बांग्लादेश ने अडानी को 3758 करोड़ का बकाया चुकाया – पर क्यों?
अरे भाई, बांग्लादेश सरकार ने आखिरकार अडानी ग्रुप को उनके 3758 करोड़ रुपये का बकाया चुका दिया है। और साथ में एक चेरी ऑन टॉप – अगले दो महीने के बिजली बिल की गारंटी भी दे दी! अब सवाल यह है कि ऐसा क्या हुआ जो इतनी जल्दबाज़ी में ये सब हुआ? दरअसल, पिछले साल अडानी ने पैसे न मिलने पर बिजली सप्लाई रोक दी थी, और बस… पूरा बांग्लादेश अंधेरे में डूब गया था। तो अब सरकार ने सीख ली है – बिजली के बिल पर टालमटोल नहीं चलेगा!
पूरी कहानी क्या है?
देखिए, अडानी ग्रुप बांग्लादेश को कोयले से बिजली बनाकर सप्लाई करता है। लेकिन BPDB (बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड) के पास पैसे जमा होते चले गए। और जब कंपनी को पैसे नहीं मिले तो उन्होंने बस एक बटन दबाया – बिजली कट! सच कहूं तो ये वही बात हुई जैसे आपने घर का किराया न दिया हो और मकान मालिक ने ताला लगा दिया हो। बस फर्क इतना कि यहां पूरा देश अंधेरे में था!
इस गारंटी का क्या मतलब?
अब बांग्लादेश सरकार ने न सिर्फ पुराना बकाया चुकाया है, बल्कि अगले दो महीने के बिल की गारंटी भी दे दी है। मतलब साफ है – “भैया, अब हमें बिजली चाहिए, कृपया स्विच ऑन रखिएगा!” ये कदम दिखाता है कि ऊर्जा सुरक्षा के मामले में अब कोई रिस्क नहीं लिया जाएगा। एक तरह से ये बिजली का इमरजेंसी फंड ही तो है!
किसने क्या कहा?
अडानी के प्रवक्ता ने तो बस इतना कहा – “पैसे मिल गए, अब बिजली भी मिलेगी।” वहीं बांग्लादेश सरकार का कहना है कि ये देश की जरूरत थी। एक्सपर्ट्स की राय? ये मामला दूसरे देशों के लिए भी सबक है – अगर private कंपनियों से बिजली लेनी है तो बिल समय पर भरना होगा। सीधी सी बात है न?
आगे की राह
अब बांग्लादेश को समय पर बिल भरने की आदत डालनी होगी। वरना… फिर से अंधेरा! शायद अब दोनों पक्ष long-term contracts पर भी बात करें। सच तो ये है कि ये पूरा मामला एक बड़ा संदेश दे गया है – बिजली चाहिए? तो बिल भरो! जैसे हमारे यहां कहते हैं – “जैसी करनी वैसी भरनी!”
अंत में यही कहूंगा – बांग्लादेश ने सही कदम उठाया है। न सिर्फ अपनी गलती सुधारी, बल्कि भविष्य के लिए भी सावधानी बरतने का इंतजाम भी कर लिया। कभी-कभी एक झटका ही समझाने के लिए काफी होता है। है न?
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अचानक 3758 करोड़ का बिजली बिल? क्या हुआ बांग्लादेश में?
देखिए, मामला सीधा-सादा है। बांग्लादेश को भारत से बिजली मिलती है, और अगर बिल नहीं भरते तो? बस! power cut का खतरा। सोचिए अगर आपके घर में बिजली कट जाए तो कैसा लगेगा? ठीक यही हालत उनकी थी। इसलिए उन्होंने पैसे चुकाकर future में बिजली supply का इंतज़ाम सुनिश्चित कर लिया। समझदारी की बात, है न?
इस पेमेंट से बांग्लादेश को क्या मिला?
असल में बहुत कुछ! अब उनका भारत के साथ बिजली deal पक्का हो गया। मतलब अब load shedding या power shortage का डर कम। पर सच कहूं तो यह तो बस शुरुआत है। लंबे समय में फायदा देखने को मिलेगा।
ये गारंटी किसको दी गई?
बिल्कुल सही सवाल! बांग्लादेश ने भारत की पावर कंपनियों को यह वादा किया है कि अब बिल समय पर भरा जाएगा। एक तरह से trust बनाने की कोशिश। हालांकि, देखना यह है कि यह वादा कितना टिकाऊ साबित होता है।
क्या इससे भारत-बांग्लादेश के रिश्ते बदलेंगे?
ईमानदारी से कहूं तो energy partnership तो मजबूत होगी ही। जब बिजली जैसे बेसिक इश्यू पर cooperation बढ़ेगा, तो रिश्ते भी improve होंगे। पर याद रखिए – अंतरराष्ट्रीय रिश्ते बिजली के बिल से कहीं ज्यादा complex होते हैं। एक तरफ तो यह अच्छा कदम है, लेकिन दूसरी तरफ और भी कई फैक्टर्स हैं।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com