बांग्लादेश में फिर हिंसा: गोपालगंज में NCP रैली पर गोलीबारी, 4 की मौत – क्या यह चुनावों से पहले बढ़ते तनाव का संकेत है?
अरे भाई, बांग्लादेश की राजनीति में फिर से खून-खराबा! गोपालगंज में हुई वो NCP रैली वाली घटना तो आपने सुनी ही होगी। चार लोगों की जान चली गई… और कई घायल। सच कहूं तो ये सिर्फ एक हिंसक घटना नहीं, बल्कि पूरे देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव का एक खतरनाक संकेत है। खास बात ये कि गोपालगंज तो शेख हसीना की अवामी लीग का गढ़ माना जाता है – यहां ऐसा होना और भी चौंकाने वाला है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर हुआ क्या था? असल में देखा जाए तो बांग्लादेश की राजनीति एक pressure cooker की तरह है – ऊपर से शांत दिखे, अंदर भाप जमा हो रही हो। गोपालगंज में तो अवामी लीग का दबदबा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में NCP ने खुद को एक मजबूत विपक्षी ताकत के तौर पर स्थापित किया है। और जब दोनों टकराएं, तो ये नतीजा…
घटना के ब्यौरे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। एक शांतिपूर्ण रैली… अचानक गोलियों की आवाज… और फिर खून-खराबा। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत paramilitary forces बुला लीं, कर्फ्यू लगा दिया। लेकिन क्या ये काफी है? NCP का आरोप है कि अवामी लीग के लोगों ने जानबूझकर हमला किया, जबकि अवामी लीग इन आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बता रही है। सच क्या है? शायद वक्त ही बताएगा।
अब तो ये मामला international headlines में भी आ गया है। NCP के एक नेता ने media को बताया – “ये सरकारी हिंसा है!” वहीं दूसरी तरफ अवामी लीग वाले कह रहे हैं कि वो तो हमेशा शांति की बात करते हैं। मानवाधिकार संगठनों की चिंता समझ आती है – उन्होंने constructive dialogue की बात की है। पर क्या ये संभव है?
तो अब क्या? अगले कुछ दिन बेहद अहम होने वाले हैं। International community की नजरें बांग्लादेश पर टिकी हैं। अगर हिंसा बढ़ी तो… अरे यार, सोचकर ही डर लगता है। राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि आने वाले चुनावों से पहले स्थिति और भी गर्मा सकती है।
एक तरफ democracy के लिए विपक्ष का होना जरूरी है… दूसरी तरफ हिंसा किसी के हित में नहीं। बांग्लादेश अभी एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। देखना ये है कि शेख हसीना सरकार और विपक्ष इस आग को कैसे शांत करते हैं। वरना… अफसोस, परिणाम भयानक हो सकते हैं।
क्या आपको नहीं लगता कि ये सिर्फ बांग्लादेश की नहीं, बल्कि पूरे region की चिंता का विषय बन चुका है?
बांग्लादेश हिंसा और NCP रैली गोलीबारी – जानिए पूरा माजरा
बांग्लादेश में NCP रैली के दौरान गोलीबारी क्यों हुई?
देखिए, मामला कुछ यूँ है – Awami League और NCP के बीच का तनाव तो पुराना है, लेकिन इस बार बात हाथ से निकल गई। क्या ये सिर्फ राजनीतिक rivalry थी? या फिर कोई बड़ी साजिश? असल में, प्रदर्शन के दौरान झड़प हुई और फिर… गोलीबारी। 4 लोगों की जान चली गई। दुखद, है ना?
शेख हसीना का गढ़ गोपालगंज क्यों चर्चा में है?
अरे भाई, गोपालगंज तो PM हसीना का अपना शहर है – जैसे मोदी जी के लिए वडनगर। यहाँ उनकी पार्टी का क्या कहना! लेकिन अब सोचिए, जहाँ सबसे ज्यादा सपोर्ट होना चाहिए, वहाँ हिंसा? ये तो ऐसा हुआ जैसे घर के अंदर ही आग लग जाए। राजनीतिक तनाव तो बढ़ेगा ही ना!
इस घटना का बांग्लादेश की राजनीति पर क्या असर होगा?
सच कहूँ तो… हालात पहले से ही नाज़ुक थे। Opposition वालों का कहना है कि सरकार दमन कर रही है। अब इस घटना ने तो घी में आग लगा दी। Political unrest और बढ़ सकता है। पर सवाल ये है कि क्या ये सच में सिर्फ राजनीतिक झगड़ा है, या कोई बड़ा गेम चल रहा है?
क्या भारत-बांग्लादेश relations पर इसका कोई effect पड़ेगा?
अभी तक तो India-Bangladesh relations पर कोई direct असर नहीं दिखा। लेकिन याद रखिए, पड़ोस में आग लगेगी तो हमारे यहाँ धुआँ तो आएगा ही ना? अगर बांग्लादेश में instability बढ़ी, तो regional politics जरूर प्रभावित होगी। एक तरफ तो हमारे लिए चिंता की बात है, लेकिन दूसरी तरफ… शायद मौका भी?
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com