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अमरनाथ यात्रा में दुखद हादसा: बालटाल मार्ग पर भूस्खलन से महिला तीर्थयात्री की मौत, 3 घायल

अमरनाथ यात्रा का दुखद हादसा: जब प्रकृति ने दिखाया अपना कहर

बुधवार की वो सुबह किसी को नहीं भूल पाएगी। अमरनाथ यात्रा के दौरान बालटाल मार्ग पर हुआ वो भूस्खलन… सच कहूं तो मन अभी भी सुन्न है। राजस्थान की सोना बाई, जो बस भगवान के दर्शन करने निकली थीं, वो अचानक हुए इस हादसे में हमेशा के लिए चली गईं। और तीन अन्य यात्री? उनकी हालत तो अभी भी गंभीर है। सोचिए, एक पल में सब कुछ बदल गया – यात्री दल पवित्र गुफा की तरफ जा रहा था और अचानक पहाड़ से टूटकर गिरीं विशाल चट्टानें। प्रशासन ने तुरंत rescue operation शुरू कर दिया, पर क्या वाकई ये हादसा टाला नहीं जा सकता था?

असल में देखा जाए तो बालटाल मार्ग हमेशा से ही रिस्की रहा है। पहलगाम वाले रूट से कहीं ज्यादा मुश्किल। खड़ी चढ़ाई, अप्रत्याशित मौसम… और इस बार तो लगातार हो रही बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए थे। प्रशासन ने चेतावनी भी दी थी, पर क्या हर यात्री तक ये संदेश पहुंच पाया? सवाल तो यह भी है कि क्या सिर्फ चेतावनी देना ही काफी है?

सोना बाई की कहानी तो दिल दहला देने वाली है। राजस्थान के एक छोटे से गांव से निकलकर भगवान के दर्शन की चाह लेकर चली थीं। परिवार के साथ। और अब? तीन घायलों को hospital में भर्ती कराया गया है – डॉक्टरों का कहना है हालत स्थिर है, पर मन में सवाल उठता है – क्या ये सब होना जरूरी था? हादसे के बाद यात्रा कुछ घंटों के लिए रोकी गई, SDRF की टीमें जुट गईं… पर क्या इतना काफी है?

जम्मू-कश्मीर प्रशासन का बयान तो आया – “जांच हो रही है, सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है”। पर एक स्थानीय यात्री ने जो बताया, वो डरावना था – “अचानक मौसम बिगड़ा और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे”। सोना बाई के परिजनों का दर्द… उनकी मांग सही है – बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की।

अब प्रशासन ने क्या किया? अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने का फैसला लिया है। मौसम विभाग ने और बारिश की चेतावनी दी है। मुआवजे और मुफ्त इलाज की घोषणा भी हुई है। पर सच पूछो तो, क्या ये सब पर्याप्त है? क्या हमें यात्रा मार्गों को फिर से नहीं देखना चाहिए?

ये घटना एक सबक है। सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर होने का वक्त आ गया है। प्रशासन हो या यात्री – सबको मौसम की मार और भूस्खलन के खतरों को गंभीरता से लेना होगा। वरना… अफसोस, ऐसी त्रासदियां फिर होती रहेंगी। और कोई सोना बाई… किसी और के घर का चिराग बुझता रहेगा।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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