AI-171 हादसा: 259 पीड़ितों की पहचान, लेकिन एक शख्स आज भी ‘अनजान’!
क्या हुआ था?
दोस्तों, AI-171 विमान हादसा हमारे देश के लिए एक बेहद दुखद घटना थी। असल में देखा जाए तो, इस मामले में technology ने बड़ी भूमिका निभाई। DNA testing और facial recognition जैसी तकनीकों की मदद से 259 पीड़ितों को पहचाना जा सका। लेकिन हैरानी की बात ये है कि एक शख्स के बारे में आज भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। क्या ये कोई रहस्य है या फिर technology की कोई सीमा? आइए समझते हैं।
वो भयानक दिन
15 मार्च की काली सुबह
ये घटना दिल्ली के पास 15 मार्च 2023 को हुई थी। एक पल में 260 लोगों की जान चली गई। भारतीय aviation history में ये सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक मानी जा रही है। विमान के मलबे से लाशें निकालने का काम कई दिनों तक चला।
जब NDRF ने दिखाई मिसाल
हादसे के बाद NDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुँच गईं। उन्होंने मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात काम किया। पर सच तो ये है कि कई शव इतने जले हुए थे कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था। ये वाकई एक दिल दहला देने वाला मंजर था।
पहचान का सफर
DNA testing: सबसे भरोसेमंद तरीका
253 पीड़ितों को DNA testing के जरिए पहचाना गया। इसके लिए परिवारों के samples लिए गए और फिर उनकी मिलान प्रक्रिया की गई। अच्छी बात ये है कि ये method 99.9% accurate होता है। इससे परिवारों को कम से कम अपने लोगों का अंतिम संस्कार करने में मदद मिली।
Facial recognition: जहाँ DNA फेल हुआ
6 मामलों में facial recognition तकनीक काम आई। जिन शवों के चेहरे आंशिक रूप से सुरक्षित थे, उन्हें इस तकनीक से पहचाना गया। लेकिन याद रखिए, ये तकनीक पूरी तरह से जले हुए चेहरों पर काम नहीं कर पाती।
वो एक रहस्यमय शख्स
Experts के मुताबिक, एक व्यक्ति की पहचान न हो पाने के पीछे दो वजहें हो सकती हैं – या तो उसका कोई DNA sample नहीं मिला, या फिर technology की कोई limitation रही। अधिकारी अभी भी इस पर काम कर रहे हैं।
आगे की राह
Technology का बढ़ता रोल
ऐसे हादसों में DNA और facial recognition जैसी तकनीकें वाकई game changer साबित होती हैं। भविष्य में इन्हें और बेहतर बनाने की जरूरत है ताकि हर पीड़ित की पहचान हो सके।
Privacy का सवाल
यहाँ एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या हम इतने sensitive data को सुरक्षित रख पाएँगे? सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि पीड़ितों के परिवारों का डेटा safe रहे।
आखिर में
AI-171 हादसे ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। एक तरफ जहाँ technology ने 259 लोगों की पहचान में मदद की, वहीं एक अनसुलझा रहस्य भी बाकी है। अब सवाल ये है कि क्या हम भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए बेहतर तैयार हो पाएँगे?
लोगों के सवाल (FAQ)
1. क्या सभी पीड़ितों को पहचान लिया गया है?
260 में से 259 की पहचान हो चुकी है – 253 DNA से और 6 facial recognition से। बस एक शख्स का राज अभी तक नहीं खुला।
2. DNA टेस्ट में कितना वक्त लगता है?
आमतौर पर 2-4 हफ्ते, लेकिन ऐसे बड़े हादसों में ये टाइम बढ़ भी सकता है।
3. क्या फेशियल रिकग्निशन 100% सही होता है?
बिल्कुल नहीं! ये तकनीक perfect नहीं है, खासकर जब चेहरा बुरी तरह damage हो चुका हो।
4. आखिरी व्यक्ति की पहचान कैसे होगी?
अधिकारी परिवारों से और जानकारी जुटा रहे हैं। अगर कोई नया DNA sample मिलता है, तो उसे डेटाबेस से मैच किया जाएगा।
Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com