गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पानीपत में जमकर पैसा लगाया – 43 एकड़ ज़मीन पर बनेगी शानदार टाउनशिप!
अरे भई, रियल एस्टेट की दुनिया में तूफान ला देने वाली खबर सुनें! गोदरेज प्रॉपर्टीज ने पानीपत में ऐसा बोल्ड मूव किया है कि लोगों की आँखें फटी की फटी रह गईं। कंपनी ने यहाँ 43 एकड़ की विशाल ज़मीन खरीदकर एक मेगा Township Project बनाने का प्लान बनाया है। सच कहूँ तो, यह सिर्फ ज़मीन खरीदने की बात नहीं है – यह तो पूरे पानीपत को दिल्ली-एनसीआर का नया रियल एस्टेट स्टार बनाने की तैयारी है। और हाँ, स्थानीय मार्केट में तो जैसे दिवाली आ गई हो – experts की मानें तो प्रॉपर्टी प्राइस में जल्द ही रॉकेट सवारी देखने को मिल सकती है।
पानीपत: इतिहास से निकलकर रियल एस्टेट की नई कहानी लिखने को तैयार
वैसे तो पानीपत अपने युद्धों और कृषि के लिए मशहूर था, लेकिन अब? अब तो यह शहर रियल एस्टेट की दुनिया में छा गया है। दिल्ली-एनसीआर से सटा होने का फायदा यह है कि पिछले कुछ सालों में यहाँ की demand आसमान छू रही है। गोदरेज जैसे बड़े खिलाड़ी का यहाँ आना तो जैसे चेरी ऑन द केक वाली बात हो गई। सोचिए – नए infrastructure, रोज़गार के मौके, और वो भी अपने शहर में! हालाँकि, एक सच्चाई यह भी कि दिल्ली के मुकाबले यहाँ ज़मीन सस्ती मिलती है – investors के लिए तो यह मौका हाथ से जाने जैसा है।
क्या होगा इस प्रोजेक्ट में? और कितना पैसा लगेगा?
अब बात करते हैं नंबर्स की – गोदरेज ने सिर्फ ज़मीन खरीदने में ही 250 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। और योजना? बिल्कुल शाही! इस टाउनशिप में आपको मिलेंगे आवासीय प्लॉट्स, अपार्टमेंट्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और हरियाली से भरपूर जोन। टाइमलाइन? अगले 3-4 साल में पूरा होने का टारगेट है। पर सबसे खास बात – यह सिर्फ कंक्रीट का जंगल नहीं होगा, बल्कि sustainable development के सिद्धांतों पर बना एक स्मार्ट टाउनशिप होगा।
लोकल मार्केट और experts क्या कह रहे हैं?
इस निवेश ने तो पानीपत को हिलाकर रख दिया है! local investors तो मानो खुशी से उछल पड़े हैं – उनका दावा है कि प्रॉपर्टी प्राइस में 20-30% तक की जम्प आ सकती है। रियल एस्टेट के जानकारों की राय? गोदरेज का यह मूव पानीपत को एनसीआर का नया real estate hotspot बना देगा। पर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं न? कुछ local leaders ने पर्यावरण और स्थानीय संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव को लेकर सवाल भी उठाए हैं। उनका कहना है कि विकास तो अच्छा है, लेकिन प्रकृति से समझौता करके नहीं।
आगे क्या? भविष्य की संभावनाएँ
गोदरेज जल्द ही इस प्रोजेक्ट की औपचारिक घोषणा कर सकती है। और तो और, experts की मानें तो यह तो सिर्फ शुरुआत है – दूसरी बड़ी कंपनियाँ भी अब पानीपत में invest करने के लिए लाइन लगा सकती हैं। सरकार की तरफ से भी इस इलाके में infrastructure (सड़कें, पानी, बिजली) पर खास ध्यान दिया जाएगा। सीधे शब्दों में कहें तो – पानीपत अब सोने की चिड़िया बनने जा रहा है!
अंत में बस इतना कि गोदरेज का यह निवेश पानीपत को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। पर साथ ही, sustainable तरीके से विकास करना भी उतना ही ज़रूरी है। वैसे भी, development और environment का बैलेंस बनाकर चलेंगे तो सबका भला होगा – है न?
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इस शहर में प्रॉपर्टी दामों का पागलपन – क्या आप भी कन्फ्यूज हैं?
अरे भाई, कल ही तो मेरे दोस्त ने कहा – “यार इस शहर में तो अब ज़मीन खरीदना सपना हो गया है!” सच कहूँ तो मुझे भी लगा कि कुछ तो चल रहा है असल में। आखिर क्यों एकदम से सबकी नज़र इस छोटे से शहर पर टिकी हुई है?
कौन सी कंपनी है जिसने 43 एकड़ की ज़मीन हड़प ली?
देखो, बात यह है कि एक बड़ी MNC (नाम तो शायद अभी पता नहीं, वैसे भी ये कंपनियां शुरू में चुप ही रहती हैं) ने यहाँ पूरे 43 एकड़ ज़मीन खरीदी है। सुनकर हैरानी होती है न? मतलब ये कोई छोटी-मोटी डील तो है नहीं।
अब सवाल यह कि आखिर क्यों? मेरे एक दोस्त जो real estate में है, उसका कहना है कि ये लोग यहाँ या तो manufacturing plant बनाएंगे, या फिर कोई बड़ा business hub। असल में ये शहर अब तक जिस तरह ignore किया जाता था, वो बात अब खत्म। Local economy को तो इससे जबरदस्त फायदा होगा। सच कहूँ तो!
क्या अब प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छूएंगी?
बिल्कुल! मेरा तो यही अनुमान है। Experts की मानें तो आसपास के इलाकों में property prices में 20-30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। पर सोचो – जब नए रोज़गार के अवसर आएंगे, infrastructure develop होगा, तो कीमतें बढ़ेंगी ही न?
एक तरफ तो यह अच्छी खबर है investors के लिए, लेकिन सामान्य लोगों के लिए? हम्म… थोड़ी चिंता की बात भी है।
अभी खरीदारी करें या इंतज़ार?
अगर आपका प्लान long-term investment का है, तो शायद यह सही मौका हो। लेकिन ऐसे ही जल्दबाजी में decision न लें। मेरी सलाह? कम से कम 2-3 local real estate agents से बात करें, market trends को समझें। वैसे भी, जल्दबाजी में लिया गया फैसला अक्सर पछतावे का कारण बनता है।
Local लोगों को क्या मिलेगा इससे?
देखा जाए तो सबसे ज्यादा फायदा तो यहाँ के स्थानीय लोगों को ही होगा। नौकरियां मिलेंगी, दुकानों और छोटे businesses को बढ़ावा मिलेगा। स्कूल, हॉस्पिटल, सड़कें – सब कुछ बेहतर होगा।
हालांकि, एक डाउनसाइड भी है। जब तक ये सब develop होगा, शहर में construction का शोर और धूल-मिट्टी तो झेलनी ही पड़ेगी। लेकिन अंत में जो नतीजा मिलेगा, वो शायद इसकी भरपाई कर देगा।
तो क्या सोच रहे हैं? क्या आप भी इस गोल्डन ऑपरच्युनिटी का फायदा उठाने वाले हैं? कमेंट में बताइएगा जरूर!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com