अमन साहू गैंग और उत्तम यादव का आतंक: पुलिस कब तक देखती रहेगी?
झारखंड की राजधानी रांची में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अमन साहू के एनकाउंटर के बाद लगा था कि अब शहर में चैन की सांस ले पाएंगे, लेकिन अफसोस… सच तो यह है कि उसके गैंग के लोग अब भी मस्ती में हैं। और अब तो एक नया नाम सामने आया है – उत्तम यादव। सोशल मीडिया पर धमकी भरे वीडियो? दिनदहाड़े फायरिंग? ये सब तो अब रोज़ का नज़ारा हो गया है। सवाल यह है कि पुलिस कब तक यूं ही हाथ पर हाथ धरे बैठी रहेगी?
पूरा खेल: अमन साहू के बाद अब उत्तम यादव का राज
2023 में अमन साहू का एनकाउंटर हुआ तो सबने सोचा – “बस, अब तो शांति होगी।” लेकिन असल में हुआ क्या? उसके गैंग के लोगों ने तो बस नया बॉस ढूंढ लिया – उत्तम यादव। ये लड़का कोई मामूली अपराधी नहीं है। अपहरण, हत्या, एक्सटॉर्शन – नाम लो और ये गैंग उसमें माहिर है। और अब तो इन्होंने नया तरीका ढूंढ निकाला है – सोशल मीडिया पर धौंस जमाना। क्या पुलिस इनके इस डिजिटल डर के आगे बेबस है?
हालिया हालात: सोशल मीडिया पर गुंडागर्दी और दिनदहाड़े फायरिंग
पिछले कुछ दिनों में तो हालात और भी बिगड़ गए हैं। गैंग के लोग खुलेआम सोशल मीडिया पर वीडियो डाल रहे हैं – कार्बाइन लहराते हुए, धमकियां बांटते हुए। और सबसे हैरानी की बात? पुलिस तमाशा देख रही है। रांची के व्यस्त इलाकों में दिनदहाड़े फायरिंग? अब ये नई नॉर्मल बन गया लगता है। कुछ छोटे-मोटे लोगों को पकड़ लिया गया है, लेकिन असली मास्टरमाइंड उत्तम यादव? वो तो अभी भी आज़ाद घूम रहा है। क्या यही है हमारी पुलिस की क्षमता?
प्रतिक्रियाएं: पुलिस के वादे और जनता का डर
पुलिस वालों की बात करें तो वे कह रहे हैं – “हम बड़ा ऑपरेशन चला रहे हैं।” रांची के एसपी का कहना है कि जल्द ही उत्तम यादव को पकड़ लिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि “जल्द” का मतलब क्या है? एक हफ्ता? एक महीना? एक साल? वहीं विपक्षी नेताओं ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। और आम जनता? वो तो बस डर में जी रही है। रांची के एक दुकानदार ने मुझसे कहा – “भाई, अब तो दुकान खोलने से भी डर लगता है।” क्या यही है हमारी व्यवस्था?
आगे की राह: पुलिस की योजना या सिर्फ दिखावा?
तो अब सवाल यह है कि आगे क्या? पुलिस कह रही है कि वो बड़ा ऑपरेशन चलाएगी। लेकिन हमने पहले भी ऐसे वादे सुने हैं। राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है, लेकिन क्या सिर्फ दबाव से काम चलेगा? अगर जल्द ही इस गैंग पर लगाम नहीं लगाई गई, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। और तब तो पूरे झारखंड में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति चिंताजनक हो जाएगी।
अंत में: सच तो यह है कि रांची में अपराधियों का बोलबाला बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस के पास योजनाएं तो हैं, लेकिन क्या वे सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित रहेंगी? अगर अभी नहीं चेते, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं। और तब तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
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अमन साहू गैंग और उत्तम यादव का आतंक – क्या आप जानते हैं इनके बारे में सच्चाई?
अमन साहू गैंग और उत्तम यादव कौन हैं? असल में, क्या आपको पता है?
देखिए, अमन साहू और उत्तम यादव… ये नाम अब किसी से छुपे नहीं हैं। दोनों पर extortion से लेकर murder तक के serious allegations हैं। सच कहूं तो, ये gang इतनी खतरनाक है कि पूरा इलाका इनके नाम से कांपता है। और अब police भी इनके पीछे पड़ गई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सब काफी है?
पुलिस ने अब तक क्या किया? या फिर सिर्फ दिखावा है?
अभी तक की बात करें तो police ने कुछ छोटे-मोटे gang members को पकड़ा है, कुछ illegal properties ज़ब्त भी की हैं। पर असली मुश्किल तो अभी बाकी है। क्यों? क्योंकि main accused तो अभी भी फरार हैं! Police का कहना है कि वे raids कर रहे हैं… लेकिन आम जनता का सवाल यही है – कब तक?
Local crime या political game? क्या आपको लगता है ये सिर्फ अपराध की कहानी है?
ईमानदारी से कहूं तो, यहां सब कुछ उतना साधारण नहीं है जितना दिखता है। कुछ reports तो यहां तक कह रही हैं कि इस gang के political connections हो सकते हैं। Police इस पर भी investigation कर रही है, मगर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला। पर सवाल तो यह उठता है – क्या सच में नहीं मिला, या फिर…?
आपकी safety के लिए क्या हो रहा है? या फिर सिर्फ promises ही promises?
अच्छी खबर यह है कि sensitive areas में patrolling बढ़ गई है। एक special task force भी बनाई गई है। लेकिन बुरी खबर? यह कि public को अभी भी डर के साथ जीना पड़ रहा है। Police ने लोगों से appeal की है कि किसी भी suspicious activity की report करें। पर क्या आप सच में ऐसा करेंगे? डर के माहौल में? सोचने वाली बात है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com