अयोध्या का वो सदमे भरा दिन: जब प्यार ने जानलेवा रंग लिया
अयोध्या में आज एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया। एक युवक ने अपनी ही प्रेमिका को गोली मारी… और फिर खुद को भी। सुनने में ही दिल दहल जाता है न? पुलिस तो मौके पर पहुंच गई, लेकिन क्या वाकई ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था? पीड़ित लड़की को अस्पताल ले जाया गया है – हालत गंभीर है। और ये मामला सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हमारे समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर गया है।
पता चला है कि दोनों के बीच रिश्ता था, पर हाल के दिनों में कुछ झगड़े चल रहे थे। मोहल्ले वाले बताते हैं लड़का पहले से ही मानसिक तौर पर परेशान दिखता था। धमकियां भी देता था। हैरानी की बात तो ये कि पुलिस records में इसका कोई पुराना criminal record नहीं था। तो सवाल यही उठता है – क्या हमारी system में ऐसे मामलों को पहले ही पकड़ने का कोई तरीका होना चाहिए?
अभी तक की जांच में पुलिस ने हथियार और कुछ सबूत बरामद किए हैं। forensic रिपोर्ट का इंतज़ार है। लड़की के परिवार ने तो FIR कर दी है… और सही भी है। पुलिस अब लड़के के दोस्तों और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। उसके mobile और social media पर भी नज़र है – शायद कुछ clues मिल जाएं कि आखिर उसके दिमाग में चल क्या रहा था।
इस पूरे मामले ने लोगों को दो तरह से हिला दिया है। एक तरफ तो पीड़िता का परिवार सवाल उठा रहा है कि जब धमकियां मिल रही थीं, तब पुलिस ने क्यों नहीं कोई action लिया? वहीं दूसरी ओर, कुछ स्थानीय नेता mental health awareness की बात कर रहे हैं। सच कहूं तो, counseling cells बनाने की बात तो अच्छी है… पर क्या ये सिर्फ दिखावा होगा या असली बदलाव लाएगा?
अब आगे क्या? पुलिस की जांच तो चल ही रही है। लड़की के ठीक होने पर उसका बयान महत्वपूर्ण होगा। पर सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि क्या हम अपने युवाओं की mental health को लेकर गंभीर हैं? या फिर ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और हम बस ‘अफसोस’ जताते रह जाएंगे? सोचने वाली बात है…
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Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com