बिहार की ‘उड़ान’ ने किया कमाल! 5 साल में 30 गुना यात्री… कैसे हुआ ये जादू?
अरे भई, बिहार में तो हवाई यात्रियों की संख्या ने रॉकेट की स्पीड पकड़ ली है! सच कहूं तो मुझे खुद यकीन नहीं हो रहा कि पिछले 5 साल में ये आंकड़ा 30 गुना कैसे बढ़ गया। असल में देखा जाए तो ये सिर्फ नंबर्स की बात नहीं, बल्कि बिहार की पूरी तस्वीर बदलने वाली कहानी है। और हां, ये उतना ही बड़ा चेंज है जितना पहले बिहारी लोगों के लिए हवाई जहाज सपना हुआ करता था और अब वो उसमें चाय पीते नजर आते हैं!
कहानी शुरू होती है… जब स्थिति बिल्कुल अलग थी
याद कीजिए 2018 का दौर। उस वक्त बिहार में हवाई अड्डे का मतलब था सिर्फ पटना एयरपोर्ट, और वहां भी साल भर में मुश्किल से 5 लाख यात्री। मानो कोई सुनसान सिनेमा हॉल हो जहां फिल्म चल रही हो लेकिन दर्शक ही न हों। लेकिन फिर क्या हुआ? UDAAN योजना आई और गेम बदल गया। एक तरफ तो केंद्र सरकार ने पंख दिए, दूसरी तरफ राज्य सरकार ने रनवे बनाए। और बस फिर क्या था…
आंकड़े बोलते हैं: 5 लाख से 1.5 करोड़ का सफर!
अब ये जो नंबर्स हैं न, सुनकर ही चौंक जाओगे। 2018 के 5 लाख से 2023 में 1.5 करोड़ यात्री? भई ये तो वाकई में किसी सुपरहिट मूवी के BO कलेक्शन जैसा है! और सिर्फ यात्री ही नहीं, daily flights भी 10-12 से बढ़कर 50+ हो गईं। मजे की बात ये कि अब सिर्फ पटना ही नहीं, दरभंगा, गया और मुजफ्फरपुर के एयरपोर्ट्स भी धमाल मचा रहे हैं। क्या बात है न?
क्या कहते हैं लोग? CM से लेकर आम आदमी तक
बिहार के मुख्यमंत्री तो खुशी से फूले नहीं समा रहे – “ये नया बिहार है” कहते नहीं थक रहे। पर असली कहानी तो आम लोगों की है। जैसे राहुल कुमार जैसे बिजनेस ट्रैवलर्स की जिंदगी ही बदल गई – “पहले ट्रेन में 12 घंटे की टॉर्चर, अब 1.5 घंटे में मजे की उड़ान!” विशेषज्ञों की मानें तो ये सब middle class की बढ़ती जेब का कमाल है। डॉ. राजीव सिन्हा जैसे aviation experts कहते हैं disposable income बढ़ने से हवाई सफर अब luxury नहीं, necessity बन गया है।
आगे का रास्ता: नए एयरपोर्ट्स… नई चुनौतियां
अब तो भागलपुर, पूर्णिया और सीतामढ़ी में भी एयरपोर्ट्स आने वाले हैं। पर साथ ही चुनौतियां भी हैं – जैसे parking की समस्या और छोटे होते टर्मिनल्स। मजे की बात ये कि अब बिहार के लोगों को ट्रेन के वेटिंग लिस्ट का स्ट्रेस नहीं, बल्कि फ्लाइट्स के ओवरबुकिंग का टेंशन है! पर ये तो अच्छे दिनों की परेशानी है न?
सच तो ये है कि बिहार की ये ‘उड़ान’ सिर्फ हवाई जहाज़ों तक सीमित नहीं। ये तो पूरे राज्य के आत्मविश्वास की उड़ान है। अगर यही रफ्तार रही तो जल्द ही बिहार aviation मैप पर बड़ा नाम बन जाएगा। और फिर कौन जाने, शायद अगले पांच साल में हम 30 गुना नहीं, 50 गुना ग्रोथ की बात कर रहे हों! क्या पता?
बिहार की ‘उड़ान’ ने सच में कमाल कर दिया है! सोचिए, पिछले 5 साल में हवाई यात्रियों की संख्या 30 गुना बढ़ गई – ये कोई छोटी बात तो नहीं, है न? असल में, ये सिर्फ़ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि बिहार की बदलती तस्वीर का सबूत है। पर्यटन हो या economy, सबकुछ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। और हाँ, बेहतर connectivity और सुविधाओं ने भी इसमें बड़ा रोल निभाया है।
अब तो हवाई सफर बिहार के लोगों के लिए सपना नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की reality बनता जा रहा है। सच कहूँ तो, ये देखकर बड़ी खुशी होती है। क्योंकि जब infrastructure improve होता है, तो पूरा राज्य ही आगे बढ़ता है। और बिहार? वो तो अब उड़ान भरने को तैयार है!
एक बात और – ये growth सिर्फ़ numbers की बात नहीं है। इसके पीछे लाखों लोगों की मेहनत और सपने छिपे हैं। जानते हैं न?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com