“बिहार चुनाव: JDU कार्यकर्ताओं की मांग – ‘निशांत कुमार को उतारो, जीत सुनिश्चित करो!'”

बिहार चुनाव: JDU कार्यकर्ताओं की मांग – ‘निशांत कुमार को उतारो, जीत सुनिश्चित करो!’

पटना में JDU का एक कार्यक्रम… और राजनीतिक गलियारों में नई बहस छिड़ गई है। देखिए न, पार्टी के जोशीले कार्यकर्ताओं ने आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए निशांत कुमार को टिकट दिए जाने की मांग को लेकर पोस्टर लहरा दिए। “निशांत कुमार को उतारो, जीत सुनिश्चित करो!” – ये नारा तो सच में कानों में घुमड़ने लगा है। असल में, ये सिर्फ पोस्टर नहीं, पार्टी के भीतर एक नई बहस की शुरुआत है। और कार्यकर्ताओं का तर्क? निशांत साहब के नेतृत्व में न सिर्फ जीत पक्की है, बल्कि युवा वोटर्स का पूरा समर्थन भी मिलेगा।

अब सवाल यह है कि ये मांग इतनी जोर-शोर से क्यों उठ रही है? दरअसल, निशांत कुमार का स्टॉक पिछले कुछ सालों में काफी ऊपर चढ़ा है। JDU के युवा नेताओं में उनका नाम अब टॉप पर आ गया है। और सच कहूं तो, उन्होंने पार्टी के लिए जमीनी काम करके दिखाया है। बिहार में चुनावी रणनीति पर JDU और उसके सहयोगियों की बैठकें चल ही रही हैं, ऐसे में ये मांग और भी ज्यादा मायने रखती है। खासकर तब, जब पार्टी के अंदर से युवाओं को टिकट देने की मांग लगातार बढ़ रही हो।

पटना के उस कार्यक्रम का तो क्या कहना! कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से अपनी बात रखी, वो सच में सुर्खियां बटोरने वाला था। सिर्फ पोस्टर ही नहीं, जोरदार नारेबाजी भी हुई। और तो और, पार्टी के बड़े नेताओं और निशांत जी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई है। कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि पार्टी लीडरशिप इस मांग को गंभीरता से ले रही है। क्या सच में निशांत कुमार को टिकट मिलेगा? अभी तो ये सवाल हवा में है।

इस पूरे मामले पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। JDU के एक कार्यकर्ता ने मुझे बताया, “भईया, निशांत जी की लोकप्रियता और मेहनत देखिए – ये तो पार्टी के लिए गेम-चेंजर साबित होंगे।” वहीं पार्टी के एक बड़े नेता (जिन्होंने नाम नहीं लेने की शर्त रखी) ने कहा, “फैसला तो केंद्रीय समिति करेगी, लेकिन कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” और विपक्ष? उन्होंने तो मौके का फायदा उठाते हुए इसे JDU की ‘अंदरूनी कमजोरी’ बता दिया। एक विपक्षी नेता ने तीखा टिप्पणी करते हुए कहा, “JDU में टिकट को लेकर जो असंतोष है, वो तो साफ दिख रहा है।”

तो अब क्या? अगली कड़ी में JDU की केंद्रीय समिति की बैठक होनी है, जहां निशांत कुमार समेत सभी उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगेगी। अगर निशांत जी को टिकट मिलता है… तो फिर तो पूरी बिहार राजनीति की नजरें उनके प्रदर्शन पर होंगी। पर एक चिंता भी है – कहीं ये मामला पार्टी के युवा और वरिष्ठ नेताओं के बीच तनाव की वजह न बन जाए। बिहार की राजनीति का ये नया ट्विस्ट किस दिशा में मुड़ेगा, ये तो वक्त ही बताएगा।

एक बात तो तय है – इस बार बिहार चुनाव में JDU की हर चाल पर सबकी नजर है। निशांत कुमार को लेकर कार्यकर्ताओं की ये मांग सिर्फ पार्टी तक ही सीमित नहीं, बल्कि पूरे राज्य की राजनीति को हिला कर रख देने वाली साबित हो सकती है। क्या आपको नहीं लगता?

बिहार चुनाव और JDU की मांग – जानिए क्या है पूरा मामला?

1. ‘निशांत कुमार को उतारो, जीत सुनिश्चित करो!’ – ये मांग क्यों हो रही है?

देखिए, JDU के कार्यकर्ताओं का ये नारा सुनकर लगता है जैसे उन्होंने कोई जादू की छड़ी ढूंढ ली हो! असल में बात ये है कि उनका मानना है निशांत कुमार सच में जनता के बीच काफी पॉपुलर हैं। और सच कहूं तो आजकल के चुनावों में ये connect ही तो जीत दिलाता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या सिर्फ एक नेता के नाम पर पूरी पार्टी की किस्मत बदल सकती है?

2. निशांत कुमार कौन हैं? जानिए उनकी पूरी कहानी

अब ये निशांत कुमार साहब… ये कोई आम नेता तो नहीं लगते! बिहार की राजनीति में ये युवा चेहरा काफी dynamic तरीके से उभरा है। JDU के लिए ग्राउंड लेवल से लेकर ऊपर तक काम किया है। सच कहूं तो इनकी खासियत यही है कि ये आम जनता की भाषा समझते हैं। पर क्या ये काबिलियत अकेले चुनाव जितवा सकती है? ये तो वक्त ही बताएगा।

3. क्या दिल्ली वालों को पसंद आ रही है ये मांग?

ईमानदारी से कहूं तो अभी तक JDU के top leaders ने इस पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है। मगर अंदरूनी सूत्रों की मानें तो… हां, ये मामला गंभीरता से लिया जा रहा है। बैकडोर पर चर्चाएं जोरों पर हैं। पर राजनीति में कभी कुछ भी हो सकता है, है न?

4. 2024 के चुनाव पर क्या पड़ेगा असर? एक्सपर्ट नहीं, असली बात

देखिए, अगर निशांत को टिकट मिला तो… वाह! JDU को युवाओं का समर्थन मिल सकता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो? फिर तो कार्यकर्ताओं का मूड खराब होना तय है। राजनीति है भाई – एक तरफ तो मौका, दूसरी तरफ risk। अब देखना ये है कि पार्टी किस रास्ते पर चलती है।

एक बात और – ये सिर्फ एक टिकट की बात नहीं है। असल में ये बिहार की राजनीति का नया अध्याय हो सकता है। सच कहूं तो!

Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com

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