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ऑस्ट्रेलियाई शेयरों में छठी बार लगातार बढ़त, क्या जारी रहेगा यह सिलसिला?

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ऑस्ट्रेलियाई शेयरों का जादू: छठी बार लगातार बढ़त, पर कब तक?

देखा जाए तो ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार ने फिर से कमाल कर दिया है! लगातार छठी बार हाफ-इयरली ग्रोथ… यानी अर्धवार्षिक बढ़त। है न मजेदार? असल में यह सिर्फ नंबर्स की बात नहीं, बल्कि पूरी इकोनॉमी की सेहत का इंडिकेटर है। और हां, वैश्विक बाजारों को भी इससे कॉन्फिडेंस मिल रहा है। सच कहूं तो मुझे लगता है यह ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमिक फ्लेक्सिबिलिटी और निवेशकों के ट्रस्ट को दिखाता है।

याद कीजिए पिछले कुछ साल… COVID के बाद का वो दौर जब सब कुछ उल्टा-पुल्टा हो गया था। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मार्केट ने धीरे-धीरे खुद को संभाला। मिनरल्स की डिमांड बढ़ी, इकोनॉमी रिकवर हुई, और निवेशकों का भरोसा लौटा। और RBA (रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया) की स्मार्ट पॉलिसीज ने तो जैसे चेरी ऑन द केक का काम किया। सब मिलाकर… लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए गोल्डन टाइम चल रहा है।

इस साल की बात करें तो ASX 200 ने कमाल का परफॉर्म किया है। माइनिंग और बैंकिंग सेक्टर तो जैसे रॉकेट पर सवार हैं – जोकि ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमी का दिल हैं। ग्लोबल इन्फ्लेशन कम हो रही है, इंटरेस्ट रेट घटने के संकेत मिल रहे हैं… यानी निवेशकों के लिए डबल खुशखबरी! छोटा हो या बड़ा इन्वेस्टर, सबको मौका मिल रहा है।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं? उनका मानना है कि यह ग्रोथ ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमिक स्ट्रेंथ दिखाती है। पर… हमेशा एक पर होता न? ग्लोबल अनसर्टेन्टी अभी भी मंडरा रही है। कुछ इन्वेस्टर्स बुलिश हैं, तो कुछ का मानना है कि मार्केट में अभी और स्कोप है। सच तो यह है कि मार्केट्स कभी सीधी लाइन में नहीं चलते।

आगे क्या? चीन की इकोनॉमी और US Federal Reserve की पॉलिसीज जैसे फैक्टर्स गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं। कच्चे माल की कीमतें स्थिर रहीं, घरेलू डिमांड बनी रही… तो पार्टी जारी रह सकती है। वरना… ग्लोबल रिसेशन या पॉलिटिकल इंस्टेबिलिटी जैसे भूत सामने आ सकते हैं।

तो कुल मिलाकर? ऑस्ट्रेलियाई मार्केट ने अपना जलवा दिखा दिया है। मगर यह रेस अभी खत्म नहीं हुई। इन्वेस्टर्स को चाहिए कि आंखें खुली रखें – अवसर भी हैं, रिस्क भी। जैसे हम कहते हैं… सतर्क आशावाद ही सफलता की कुंजी है!

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ऑस्ट्रेलियाई शेयर बाजार लगातार छठी बार ऊपर चढ़ा है – और यह तो अच्छी खबर है, है न? निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए यह काफी है। लेकिन सच कहूं तो, यहां सवाल यह है कि यह पार्टी कब तक चलेगी? क्योंकि देखा जाए तो बाजार की यह रफ्तार पूरी तरह वैश्विक हालात और हमारे यहां के local factors पर निर्भर करती है।

अब, मैं अगर आपसे पूछूं कि इसमें पैसा लगाएं या नहीं? तो मेरा जवाब होगा – भाई, बिना research किए तो बिल्कुल नहीं! Market trends को समझिए, कुछ experts की राय लीजिए, फिर कोई कदम उठाइए। वैसे भी, शेयर बाजार है ही ऐसी चीज – आज up, कल down… असल में तो time ही बताएगा कि यह rally आगे भी जारी रहेगी या नहीं।

एक बात और – अगर आप नए investor हैं तो थोड़ा सब्र रखिए। जल्दबाजी में लिया गया फैसला… वो तो वैसे भी अच्छा नहीं होता, right?

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आखिर क्यों छलांग लगा रहे हैं ऑस्ट्रेलियाई शेयर?

देखिए, असल में तीन बड़े कारण हैं। पहला तो यह कि ऑस्ट्रेलिया का economic data काफी मजबूत है – जैसे कोई पहलवान अपने दम पर खड़ा हो। दूसरा, commodity prices में आई तेजी ने तो जैसे पंख ही लगा दिए हैं। और तीसरा… global markets का साथ मिलना तो चेरी ऑन द केक जैसा है! RBA की policies ने भी investors के दिलों में जो confidence जगाया है, वो अलग ही बात है।

क्या यह पार्टी चलती रहेगी?

सच कहूं तो कोई क्रिस्टल बॉल तो नहीं है हमारे पास। लेकिन experts की राय सुनिए – अगर global economy ने साथ दिया और commodity demand बनी रही, तो यह धमाल continue हो सकता है। पर याद रखिए… शेयर बाजार है यह, बिना उतार-चढ़ाव के कहां रहता!

पैसा लगाना है तो किन sectors पर भरोसा करें?

अभी तो mining sector जैसे रॉकेट पर सवार है – खासकर lithium और iron ore वाले stocks तो जैसे आसमान छू रहे हैं। banking और healthcare भी पीछे नहीं हैं। एक तरफ तो ये sectors perform कर ही रहे हैं, दूसरी तरफ long-term potential भी दिखता है।

भारतीय निवेशकों के लिए सही मौका?

अरे, diversify करने में क्या बुराई है? लेकिन… हमेशा की तरह एक ‘पर’ जरूर है। currency के उतार-चढ़ाव और tax rules को समझना बेहद जरूरी है। मेरी सलाह? थोड़ा खुद research करें, या किसी अच्छे financial advisor से बात करें। क्योंकि पैसा तो आपका है ना!

Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com

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