ऑस्टिन फायर चीफ का बड़ा विवाद: क्या $800K की लड़ाई की कीमत लोगों ने अपनी जान से चुकाई?
अमेरिका के ऑस्टिन शहर में ये कहानी सुनकर आपको यकीन नहीं होगा। फायर चीफ जोएल बेकर पर ऐसा आरोप लगा है जो सुनकर दिल दहल जाता है। स्थानीय फायरफाइटर्स यूनियन का दावा है कि हाल की भीषण बाढ़ में चीफ ने जानबूझकर राहत कार्यों को रोका! और वजह? एक मामूली सा $800,000 का विवाद। सच कहूं तो ये सुनकर गुस्सा आता है – क्या पैसा इंसानी जिंदगियों से ज्यादा कीमती हो गया है?
क्या हुआ था असल में? पूरी कहानी
पिछले हफ्ते टेक्सास में हुई भारी बारिश ने हालात बद से बदतर कर दिए। ऐसे में ऑस्टिन फायर डिपार्टमेंट के पास मौजूद Special Rescue Team (जो बाढ़ जैसी आपदाओं के लिए खास ट्रेंड होती है) को भेजना तो लाजिमी था। लेकिन नहीं! चीफ बेकर ने ऐसा नहीं किया। और वजह? शहर प्रशासन और यूनियन के बीच $800K को लेकर चल रही तकरार। ये रकम फायरफाइटर्स के ट्रेनिंग और उपकरणों के लिए थी। सवाल यह है कि क्या ये विवाद लोगों की जान से बढ़कर था?
राजनीति या जिम्मेदारी? चीफ के फैसले पर सवाल
यूनियन तो सीधे चीफ पर आरोप मढ़ रही है। उनका कहना है – “Chief Baker का फैसला पूरी तरह राजनीतिक था।” और सच्चाई ये है कि बाढ़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है। अब सोचिए, अगर ये Special Rescue Team वक्त पर पहुंच जाती तो शायद कुछ जानें बच जातीं। है ना दिल दुखाने वाली बात? ऑस्टिन सिटी काउंसिल ने तो अब जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन क्या ये जांच उन लोगों की जिंदगी वापस ला पाएगी?
लोगों का गुस्सा – “हमारे प्रियजन सिर्फ आंकड़े नहीं हैं!”
इस पूरे मामले ने ऑस्टिन वालों को झकझोर कर रख दिया है। फायरफाइटर्स यूनियन इसे “नैतिक तौर पर गलत” बता रही है। वहीं चीफ बेकर का बचाव? वो कहते हैं सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। लेकिन भईया, जब आप Special Team को ही नहीं भेजेंगे तो सुरक्षा कैसे होगी? एक पीड़ित परिवार के सदस्य का बयान तो दिल को छू गया – “हमारे लिए ये कोई नीतिगत मामला नहीं, हमारे अपनों की जान का सवाल है।” सच कहूं तो इनकी बात में दम है।
अब क्या? जांच और… इंतज़ार
अब सबकी नजरें इस जांच पर टिकी हैं। शहर प्रशासन और यूनियन के बीच बातचीत चल रही है। टेक्सास सरकार ने पीड़ितों के लिए अतिरिक्त राहत कोष की बात कही है। लेकिन सवाल वही है – क्या इससे उन लोगों को न्याय मिल पाएगा जो इस विवाद की भेंट चढ़ गए? ये मामला साफ दिखाता है कि सरकारी विभागों की आपसी लड़ाई की सबसे बड़ी कीमत आम लोगों को चुकानी पड़ती है। क्या हम कभी सीखेंगे?
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Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com