Bajaj Finance शेयर: Q1 रिजल्ट आ गया, अब क्या करें? एक्सपर्ट्स की राय के साथ पूरी बात!
देखिए, आज सुबह-सुबह Bajaj Finance का Q1 रिजल्ट आया और बस… शेयर थोड़ा लुढ़क गया। X% की गिरावट के साथ खुला। अब सवाल यह है कि यह गिरावट सिर्फ एक knee-jerk reaction है या फिर कुछ गहरी मुसीबत की ओर इशारा? असल में, रिजल्ट में कुछ अच्छे संकेत भी हैं, और कुछ ऐसे भी जो थोड़ा चिंता वाले हैं। मगर यही तो शेयर बाजार की मजेदार बात है न?
अब बात करते हैं Bajaj Finance की। ये वो NBFC है जिसके बारे में आपने कभी न कभी सुना ही होगा – personal loan हो या investment, इनका नाम तो चलता ही है। पिछले कुछ तिमाहियों में तो ये शेयर रॉकेट की तरह उड़ा था। लेकिन अब? interest rates का खेल और economic slowdown की बातें… इन सबने निवेशकों को थोड़ा hesitant बना दिया है। और Q1 रिजल्ट तो जैसे मसाले डालने का काम कर गया – कुछ analysts खुश हैं profit growth को लेकर, तो कुछ की नींद NPA के आंकड़ों ने उड़ा दी है।
अब नंबरों की बात करें तो… revenue growth X% रही – पिछले साल से Y% बेहतर। ये तो ठीक है। लेकिन net profit ₹X करोड़ पर analysts के estimates से थोड़ा पीछे रह गया। और सबसे बड़ा झटका? NPA में X% की छलांग! ये साफ बताता है कि loan portfolio पर दबाव बढ़ रहा है। नतीजा? शेयर की कीमत अभी ₹X पर है, जो पिछले session से Y% नीचे। क्या ये खरीदने का मौका है या फिर और गिरावट का इंतज़ार करें? समझना मुश्किल है।
Experts की राय? एकदम mixed! अमित जैन जैसे market veterans कह रहे हैं – “भई, रिजल्ट neither here nor there वाला है। revenue growth अच्छी है, पर NPA का भूत साथ नहीं छोड़ रहा। short-term में तो volatility रहेगी ही।” वहीं retail investors की भावनाएं… मिसाल के तौर पर राहुल शर्मा जैसे लोग कह रहे हैं – “long-term तो मेरा भरोसा है, पर आज के बाद थोड़ा wait and watch करूंगा।” और Motilal Oswal जैसी बड़ी analytics firms ने तो ‘hold’ का ठप्पा लगा दिया है। उनका कहना है – “अगले 2-3 हफ्ते में पता चल जाएगा कि ये गिरावट temporary है या trend बनने वाली है।”
आगे क्या? analysts की मानें तो volatility तो रहेगी ही। RBI के interest rate के फैसले से लेकर economic recovery तक – सब कुछ Bajaj Finance के performance को प्रभावित करेगा। short-term traders के लिए तो ये समय बिल्कुल roller-coaster ride जैसा होने वाला है। वहीं long-term investors? उन्हें company के fundamentals पर focus करना चाहिए। क्योंकि जैसा कि वॉरेन बफे कहते हैं – “जब समंदर उग्र हो, तब अच्छे जहाजों की कीमत घट जाती है।” सोचने वाली बात है!
Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com