विंबलडन फाइनल में धमाल मचाने आ रहा है यह स्पेनिश युवा! कार्लोस अल्काराज ने फिर दिखाया क्यों है वह स्पेशल
अरे भाई, क्या मैच था यार! कार्लोस अल्काराज ने टेलर फ्रिट्ज़ को धूल चटाकर फाइनल का टिकट कटा लिया। स्कोर? 6-3, 6-7, 6-3, 6-4। सच कहूँ तो दूसरा सेट हारने के बाद लगा था शायद आज मैच टाइट हो जाएगा, लेकिन इस युवा स्पेनिश खिलाड़ी ने फिर साबित कर दिया कि वह कोई औसत प्रतिभा नहीं है। तीसरी बार लगातार विंबलडन फाइनल में पहुँचना… यह उतना ही आसान है जितना कि हमारे लिए सुबह-सुबह चाय बिना बिस्कुट के पीना!
देखा जाए तो यह मैच सिर्फ सेमीफाइनल नहीं था, बल्कि एक तरह का स्टेटमेंट था। अल्काराज जो पहले ही दो बार (2022, 2023) विंबलडन जीत चुका है, वहीं फ्रिट्ज़ इस साल अपना बेस्ट ग्रैंड स्लैम प्रदर्शन दे रहे थे। पर जैसा कि हमेशा होता आया है – जब ये दोनों आमने-सामने होते हैं, अल्काराज का ही पलड़ा भारी रहता है। क्या आप जानते हैं? इन दोनों के पिछले 5 मुकाबलों में से 4 अल्काराज ने जीते हैं। कुछ तो है इस लड़के में!
मैच की शुरुआत तो एकदम फिल्मी स्टाइल में हुई। अल्काराज ने पहला सेट ऐसे जीता जैसे कोई बच्चा चॉकलेट का पैकेट खोल रहा हो – 6-3। लेकिन अरे, फ्रिट्ज़ भी कोई मामूली खिलाड़ी थोड़े ही हैं! दूसरे सेट में उन्होंने टाइब्रेक में 7-6 से जीतकर मैच को फिर से दिलचस्प बना दिया। मगर यहाँ से असली खेल शुरू हुआ। अल्काराज ने तीसरे और चौथे सेट में अपने सर्विस गेम और नेट प्ले से फ्रिट्ज़ को पूरी तरह घेर लिया। उनकी बैकहैंड तो देखते ही बनती थी – एकदम किलर!
मैच के बाद अल्काराज का इंटरव्यू? बिल्कुल उनके गेम की तरह ही कूल। बोले, “फ्रिट्ज़ तो हमेशा से टफ रहे हैं, लेकिन आज मेरा दिन था। फाइनल के लिए रेडी हूँ!” वहीं फ्रिट्ज़ ने भी ग्रेसफुली हार स्वीकार की। सच मानिए तो यही तो खेल की खूबसूरती है न?
अब सवाल यह है कि फाइनल में क्या होगा? जोकोविच हो या कोई और, अल्काराज तो पूरी तरह फोकस्ड दिख रहा है। अगर यह लड़का इस बार भी जीत जाता है, तो यह उसका लगातार तीसरा विंबलडन खिताब होगा। सोचिए, मात्र 21 साल की उम्र में! क्या यह नए युग की शुरुआत है? मुझे तो लगता है हाँ। पुराने खिलाड़ियों और नए जेनरेशन के बीच का फर्क साफ दिखने लगा है।
अंत में बस इतना कि कार्लोस अल्काराज सिर्फ एक टेनिस प्लेयर नहीं, बल्कि एक पूरी फिलॉसफी है। लगातार सुधार, अनुशासन और जुनून की मिसाल। रविवार को होने वाला फाइनल निश्चित रूप से इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा। और हम? हम तो बस पॉपकॉर्न लेकर बैठ जाइए – क्योंकि यह शो तो अभी बाकी है!
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1. कार्लोस अल्काराज ने टेलर फ्रिट्ज़ को कैसे पछाड़ा?
देखिए, अल्काराज का खेल तो आग उगलता रहा पूरे मैच में! उनकी aggressive style ने फ्रिट्ज़ को हमेशा backfoot पर रखा। असल में, उनकी baseline shots इतनी powerful थीं कि फ्रिट्ज़ को कभी settle ही नहीं होने दिया। और serve-return का तो जैसे perfect combo था – एकदम lethal। क्या आपने notice किया कि कैसे हर important point पर अल्काराज ने pressure बनाए रखा?
2. क्या अल्काराज के लिए यह पहला विंबलडन फाइनल था?
अरे नहीं भई! पिछले साल भी तो यही नौबत आई थी। लेकिन इस बार उन्होंने जो दिखाया, वो कुछ और ही level का था। सच कहूं तो, पिछले साल के experience ने ही शायद इस बार की जीत का रास्ता साफ किया। क्या आपको नहीं लगता कि एक साल में उनका game और mature हो गया है?
3. फ्रिट्ज़ कहाँ पिछड़ गए?
ईमानदारी से कहूँ तो, फ्रिट्ज़ ने अपने हाथों से मैच गँवा दिया। वो crucial moments… जब backhand shots उनके साथ बार-बार धोखा दे गए। और अल्काराज की speed के आगे तो वो बिल्कुल ही adjust नहीं कर पाए। एक तरफ तो unforced errors, दूसरी तरफ opponent का दबाव – इन दोनों के बीच फ्रिट्ज़ का game टूटता चला गया।
4. अब आगे क्या?
अब तो असली मुकाबला शुरू होगा! Novak Djokovic जैसे दिग्गजों से भिड़ना कोई आसान बात नहीं। लेकिन अल्काराज का confidence देखिए – लगता है इस बार वो history बनाने आए हैं। पर सवाल यह है कि क्या वो इस pressure को handle कर पाएँगे? मेरा तो मानना है, यही सही वक्त है उनके लिए बड़ा कदम उठाने का!
Source: ESPN – News | Secondary News Source: Pulsivic.com