकी ज़िंदगी के सबसे डरावने 2 मिनट शुरू होने वाले हैं? विमान तो सामान्य तरीके से उड़ा, लेकिन फिर? अचानक से सब कुछ बदल गया। जांच में पता चला – फ्यूल सिस्टम और इंजन कंट्रोल दोनों ने साथ छोड़ दिया था। पर यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि ऐसा क्यों हुआ? क्या वाकई ये सिर्फ तकनीकी खराबी थी या फिर कोई मानवीय गलती?

एक तरफ तो ये पूरी घटना डरावनी है, लेकिन दूसरी तरफ ये भी सच है कि पायलटों की कुशलता ने 142 लोगों की जान बचा ली। सोचिए, अगर वो इमरजेंसी प्रोटोकॉल को फॉलो न करते तो क्या होता?

CVR ने खोले राज – क्या सच में थी ये गलती?

जांचकर्ताओं ने जब फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और CVR की रिपोर्ट देखी तो उनके होश उड़ गए। दो चीज़ें सामने आईं:
1. उड़ान भरने के ठीक 3 सेकंड बाद इंजन फेल
2. पायलट का वो बयान – “मैंने फ्यूल कट नहीं किया…”

अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सच में पायलट की गलती थी? या फिर कोई और तकनीकी समस्या? विशेषज्ञों का कहना है कि ये या तो फ्यूल लीकेज की ओर इशारा करता है, या फिर… और यहां मैं थोड़ा सावधानी से कहूंगा… शायद प्री-फ्लाइट चेकलिस्ट में कोई चूक हो गई हो।

एयरलाइन्स का जवाब – क्या ये काफी है?

एयर इंडिया ने तो वही बयान दिया जो हर एयरलाइन ऐसे मौकों पर देती है – “हम DGCA की जांच में पूरा सहयोग करेंगे…”। लेकिन यात्रियों का सवाल ये है कि क्या ये काफी है? एक यात्री ने तो मुझे बताया, “सर, हमारी जान बच गई ये तो अच्छी बात है, लेकिन अगली बार?”

विमानन एक्सपर्ट्स की राय? उनका कहना है कि ये घटना पायलट ट्रेनिंग और एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस पर बड़े सवाल खड़े करती है। और सच कहूं तो… उनकी ये बात बिल्कुल सही लगती है।

अब क्या? क्या बदलेगा?

DGCA की जांच चल रही है, और हमें फाइनल रिपोर्ट के लिए 3 महीने इंतज़ार करना होगा। लेकिन क्या सिर्फ जांच काफी है? मेरा मानना है कि एयर इंडिया को अपने फ्यूल सिस्टम से लेकर इंजन चेकअप तक – हर प्रक्रिया पर नए सिरे से सोचना होगा।

और हां… ये घटना सिर्फ एक हादसा नहीं है। ये एक चेतावनी है। एक ऐसी चेतावनी जो हमें याद दिलाती है कि मानव जीवन से बड़ा कुछ नहीं। और इस मामले में कोई भी लापरवाही… सच कहूं तो बिल्कुल भी माफ़ नहीं।

क्या आपको नहीं लगता कि अब वक्त आ गया है जब हमें विमानन सुरक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए? कमेंट में बताइए आपकी क्या राय है…

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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