अखिलेश यादव का धीरेंद्र शास्त्री पर बड़ा हमला: ‘अंडर टेबल’ फीस का आरोप!
उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर से धर्म और पैसे का खेल शुरू हो गया है। और इस बार मामला किसी और का नहीं, बल्कि बागपत के मशहूर ‘बाबा’ धीरेंद्र शास्त्री का है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तो जैसे बवाल ही खड़ा कर दिया है। एक जनसभा में उन्होंने सीधे शास्त्री जी पर आरोप लगाया कि वो अपने प्रोग्राम्स में आम लोगों को तो भूल जाइए, सिर्फ पैसे वालों को ही एंट्री देते हैं। वो भी ‘अंडर टेबल’ मोटी रकम लेकर! सोशल मीडिया पर तो जैसे आग लग गई।
अब सवाल ये है कि आखिर ये पूरा मामला क्या है? दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री का नाम तो आपने सुना ही होगा – बागपत के बाबा बालक नाथ मंदिर के पुजारी और ‘चमत्कारी’ कार्यक्रमों के लिए मशहूर। पिछले कुछ सालों में इनका ग्राफ तेजी से ऊपर गया है। लेकिन साथ ही साथ, इन पर पैसे के लेन-देन को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। अखिलेश यादव ने तो अब इस आग में घी डालने का काम किया है। सच क्या है? क्या सच में धर्म के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है? ये सवाल अब फिर से ज़ोरों पर है।
अखिलेश यादव ने तो जैसे कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके बयान की भाषा इतनी तीखी थी कि सुनकर लगा जैसे कोई राजनीतिक बम फोड़ दिया गया हो। उनका सीधा आरोप – शास्त्री जी के प्रोग्राम्स में एंट्री के लिए लाखों रुपये की ‘अंडर टेबल’ डीलिंग होती है। और तो और, यादव ने तो यहां तक कह दिया कि इनका मकसद धर्म सेवा नहीं, बल्कि धंधा है! #धीरेंद्र_शास्त्री और #अखिलेश_यादव ट्रेंड करने लगे। पर हैरानी की बात ये कि अभी तक शास्त्री जी या उनकी टीम की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। क्या मौन स्वीकृति है? या फिर कोई बड़ा जवाब तैयार हो रहा है?
राजनीतिक गलियारों में तो इस बयान ने तूफान ला दिया है। भाजपा वाले तो जैसे आगबबूला हो गए। उनका कहना है कि ये सिर्फ हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश है। वहीं SP के लोग अखिलेश के साथ खड़े हैं – उनका कहना है कि धर्म के नाम पर लूटखसोट बंद होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर भी दो फाड़ – कुछ लोग अखिलेश के हक में हैं, तो कुछ का मानना है कि ये सिर्फ चुनावी रोटियां सेकने का तरीका है।
अब सबसे बड़ा सवाल – आगे क्या? अगर शास्त्री जी जवाब देते हैं, तो ये मामला और हवा पकड़ सकता है। कुछ राजनीतिक जानकार तो यहां तक कह रहे हैं कि ये अगले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है। और अगर कोई फॉर्मल शिकायत दर्ज हो जाए, तो ED या CBI का केस भी बन सकता है। स्थिति गंभीर है।
अंत में बात करें तो ये मामला सिर्फ धीरेंद्र शास्त्री या अखिलेश यादव तक सीमित नहीं है। ये उस बड़े सिस्टम पर सवाल है जहां धर्म, राजनीति और पैसा आपस में गड्डमड्ड हो चुके हैं। एक तरफ जहां धार्मिक नेताओं की बढ़ती ताकत पर सवाल हैं, वहीं राजनीतिक दलों के इन मुद्दों को उठाने के तरीके भी संदेह पैदा करते हैं। आने वाले दिनों में इसके और ट्विस्ट्स देखने को मिल सकते हैं। क्या आप तैयार हैं इस राजनीतिक-धार्मिक ड्रामा के अगले एपिसोड के लिए?
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अखिलेश यादव vs धीरेंद्र शास्त्री – जो विवाद चर्चा में है, उसके बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं
1. अखिलेश यादव ने धीरेंद्र शास्त्री पर क्या कहा है?
देखिए, मामला कुछ यूँ है – अखिलेश यादव ने सीधे-सीधे आरोप लगा दिया है कि धीरेंद्र शास्त्री भक्तों से मोटी फीस वसूलते हैं। और सच कहूँ तो, उनके शब्दों में “अंडर टेबल” जैसी बात कहना तो बहुत बड़ा आरोप है। पर सवाल यह है कि क्या ये सच है? क्योंकि आम आदमी के लिए तो इतनी फीस देना मुमकिन नहीं होता।
2. धीरेंद्र शास्त्री कौन हैं? और क्यों इनका नाम इतना चर्चा में है?
असल में बात यह है कि धीरेंद्र शास्त्री यानी बागेश्वर धाम वाले बाबा। इन दिनों हर कोई इनके बारे में बात कर रहा है – कभी चमत्कारों के नाम पर, तो कभी फीस वसूली के मुद्दे पर। एक तरफ जहाँ भक्त इन्हें भगवान का अवतार मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ सवाल भी उठ रहे हैं। सच क्या है? पता नहीं, पर चर्चा तो जोरों पर है।
3. राजनीति में इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया आई है?
तो दोस्तों, जैसा कि होता आया है – राजनीति तो इसमें घुस ही गई है। BJP वाले अखिलेश के आरोपों को बकवास बता रहे हैं, वहीं SP वाले इस मुद्दे को उछाल रहे हैं। मजे की बात यह है कि यह विवाद अब धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक बन गया लगता है। क्या आपको नहीं लगता?
4. क्या धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कोई केस चल रहा है?
सच बताऊँ? अभी तक तो कुछ खास नहीं हुआ है। न पुलिस ने कोई एक्शन लिया है, न कोर्ट में कोई केस दिख रहा है। पर सोशल मीडिया पर तो मामला गर्म है ही। Twitter, Facebook – हर जगह बहस चल रही है। क्या होगा आगे? वक्त बताएगा।
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com