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“स्मार्ट वॉर रूम में AI और ड्रोन की दस्तक! 2 साल में कैसे बदलेगी भारतीय सेना की रणनीति?”

स्मार्ट वॉर रूम में AI और ड्रोन की दस्तक! क्या सच में 2 साल में बदल जाएगी भारतीय सेना की गेम?

देखो, अब युद्ध के मैदान का नज़ारा बदलने वाला है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने जो ऐलान किया है, वो किसी साइंस फिक्शन मूवी का सीन लगता है – Artificial Intelligence (AI) और Drone Technology अब हमारी सेना का हिस्सा बनने जा रही है! असल में बात ये है कि अगले दो साल में हमारी मिलिट्री ऑपरेशंस की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी। सोचो, जब AI और ड्रोन्स फील्ड में उतरेंगे तो मिशन कितने ज्यादा प्रिसाइज और फास्ट हो जाएंगे। और हां, ये सिर्फ हमारी बात नहीं है – पूरी दुनिया की सेनाएं इसी दिशा में भाग रही हैं।

क्यों जरूरी हो गया ये बदलाव? एक बैकस्टोरी

2019 के बालाकोट स्ट्राइक और गलवान घाटी की घटनाओं ने हमारी आंखें खोल दीं। सच तो ये है कि पुराने तरीके अब काम नहीं करेंगे। अमेरिका हो या चीन, सब AI-based warfare systems पर भारी पैसा लगा रहे हैं। Autonomous Weapons से लेकर Drone Swarms तक – ये कोई फैंसी टर्म्स नहीं, बल्कि आज की रियलिटी है। और अच्छी बात ये कि हम भी पीछे नहीं हैं। DRDO वाले तो जैसे अपनी कमर कस चुके हैं – Drone Swarm Technology से लेकर AI-driven Surveillance तक, सब पर काम चल रहा है।

स्मार्ट वॉर रूम: जहां AI होगा कमांडर का ‘राइट हैंड’

अब ये जो नया स्मार्ट वॉर रूम आ रहा है, इसमें AI Real-time Data Analysis करेगा। मतलब सेकंड्स में हजारों डेटा पॉइंट्स को प्रोसेस करके कमांडर्स को बेस्ट डिसीजन लेने में मदद करेगा। और हमारे स्वदेशी ड्रोन्स? Rustom और Tapas जैसे ड्रोन्स तो 24×7 सीमा पर नजर रखेंगे। साइबर सिक्योरिटी की बात करें तो AI हैकर्स को पकड़ने में मदद करेगा। सबसे अच्छी बात? ये सारी टेक्नोलॉजी ‘Make in India’ के तहत डेवलप हो रही है – DRDO और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम कर रहे हैं।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं? सुनिए जरा

मेजर जनरल (रिटायर्ड) अमित प्रसाद जैसे एक्सपर्ट्स तो इसे सेना के लिए Game Changer मानते हैं। उनका कहना है – “AI और Drones अब ऑप्शनल नहीं, जरूरत बन चुके हैं।” डिफेंस एनालिस्ट रितु शर्मा की मानें तो इससे न सिर्फ सैनिकों की जान बचेगी, बल्कि ऑपरेशन्स की स्पीड और एक्यूरेसी भी बढ़ेगी। और रक्षा मंत्रालय का स्टैंड क्लियर है – हमें अपनी सेना को फ्यूचर-रेडी बनाना है।

आगे का रास्ता: मौके हैं, चुनौतियां भी

2025 तक का टारगेट है पूरी तरह AI और Drone Technology को इंटीग्रेट करने का। Autonomous Combat Vehicles से लेकर AI-powered Missile Defense Systems तक – बहुत कुछ पाइपलाइन में है। पर एक दिक्कत है – Cyber Security और Data Privacy को लेकर चिंताएं भी हैं। जैसे हम तलवार बना रहे हैं, वैसे ही ढाल भी जरूरी है न? एक्सपर्ट्स का कहना है कि Robust Cyber Defense Mechanisms भी उतने ही जरूरी हैं।

अंत में बस इतना – ये नई टेक्नोलॉजी हमारी सेना को न सिर्फ मॉडर्न बनाएगी, बल्कि दुनिया के सामने एक आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर भी पेश करेगी। और हां, अगले कुछ सालों में जब आप कोई डिफेंस न्यूज देखेंगे, तो शायद AI और ड्रोन्स के बिना कोई खबर ही न मिले!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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