S-400 और Su-57 डील पर अजित डोभाल का बड़ा चाल! क्या मोदी सरकार रूस के साथ नया गेम प्लान कर रही है?
अरे भाई, क्या आपने सुना? हमारे पूर्व NSA अजित डोभाल ने हाल ही में रूस का दौरा किया और खूब सुर्खियाँ बटोरीं। असल में बात ये है कि ये कोई सामान्य यात्रा नहीं थी – दिल्ली और मॉस्को के बीच रक्षा सहयोग पर बड़ी बातचीत हुई है। और सबसे मजेदार बात? ये सब उस वक्त हो रहा है जब अमेरिका ने रूसी तेल पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। डोभाल साहब ने रूसी अधिकारियों के साथ S-400 और Su-57 जैसे डिफेंस डील्स पर गंभीर चर्चा की। साफ दिख रहा है न कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कितना सीरियस है!
पुरानी दोस्ती, नई मुसीबतें
देखिए, भारत और रूस का रिश्ता तो दशकों पुराना है। 2018 की S-400 डील इसी का हिस्सा थी, जिस पर अमेरिका ने CAATSA के तहत ऐंठी हुई थी। पर हमारा देश तो अपनी सुरक्षा को सबसे ऊपर रखता है – सौदा हुआ और पूरा हुआ। लेकिन अब नया ट्विस्ट आया है! अमेरिका ने रूसी तेल पर 25% टैरिफ (7 अगस्त 2025 से) लगा दिया है। सवाल ये उठता है कि क्या ये कदम हमारे रिश्तों में दरार डाल देगा? मैं तो कहूँगा… थोड़ा टेंशन तो है ही!
मॉस्को में क्या-क्या हुआ?
सूत्रों की मानें तो डोभाल साहब ने रूसी डिफेंस मंत्रालय के बड़े अधिकारियों से कई गोपनीय बातें कीं। S-400 की बाकी डिलीवरी को जल्दी पूरा करने से लेकर Su-57 फाइटर जेट्स के जॉइंट प्रोडक्शन तक की बातचीत हुई। और सबसे जबरदस्त बात? भारत ने बार-बार “रणनीतिक स्वायत्तता” पर जोर दिया। मतलब साफ है – हम अमेरिकी दबाव में नहीं झुकने वाले। क्या बात है न?
दुनिया क्या कह रही है?
इस पूरे मामले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं। हमारे विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है – राष्ट्रीय हित सर्वोपरि। वहीं अमेरिका वाले CAATSA की धमकी दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत अमेरिका और रूस के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश कर रहा है। और सच कहूँ तो ये कोई आसान काम नहीं है!
आगे क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल – भारत आगे क्या करेगा? जानकारों के मुताबिक, S-400 की अगली किश्त के लिए टाइमलाइन तय हो सकती है। Su-57 डील पर फैसला शायद मोदी-पुतिन की अगली मीटिंग में हो। और हाँ, अगर अमेरिका ज्यादा दबाव डालता है तो हमें फ्रांस, इजरायल जैसे देशों के साथ नए डील्स करने पड़ सकते हैं। गेम चेंजर मूव!
आखिरी बात: बैलेंसिंग एक्ट
डोभाल की ये यात्रा साबित करती है कि भारत अपने फैसले खुद लेगा। लेकिन अमेरिका के साथ तनाव भी बढ़ रहा है। असली टेस्ट ये होगा कि हम दोनों महाशक्तियों के बीच कैसे बैलेंस बनाए रखते हैं। आने वाले फैसले न सिर्फ हमारी सैन्य ताकत, बल्कि कूटनीतिक कौशल को भी परिभाषित करेंगे। और मैं तो कहूँगा… भारत इस गेम में मास्टर है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com