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“बलूच नेता का ट्रंप को झटका: ‘मुनीर ने गुमराह किया, बलूचिस्तान के हैं तेल भंडार, पाकिस्तान के नहीं!'”

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बलूच नेता ने ट्रंप को सुनाई खरी-खरी: “मुनीर ने बेवकूफ बनाया, बलूचिस्तान के तेल पर पाकिस्तान का हक़? बिल्कुल नहीं!”

अरे भई, क्या मामला है! बलूचिस्तान के मशहूर नेता मीर यार बलूच ने तो डोनाल्ड ट्रंप के सामने ऐसा बम फोड़ा कि पूरी दुनिया का ध्यान खिंच गया। सीधे शब्दों में कहें तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना और ISI को बेनकाब कर दिया – ये लोग बलूचिस्तान की ज़मीन से निकलने वाले संसाधनों को लूट रहे हैं। और सबसे डरावनी बात? यही पैसा आतंकवाद को फंड करने में जा रहा है। सिर्फ बलूचिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।

पूरा माजरा क्या है?

देखिए न, बलूचिस्तान पाकिस्तान का वो इलाका है जहां तेल, गैस और खनिजों का भंडार है जैसे कोई अलादीन का चिराग हो। पर यहां के लोग तो दशकों से पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ लड़ रहे हैं। और अब ताजा मामला ये कि पाकिस्तान के किसी मुनीर अकरम ने ट्रंप से मिलकर यह दावा कर दिया कि ये सारे संसाधन पाकिस्तान के हैं! है न बेहूदा बात? बलूच नेताओं का गुस्सा तो समझ आता है।

बलूच नेताओं ने क्या कहा?

मीर यार बलूच ने दो बातें क्लियर कर दीं। पहली – बलूचिस्तान के ट्रिलियन डॉलर के संसाधनों पर पाकिस्तान का न तो कोई कानूनी हक है, न ही मोरल राइट। दूसरी – उन्होंने ISI और पाकिस्तानी सेना को सीधे आतंकवाद का समर्थक बताया। सच कहूं तो ये आरोप नए नहीं हैं, लेकिन अब दुनिया का ध्यान जरूर खींचा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पूछा – क्या आतंकवाद को फंड करने वाले संसाधनों पर चुप्पी साधे रहेंगे?

किसने क्या कहा?

इस बयान के बाद तो हर तरफ हंगामा मच गया। बलूच अधिकार समूह तो मीर यार के साथ खड़े हैं, वहीं पाकिस्तान सरकार अपने पुराने राग अलाप रही है – “बलूचिस्तान तो हमारा अंग है”। पर असल सवाल ये है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्या सोचता है? खासकर अमेरिका और European Union। क्योंकि अब ये मामला सिर्फ मानवाधिकार का नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा का मुद्दा बन चुका है।

आगे क्या होगा?

अब तो देखना ये है कि United Nations और European Union जैसे मंचों पर ये मुद्दा कितनी तेजी से उठता है। पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने के लिए क्या करेगा? और सबसे बड़ा सवाल – ट्रंप इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे? क्योंकि ये बयान सीधे उनके सामने आया है। एक बात तो तय है – यह मामला सिर्फ बलूचिस्तान तक सीमित नहीं रहने वाला। पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति पर इसका असर पड़ सकता है। क्या आपको नहीं लगता कि यह एक बड़े भू-राजनीतिक भूकंप की शुरुआत हो सकती है?

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बलूच नेता और Trump Controversy – जानिए पूरा माजरा (FAQ नहीं, बातचीत जैसा!)

1. बलूच नेता ने Trump को क्या झटका दिया? असल में क्या हुआ?

सुनकर हैरान रह जाओगे! बलूच नेता ने सीधे-सीधे यह कह डाला कि मुनीर नाम के किसी शख्स ने Trump को गलत जानकारी देकर बेवकूफ बनाया है। और बात सिर्फ इतनी ही नहीं – उनका दावा है कि बलूचिस्तान के तेल भंडार पाकिस्तान के नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के हैं। अब ये कोई छोटी-मोटी बात तो है नहीं, है न? पूरा राजनीतिक गलियारा इसी बात पर बहस कर रहा है।

2. बलूचिस्तान में तेल भंडार: सच्चाई या दावा?

देखिए, official आंकड़े तो किसी के पास नहीं हैं – ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन बलूच नेताओं की बात मानें तो उनकी ज़मीन के नीचे तेल का सागर पड़ा है। और सुनिए, यहाँ दोनों तरफ के दावे हैं – एक तरफ पाकिस्तान सरकार का claim, तो दूसरी तरफ बलूच लोगों का कहना कि ये उनका अपना resource है। किसकी बात सही है? ये तो वक्त ही बताएगा।

3. मुनीर कौन है? और कैसे फंस गए Trump?

अब यहाँ मजेदार बात ये है कि इस मुनीर के बारे में कोई proper details नहीं मिल रहे। पर बलूच नेता जी कह रहे हैं कि इसने Trump के कान भरे हैं गलत बातों से। सीधी सी बात है – अगर ये सच है तो बड़ा scandal है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर Trump जैसे शख्स को कोई कैसे mislead कर सकता है? थोड़ा suspicious लगता है, है न?

4. इस सारे विवाद का असर: क्या बदलेगा बलूचिस्तान में?

असल में देखा जाए तो ये विवाद कोई नई बात नहीं ला रहा, बस पुरानी आग में घी डालने का काम कर रहा है। बलूचिस्तान की स्वायत्तता की मांग तो पहले से ही चल रही थी। लेकिन अब international level पर ये मुद्दा गरमा सकता है। और हाँ, एक बात तो तय है – बलूच आंदोलन को इससे नई हवा मिलेगी। पर कितनी strong? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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