बेंगलुरु की शमा परवीन गिरफ्तार: ATS का बड़ा खुलासा – पाकिस्तानी आर्मी चीफ को भारत पर हमले के लिए उकसाने का आरोप!
वाह! ये खबर तो एकदम बम्ब है दोस्तों। गुजरात ATS ने बेंगलुरु की शमा परवीन को पकड़ा है, और जो सच सामने आया है वो सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। असल में, ये कोई आम गिरफ्तारी नहीं है। ATS ने महीनों से इस औरत की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखी थी, और जो देखा वो हैरान कर देने वाला था। अल-कायदा जैसे आतंकी ग्रुप्स की तारीफ करते पोस्ट्स तो थे ही, साथ ही वो पाकिस्तानी आर्मी चीफ को भारत पर हमला करने के लिए उकसा रही थी! और तो और, ‘प्रोजेक्ट खिलाफत’ नाम के किसी आतंकी प्लान को भी प्रमोट कर रही थी। सच कहूं तो, ये केस देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा दिखा रहा है।
पीछे की कहानी: ये पहली बार नहीं
देखा जाए तो शमा परवीन के लिए ये कोई नई बात नहीं। उसका पति पहले ही आतंकी एक्टिविटीज में शामिल होने के चलते जेल की हवा खा चुका है। गुजरात ATS को शक था कि ये औरत भी कुछ गड़बड़ कर रही है, और उनका शक सही निकला। सोशल मीडिया पर सिर्फ अल-कायदा ही नहीं, बल्कि और भी कई आतंकी ग्रुप्स का प्रोपोगैंडा फैला रही थी। लेकिन सबसे बड़ा झटका तो ये है कि वो सीधे पाकिस्तानी आर्मी चीफ को भारत पर हमला करने के लिए उकसा रही थी। ये तो सीधे हमारी सॉवरेन्टी पर हमला है भाई!
गिरफ्तारी के बाद क्या मिला?
ATS ने बेंगलुरु से शमा को पकड़ा और गुजरात ले आई। अब यहां मजा आ गया – उसके फोन और लैपटॉप से जो सबूत मिले हैं, वो किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं। आतंकी ग्रुप्स के बीच की चैट्स, प्लानिंग, सब कुछ! पुलिस के मुताबिक, ये औरत ‘प्रोजेक्ट खिलाफत’ नाम के किसी प्लान को आगे बढ़ा रही थी, जिसका मकसद था भारत में धार्मिक और सामाजिक तनाव फैलाना। सीधे शब्दों में कहें तो, युवाओं को बरगलाकर आतंकवाद की तरफ मोड़ने की साजिश। बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में!
लोग क्या कह रहे हैं?
गुजरात ATS तो पूरे केस को लेकर बहुत सीरियस है। एक अधिकारी ने साफ कहा – “ये औरत बड़ा खतरा थी, और अब इसे सजा मिलेगी।” सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की राय? ये केस दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया आतंकवाद का नया हथियार बन गया है। उनका कहना है कि साइबर सुरक्षा और टाइट होनी चाहिए। आम जनता? वो तो इस गिरफ्तारी से खुश है, लेकिन साथ ही चाहती है कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ और सख्त हो।
अब आगे क्या?
केस UAPA के तहत दर्ज हो चुका है, और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट पेश होगी। पर ATS को लगता है कि ये तो सिर्फ एक धागा है, पूरा जाल अभी बाकी है। हो सकता है कि और भी लोग इस नेटवर्क में शामिल हों। इस घटना के बाद सरकार शायद सोशल मीडिया पर आतंकी प्रोपोगैंडा रोकने के नए नियम लाए। सच तो ये है कि ये मामला हमें याद दिलाता है – आतंकवाद से लड़ने के लिए हमेशा अलर्ट रहना होगा।
ऐसी घटनाएं न सिर्फ देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि ये भी दिखाती हैं कि कैसे आतंकी संगठन युवाओं को बरगलाने की कोशिश करते हैं। सच कहूं तो, इससे निपटने के लिए सरकार और समाज, दोनों को मिलकर काम करना होगा। वरना… खैर, उम्मीद है कि इस केस से एक साफ मैसेज जाएगा कि भारत ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com