अनिरुद्धाचार्य का वो बयान: “महिलाओं के चरित्र” पर बवाल या फिर सिर्फ एक और विवाद?
अरे भाई, अनिरुद्धाचार्य जी फिर सुर्खियों में हैं! और इस बार उन्होंने महिलाओं के बारे में कुछ ऐसा कह दिया जिसने सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक में आग लगा दी। सच कहूं तो, ये कोई नई बात नहीं – हर बार की तरह इस बार भी दोनों तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक तरफ तो महिला संगठन गुस्से में हैं, वहीं दूसरी ओर उनके भक्त कह रहे हैं कि बात को सन्दर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है। पर सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक बयान का मामला है, या फिर हमारे समाज में औरतों की जगह को लेकर गहरी बहस की शुरुआत?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, अनिरुद्धाचार्य कोई एक दिन का बाबा तो हैं नहीं। सालों से वो हिंदू धर्म पर अपने विचार रखते आए हैं। हालांकि, इस बार उनकी टिप्पणी ने जैसे हॉर्नेट्स नेस्ट को छेड़ दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो क्लिप को देखकर तो लगता है मानो उन्होंने सीधे-सीधे महिलाओं की इज्जत पर सवाल उठा दिया हो। और सच बताऊं? ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी धर्मगुरु के बोल ने आग लगा दी हो। लेकिन इस बार आलोचना का लेवल कुछ ज्यादा ही है।
अभी तक क्या हुआ?
कहानी शुरू हुई जब एक छोटा सा वीडियो क्लिप वायरल हो गया। उसमें अनिरुद्धाचार्य जी कुछ ऐसा बोलते नजर आए जिसे लेकर लोगों के होश उड़ गए। फिर क्या था, उनके प्रवक्ता ने तुरंत सफाई दी – “अरे भई, ये तो धार्मिक संदर्भ में था!” लेकिन क्या आपको लगता है कि ये सफाई काम आई? बिल्कुल नहीं! महिला संगठन तो जैसे आगबबूला हो गए। कुछ ने तो FIR तक की धमकी दे डाली। और तो और, कई राज्यों के महिला आयोग भी मैदान में कूद पड़े हैं। बात बनती दिख नहीं रही।
किसने क्या कहा?
अब जरा देखिए इस पूरे मामले में कौन क्या बोल रहा है। विपक्षी नेताओं ने तो जैसे मौके का फायदा उठा लिया – “ये तो महिलाओं के खिलाफ घृणा फैलाने वाला बयान है!” वहीं महिला अधिकार वालों का कहना है कि ये सिर्फ एक और तरीका है औरतों को नीचा दिखाने का। लेकिन दूसरी ओर, अनिरुद्धाचार्य के भक्तों की बात सुनिए – “अरे यार, ये तो प्राचीन श्लोकों का संदर्भ था, इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है!” सच कहूं तो, दोनों पक्षों के तर्क सुनकर कन्फ्यूजन और बढ़ जाता है।
आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि ये सब कहां जाकर रुकेगा? कुछ संभावनाएं तो साफ दिख रही हैं:
– अगर FIR हो गई तो बाबा जी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है
– सोशल मीडिया पर उनकी छवि को झटका लग चुका है
– राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को उछाल सकती हैं
– धार्मिक नेताओं की जिम्मेदारी पर नई बहस शुरू हो सकती है
ईमानदारी से कहूं तो, ये विवाद अभी और बढ़ सकता है। कल को कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जाए तो अचरज नहीं।
अंत में बस इतना कि ये मामला सिर्फ एक बयान से कहीं बड़ा है। ये हमारे समाज की उस मानसिकता को दिखाता है जहां आज भी औरतों को लेकर पुराने विचार चलते हैं। और हां, सोशल मीडिया की ताकत का भी ये एक उदाहरण है – एक क्लिप ने क्या-क्या हलचल मचा दी! देखते हैं आगे क्या होता है…
यह भी पढ़ें:
अनिरुद्धाचार्य विवाद – जानिए पूरा मामला, बिना लाग-लपेट के!
1. अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं के character पर क्या कहा था?
देखिए, मामला कुछ ऐसा है – अनिरुद्धाचार्य ने अपने एक speech में महिलाओं को लेकर कुछ ऐसी बातें कह दीं जो आग में घी का काम कर गईं। सच कहूं तो, उनके ये traditional views आज के दौर में थोड़े… है ना? खैर, social media तो जैसे मछली बाजार हो गया। हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेकने लगा!
2. लोगों ने इस पर कैसी प्रतिक्रिया दी?
अरे भई, reaction तो बिल्कुल वैसा ही हुआ जैसा आप सोच रहे होंगे! एक तरफ तो कुछ लोग (खासकर बुजुर्ग वर्ग) उनके पक्ष में खड़े दिखे। लेकिन दूसरी तरफ… अच्छा, आप ही बताइए – आजकल के youth और women’s rights activists को ये सब कैसे पचता? Twitter पर तो #Aniruddhacharya और #WomenRights की लड़ाई देखने लायक थी। एकदम धमाल!
3. क्या बाबा ने माफी मांग ली?
सच पूछो तो… नहीं! अभी तक तो कोई official माफी नहीं आई है। हालांकि उनके भक्तों का कहना है कि media ने बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। पर सवाल यह है कि – अगर context अलग है, तो फिर साफ-साफ क्यों नहीं बोल देते? थोड़ा अजीब लगता है, है ना?
4. इस सबका उनके career पर क्या असर पड़ेगा?
असल में देखा जाए तो, ये दोहरी तलवार जैसा मामला है। Short-term में तो publicity मिल ही जाती है – चाहे वह positive हो या negative। लेकिन long-term? अरे भाई, आजकल की generation को ये सब पसंद नहीं आता। Experts भी यही कह रहे हैं कि credibility पर दाग लग सकता है। पर कौन जाने – भारत तो अजीब देश है, यहाँ कुछ भी हो सकता है!
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com