ओडिशा में बैतरणी नदी का कहर: जब ‘शांत देवी’ बन जाती है ‘प्रलयकारी माँ’
अभी कल की ही बात है जब बैतरणी नदी शांत चित्त योगी की तरह बह रही थी। लेकिन आज? स्थिति ऐसी है जैसे किसी ने उसके गुस्से का बटन दबा दिया हो! भद्रक जिले के अखुआपाड़ा इलाके में तो मानो पानी ही पानी हो गया है। सच कहूँ तो, मूसलाधार बारिश ने नदी को इतना भर दिया कि अब वो अपने किनारों को निगलने पर आमादा है।
और हाँ, प्रशासन भी हाथ-पैर मार रहा है – राहत शिविर लगाए जा रहे हैं, NDRF की टीमें तैनात की गई हैं। पर सवाल यह है कि क्या ये सब काफ़ी होगा? ख़ासकर तब जब मौसम विभाग का कहना है कि अभी और पानी बरसने वाला है!
बैतरणी: वो नदी जो ‘अच्छे-बुरे’ दोनों रूप दिखाती है
देखिए, बैतरणी कोई नई नदी तो है नहीं। ओडिशा-झारखंड की ये पुरानी ‘दोस्त’ हर साल मानसून में अपना मिज़ाज बदल लेती है। लेकिन इस बार? हद हो गई! पिछले 48 घंटों में इतना पानी गिरा कि लगा जैसे आसमान फट पड़ा हो।
मज़े की बात ये कि ये कोई पहली बार नहीं है। 2018, 2020… ये नदी तो रेगुलर अपना रौद्र रूप दिखाती रहती है। फिर भी हम? हर बार हैरान होते हैं। क्यों न होते, जब खेत, घर, सब कुछ पानी में तैरने लगे!
अभी क्या चल रहा है? एक रियल-टाइम अपडेट
तो स्थिति ये है कि डेंजर मार्क तो पार हो ही चुका है। निचले इलाकों में तो पानी घुस ही चुका है। ग्रामीण भाग रहे हैं, प्रशासन दौड़ रहा है। Emergency response plan एक्टिवेट हो चुका है।
पर एक चिंता की बात – मौसम वाले कह रहे हैं कि अगले 24 घंटे और critical हैं। यानी? यानी अभी तो पार्टी शुरू हुई है!
ग्राउंड रिपोर्ट: लोग क्या कह रहे हैं?
एक बुजुर्ग किसान ने मुझसे कहा – “बेटा, 60 साल में ऐसा नहीं देखा!” उसकी आँखों में वो डर था जो शब्दों से बयाँ नहीं होता। वहीं प्रशासन वाले अपनी रिपोर्ट्स और मीटिंग्स में उलझे हुए हैं। एक अधिकारी ने मुझसे कहा भी – “हम पूरी तरह अलर्ट हैं।” पर क्या ये अलर्टनेस काफ़ी है?
और हाँ, मौसम विज्ञानी तो अपनी ‘मस्ती’ में हैं – बंगाल की खाड़ी में low pressure area बना हुआ है, जिसका मतलब? और बारिश!
आगे क्या? सिर्फ़ प्रार्थना या कोई समाधान?
अगर यूँ ही बारिश होती रही तो… खैर, आप समझ ही गए होंगे। प्रशासन तो अभी के लिए गाँव खाली कराने में लगा है। पर असली सवाल ये है कि क्या हमेशा यही चलेगा? हर साल बाढ़, हर साल राहत?
कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि ये climate change का असर है। तो क्या अब हमें disaster management को सिर्फ़ कागज़ों से निकालकर ज़मीन पर उतारना होगा? सोचने वाली बात है…
अंत में इतना ही – बैतरणी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रकृति के आगे हमारी तैयारियाँ अक्सर छोटी पड़ जाती हैं। पर शायद यही सही वक्त है सीखने का। वरना… अगली बार पानी और गहरा होगा!
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अरे भाई, प्रकृति का यह रौद्र रूप देखकर दिल दहल जाता है, है न? हम कितनी भी तरक्की कर लें, लेकिन जब धरती माँ गुस्सा हो जाए, तो हमारी सारी ताकत धरी की धरी रह जाती है। बैतरणी नदी का यह मंजर सिर्फ एक viral Video नहीं है… असल में यह हमारे लिए एक चेतावनी है, एक सबक। #BaitaraniRiver और #OdishaFloods के इन दृश्यों को देखकर क्या आपको नहीं लगता कि अब जागने का वक्त आ गया है?
सच कहूँ तो, हम इंसानों को लगता है कि हम सबसे ताकतवर हैं। लेकिन ये तस्वीरें बता रही हैं कि प्रकृति के आगे हमारी क्या औकात है। एक पल में सब कुछ बहाकर ले जाने की ताकत… हैरान कर देने वाली बात है।
अब सवाल यह है कि क्या हम सच में सीख पाएंगे? या फिर हर बार की तरह बस ‘share और like’ करके आगे बढ़ जाएंगे? सोचने वाली बात है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com