एयर इंडिया फ्लाइट कैंसल: दिल्ली-कोलकाता उड़ान में तकनीकी खराबी, हादसे से बचाव!

एयर इंडिया फ्लाइट कैंसल: दिल्ली-कोलकाता उड़ान में तकनीकी खराबी, हादसे से बचाव!

सोमवार की सुबह। दिल्ली एयरपोर्ट। एयर इंडिया का AI2403 फ्लाइट कोलकाता जाने वाला था। लेकिन जैसे ही यात्री बोर्डिंग पूरी हुई, कुछ गड़बड़ हो गया। विमान में तकनीकी खराबी! सच कहूं तो यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी यात्रियों को भारी परेशानी हुई। अच्छी बात यह रही कि एयरलाइन ने तुरंत फ्लाइट कैंसल करके यात्रियों को सुरक्षित उतार दिया। पर सवाल तो उठता ही है – कब तक?

असल में देखा जाए तो एयर इंडिया पिछले कुछ महीनों से बुरी खबरों में ही है। एक तरफ तो टाटा का अधिग्रहण हुआ था, सबको लगा था अब सब ठीक हो जाएगा। लेकिन दूसरी तरफ… ये तकनीकी गड़बड़ियां, क्रू की कमी, ईंधन लीकेज – ये सब कम नहीं हुआ। क्या आपको पता है? पिछले तीन महीने में ये चौथा केस है जब तकनीकी वजह से फ्लाइट कैंसल हुई। सोचिए, अगर आप उन यात्रियों में से एक होते तो?

एयर इंडिया ने इस बार भी वही रटा-रटाया जवाब दिया। “हमने वैकल्पिक व्यवस्था की… हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी मिली… हम माफी मांगते हैं।” सुनने में अच्छा लगता है, पर क्या ये काफी है? एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक यात्री तो इतना गुस्से में था कि उसने कहा – “अगली बार ट्रेन से जाऊंगा!” हालांकि, एयरलाइन वाले सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात करते हैं। सही भी है, लेकिन क्या बार-बार ऐसा होना सही है?

अब बड़ा सवाल – आगे क्या? DGCA की जांच तो होगी ही। शायद कुछ फाइन भी लगे। पर असल चुनौती है यात्रियों का भरोसा वापस जीतना। मेरा मानना है कि एयर इंडिया को अपने पूरे बेड़े की जांच करनी चाहिए। एकदम बारीकी से। वरना… अगली बार शायद भाग्य साथ न दे।

आखिर में एक बात साफ है – ये घटना सिर्फ एक फ्लाइट कैंसल की कहानी नहीं है। ये एक वेक-अप कॉल है। एयर इंडिया के लिए, टाटा ग्रुप के लिए, और पूरे एविएशन सेक्टर के लिए। सुरक्षा और विश्वसनीयता – ये दो चीजें जिन पर कोई समझौता नहीं हो सकता। सच कहूं तो?

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एयर इंडिया फ्लाइट कैंसल? जानिए सारे जवाब और कुछ ज़रूरी बातें!

1. भईया, ये दिल्ली-कोलकाता फ्लाइट आखिर कैंसल क्यों हुई?

देखिए, technical गड़बड़ी तो कभी भी हो सकती है – हमारी गाड़ियों की तरह! एयर इंडिया ने safety को ध्यान में रखते हुए फ्लाइट रोक दी। और सच कहूं तो यही सही फैसला था। कल्पना कीजिए, अगर risk लेकर उड़ान भरते और mid-air कोई दिक्कत आ जाती? नहीं न!

2. अच्छा, तो अब सवाल यह है कि पैसेंजर्स को क्या-क्या मिलेगा?

DGCA के rules तो clear हैं – या तो alternate flight, या फिर पैसे वापस। पर असल में? एयरलाइन्स अक्सर पहला option choose करती हैं। एक छोटी सी tip: हमेशा airline की official website चेक करें, क्योंकि policies थोड़ी-बहुत अलग हो सकती हैं।

3. सुनने में तो technical issues common लगते हैं… सच्चाई क्या है?

ईमानदारी से कहूं? जितनी बार आपकी bike या car में problem आती है, उससे कहीं कम! Airlines रोज़ maintenance करती हैं, लेकिन मशीनें हैं – कभी-कभार तो खराब होगी ही। Important बात यह है कि safety compromise नहीं होती।

4. Future में ऐसी झंझट से बचने का कोई जुगाड़?

मेरा personal experience बताता हूं:
– Flight से 2-3 घंटे पहले status ज़रूर चेक करें (website या customer care पर)
– Travel insurance? जी हां! छोटा सा premium, पर बड़ी मुसीबत में काम आता है
– Morning की flights लें – technical issues ज़्यादातर delay होने पर ही होती हैं

एकदम practical tips, है न? 😊

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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