ISS पर धूम मचा दी भारतीय एस्ट्रोनॉट ने! शुभांशु शुक्ला का ज़बरदस्त वेलकम, भेजा देश के नाम खास संदेश
ये तो बड़ी बात है!
अरे वाह! भारतीय मूल के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला और उनकी एक्सिओम-4 टीम को ISS पर जो रिसेप्शन मिला, वो देखने लायक था। असल में, ये पल सिर्फ शुभांशु के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। देखा जाए तो ये हमारे स्पेस प्रोग्राम की बढ़ती ताकत को दिखाता है।
कौन हैं ये शुभांशु शुक्ला?
देसी लड़का, विदेशी कामयाबी
शुभांशु की कहानी तो फिल्मी लगती है! भारत में पैदा हुए, यहीं पढ़ाई की, और फिर NASA तक का सफर। इन्होंने कई इंटरनेशनल स्पेस मिशन्स में काम किया है। बात करें तो ये हमारे देश का असली ‘रॉकेट साइंटिस्ट’ है!
एक्सिओम-4 में क्या कर रहे हैं?
इस मिशन में शुभांशु माइक्रोग्रैविटी में कुछ ज़बरदस्त एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं। ये सारे टेस्ट्स फ्यूचर स्पेस मिशन्स के लिए बेहद अहम हैं। सच बताऊँ तो, इतनी ऊँचाई पर रिसर्च करना कोई मामूली बात नहीं!
ISS पर कैसा रहा स्वागत?
हग्स, हैंडशेक और हॉट ड्रिंक्स!
जब शुभांशु ISS पहुँचे, तो वहाँ मौजूद एस्ट्रोनॉट्स ने उनका जमकर स्वागत किया। गले मिले, खूब बातें हुईं, और हाँ – स्पेस स्टेशन पर भी वेलकम ड्रिंक तो बनती ही है!
देश के नाम पहला संदेश
सबसे खास बात? शुभांशु ने स्पेस से भारत के नाम पहला मैसेज भेजा! इसमें उन्होंने भारतीय साइंस और कल्चर का ज़िक्र किया। सच कहूँ तो ये मैसेज सुनकर गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है।
14 दिन की स्पेस वेकेशन!
वैज्ञानिकों का मस्ती भरा काम
अगले दो हफ्ते तक शुभांशु और टीम माइक्रोग्रैविटी में रहकर कई एक्सपेरिमेंट्स करेंगे। ये सारे टेस्ट्स आने वाले सालों के स्पेस मिशन्स के लिए गेम-चेंजर साबित होंगे।
स्पेस में भी चटपटा भारतीय खाना!
ये बात तो बिल्कुल कूल है – शुभांशु ने अपने साथ कुछ देसी डिशेज भी ले गए थे! ISS पर उन्होंने दूसरे एस्ट्रोनॉट्स को भी भारतीय फूड का स्वाद चखाया। सोचो तो, अंतरिक्ष में भी हमारी रोटी-सब्ज़ी!
भारत के लिए गर्व का पल
स्पेस रेस में हम भी चैम्पियन
ISRO के रिसेंट मिशन्स ने तो दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अब स्पेस टेक्नोलॉजी में किसी से पीछे नहीं। प्राइवेट स्पेस कंपनियाँ भी अब इस फील्ड में कमाल कर रही हैं।
युवाओं के लिए रोल मॉडल
शुभांशु का सफर हमारे यंग साइंटिस्ट्स के लिए बहुत प्रेरणादायक है। इससे STEM एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा और ज़्यादा बच्चे स्पेस साइंस में करियर बनाने के बारे में सोचेंगे।
तस्वीरों में देखें पूरा किस्सा
शुभांशु का ISS पर स्वागत, उनके एक्सपेरिमेंट्स और स्पेस लाइफ की झलकियाँ देखने के लिए नीचे स्क्रॉल करें। यकीन मानिए, ये तस्वीरें आपको वहीं का वहीं फ्रीज कर देंगी!
आखिरी बात
शुभांशु शुक्ला का ये मिशन भारत के लिए सच में हिस्टोरिक है। स्पेस एक्सप्लोरेशन में हमारा भविष्य और भी ब्राइट दिख रहा है। तो क्यों न इस पल को सेलिब्रेट किया जाए? जय हिंद!
FAQs: आपके सवाल, हमारे जवाब
शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
भारतीय मूल के इस एस्ट्रोनॉट ने NASA समेत कई बड़े संस्थानों में काम किया है। अभी ये एक्सिओम-4 मिशन पर ISS में हैं।
एक्सिओम-4 मिशन का मकसद?
मुख्य तौर पर माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करना, जो फ्यूचर स्पेस ट्रेवल के लिए बेहद ज़रूरी हैं।
स्पेस में भारतीय खाना कैसे पहुँचता है?
खास तरह की पैकिंग में! शुभांशु ने जो देसी खाना ले जाया, वो स्पेशल कंटेनर्स में पैक किया गया था ताकि जीरो ग्रैविटी में भी सेफ रहे।
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