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“एयरपोर्ट कांड के 20 साल बाद… पुलिस का पीछा खत्म, जानें पूरा मामला!”

एयरपोर्ट कांड के 20 साल बाद… पुलिस का पीछा खत्म, पर क्या सच में खत्म हुआ मामला?

दिल्ली का IGI एयरपोर्ट… जहाँ हर रोज हज़ारों लोग आते-जाते हैं। लेकिन आज बात एक ऐसे शख्स की जिसने 2004 में यहाँ से फरार होकर पुलिस को 20 साल तक चकमा दिया। सच कहूँ तो, ये केस उतना ही दिलचस्प है जितना कोई बॉलीवुड थ्रिलर! तकनीक और पुलिस की मेहनत ने आखिरकार इस आरोपी को पकड़ ही लिया, जो फर्जी पासपोर्ट के साथ विदेश भागने की कोशिश में था।

2004 की वो रात: जब पकड़ा गया था मगर छूट गया था

कल्पना कीजिए – 2004 का साल, मोबाइल फोन अभी ‘बड़ी बात’ थे। इसी दौरान हमारा ये ‘स्मार्ट’ आरोपी फर्जी पासपोर्ट लेकर एयरपोर्ट पहुँचा। पर भईया, एयरपोर्ट स्टाफ भी कोई कम नहीं! उन्हें शक हुआ और पासपोर्ट की जाँच में पता चला – सब नकली। हिरासत में लिया गया, मगर जमानत मिलते ही ये भाग निकला। पुलिस ने कितने ही छापे मारे, पर ये गायब ही रहा। ऐसा लगा जैसे मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन… कहते हैं न, पुलिस की फाइलें कभी बंद नहीं होतीं!

तकनीक ने पकड़वाया: आधार ने किया धोखेबाज़ का खेल खत्म

अब सवाल ये कि आखिर 20 साल बाद कैसे पकड़ा गया? दरअसल, तकनीक ने यहाँ जादू किया। साइबर सेल और आधार डेटाबेस की मदद से पता चला कि ये बिहार के एक गाँव में ‘नए अवतार’ में जी रहा था। सोचिए न, नाम बदलकर साधारण जीवन जीने की कोशिश… पर तकनीक के आगे सब फेल। दिल्ली पुलिस की टीम ने धर दबोचा। है न मजेदार? जो आदमी 20 साल से छिप रहा था, वो आखिरकार हार गया।

किसने क्या कहा? – पुलिस से लेकर परिवार तक

पुलिस तो खुशी से झूम रही है। एक अधिकारी ने कहा, “ये हमारी जिद का नतीजा है।” वहीं आरोपी के परिवार वाले हैरान – “हमें तो पता ही नहीं था वो कहाँ है!” एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि इस घटना के बाद सुरक्षा प्रक्रियाओं पर फिर से विचार होगा। मतलब साफ है – अब और सख्ती होगी।

अब क्या? – न्याय की लंबी राह

अब ये मामला कोर्ट में जाएगा। सुनवाई होगी, सबूत पेश होंगे। एयरपोर्ट प्रशासन नई तकनीकें लाने पर विचार कर रहा है। और पुलिस? वो तो अब और फरारों की तलाश में जुट जाएगी। सीख क्या मिली? भागने से कुछ नहीं मिलता। चाहे 20 साल लग जाएं, न्याय अपना रास्ता खोज ही लेता है। एक तरह से देखें तो ये पुलिस के लिए बड़ी जीत है… पर सच्चाई ये भी है कि 20 साल तक एक आरोपी छिपा रहा – ये सोचने वाली बात है।

क्या आपको लगता है इस तरह के मामलों में सजा जल्दी मिलनी चाहिए? कमेंट में बताइए!

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एयरपोर्ट कांड के 20 साल बाद… पूरा मामला! – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. एयरपोर्ट कांड क्या था और कब हुआ था?

देखिए, ये वो मामला था जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा था। 20 साल पहले की बात है, जब एक high-profile case सुर्खियों में आया। बड़े-बड़े नाम फंसे थे इसमें, और अखबारों के पहले पन्ने पर हफ्तों छाया रहा। सच कहूं तो, उस वक्त लोगों को लगा था कि ये मामला कभी खत्म ही नहीं होगा।

2. अब तक इस case में क्या-क्या हुआ है?

अरे भई, इतने सालों में तो पूरी फिल्म चल चुकी है! पहले लंबी investigation, फिर कोर्ट-कचहरी के चक्कर… कुछ आरोपियों को सजा भी हुई। पर अब? अब तो पुलिस ने अपनी फाइलें बंद कर ली हैं। Legal formalities पूरी हो गई हैं, तो case भी अपने आप खत्म हो गया। लेकिन क्या सच में इतने सालों बाद न्याय मिल पाया? ये सवाल तो लोगों के मन में अब भी है।

3. क्या अभी भी इस case से जुड़े कोई accused बचे हैं?

सुनिए, कुछ नाम तो अभी भी चर्चा में हैं। पुलिस का कहना है कि अब और action नहीं लेंगे। पर कानून के जानकारों की राय? वो तो इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। एक तरफ तो पुलिस का कहना है कि case खत्म, दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि न्याय अधूरा रह गया। किसकी सुनें? ये तो समय ही बताएगा।

4. इस case का अब क्या status है?

कागजों पर तो मामला closed हो चुका है। सारी court proceedings खत्म, documents पर dust जम चुकी है। पर जनता की यादों में? वहां तो ये case आज भी जिंदा है। TV debates में अक्सर चर्चा हो जाती है, और social media पर भी कभी-कभार ये मामला गरमा जाता है। सच तो ये है कि ऐसे high-profile cases कभी पूरी तरह खत्म नहीं होते – फाइलें बंद हो सकती हैं, पर सवाल रह जाते हैं।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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