बिहार की राजनीति फिर गरमाई! NDA गठबंधन में क्यों चल रही है ‘कलह की आग’?
अरे भई, बिहार की राजनीति तो मानो कभी ठंडी होती ही नहीं! अभी कुछ दिन पहले ही सब शांत लग रहा था, और फिर – बाम! LJP के युवा नेता चिराग पासवान ने सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सीधा निशाना साध दिया। और उस पर RLSP के उपेंद्र कुशवाहा जी का जवाब? जैसे घी में आग घोल दी हो। “लक्ष्मण रेखा” वाली बात तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी है। सच कहूं तो, NDA के लिए यह कोई अच्छा संकेत नहीं है, खासकर 2024 से ठीक पहले।
पृष्ठभूमि: क्यों भाई-भतीजावाद नहीं चल रहा?
देखिए न, बिहार में NDA में तो BJP, JDU, LJP, RLSP सब शामिल हैं। पर यार, इनका ‘एकता का नाटक’ कब तक चलेगा? चिराग तो पहले भी कई बार सरकार को घेर चुके हैं। और कुशवाहा जी? उनका तो चिराग से पुराना हिसाब चल रहा है। यह नई टकराहट तो बस पुराने घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। सच पूछो तो, ये सब ‘घर का भेदी लंका ढाए’ वाली कहावत को सच साबित कर रहे हैं।
विवाद की जड़: कानून-व्यवस्था या राजनीति?
मामला तब शुरू हुआ जब चिराग ने सीधे-सीधे कह दिया कि बिहार में अपराध बढ़ रहे हैं। अब भई, यह तो सरकार के लिए सीधा चुनौती थी न? कुशवाहा जी ने तुरंत जवाब दिया – “गठबंधन में रहकर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।” एक तरफ तो यह सही बात है, पर दूसरी तरफ… क्या जनता की समस्याएं बताना गलत है? है न दिलचस्प बात? और सबसे मजेदार – BJP अभी तक चुप्पी साधे हुए है। शायद ‘खामोशी सबसे बड़ा जवाब’ वाली रणनीति पर काम कर रहे हैं!
राजनीतिक गलियारों में क्या चल रहा है?
अब तो यह मामला सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक पहुंच गया है। RLSP वाले कुशवाहा को सपोर्ट कर रहे हैं – “गठबंधन की मर्यादा तो बनाए रखनी चाहिए।” वहीं LJP के लोगों का कहना है – “अगर सच बोलना गलत है, तो फिर?” राजनीति के जानकार तो इसे 2024 के चुनावों से पहले NDA के लिए बड़ा खतरा मान रहे हैं। और सच कहूं? उनकी बात में दम भी लगता है।
आगे क्या? गठबंधन बचेगा या टूटेगा?
अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? मेरे हिसाब से तो दो ही रास्ते हैं:
1. BJP बीच-बचाव करेगी (जैसा कि वह अक्सर करती है)
2. यह विवाद और बढ़ेगा (और फिर… कौन जाने क्या हो!)
चिराग तो अपनी बात पर अड़े रहने वाले हैं, यह तो तय है। और कुशवाहा जी? वे भी पीछे हटने वाले नहीं लगते। ऐसे में BJP को ही इस ‘राजनीतिक अग्निकुंड’ से गठबंधन को बचाना होगा। वरना… 2024 में यह टकराव NDA को भारी पड़ सकता है।
अंत में बस इतना कहूंगा – बिहार की राजनीति में अगर कुछ निश्चित है, तो वह है अनिश्चितता! और यह नया विवाद तो इस बात को और साबित कर रहा है। क्या आपको नहीं लगता?
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बिहार की राजनीति में NDA का यह तनाव… है ना मज़ेदार? सच कहूं तो, सियासी गठजोड़ ताश के महल जैसे होते हैं – एक झटके में बिखरने को तैयार। चिराग पासवान के सवालों से लेकर उपेंद्र कुशवाहा का वो ‘लक्ष्मण रेखा’ वाला जवाब… असल में ये सब बता रहा है कि गठबंधन की दोस्ती कितनी कच्ची है।
अब सवाल यह है कि आगे क्या? क्योंकि बिहार की राजनीति में ये छोटी-सी चिंगारी भी बड़ा तूफ़ान ला सकती है। वैसे भी, यहां तो हर दिन नया ड्रामा। देखते हैं, इस बार का एपिसोड कहां तक जाता है!
मेरी निजी राय? जो भी हो, मगर दिलचस्प तो है ही।
बिहार NDA गठबंधन में आग-पानी का खेल: चिराग पासवान vs कुशवाहा की टकराहट समझिए
1. असल में झगड़ा किस बात का है?
देखिए, मामला सीधा-साधा है। चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर सीधा निशाना साध दिया। और भईया, जब आप गठबंधन में हैं तो ऐसे सीधे हमले बर्दाश्त नहीं होते! RLSP के उपेंद्र कुशवाहा ने तुरंत जवाब दिया – “लक्ष्मण रेखा याद रखिए”। मतलब साफ है न?
2. चिराग ने क्या उल्टा-सीधा बोल दिया?
अरे, चिराग तो बिल्कुल बेबाक अंदाज में बोल पड़े! कहने लगे कि बिहार में अपराधियों का राज चल रहा है, और NDA सरकार को गंभीर होकर काम करना चाहिए। सच कहूं तो ये बयान तो सही है… लेकिन राजनीति में सच बोलने का तरीका भी तो होता है ना?
3. कुशवाहा का “लक्ष्मण रेखा” वाला जुमला क्या दर्शाता है?
असल में ये पूरा एक राजनीतिक संदेश है दोस्तों! कुशवाहा जी ने बड़े ही सलीके से समझाया कि गठबंधन में रहकर सरकार पर सीधे तीर चलाना ठीक नहीं। ये वैसा ही है जैसे घर में रहकर ही घर की बुराई करना। थोड़ा सा तो संयम रखना पड़ता है ना?
4. क्या ये झगड़ा गठबंधन तोड़ देगा?
अभी के लिए तो नहीं लगता। पर… हालात बड़े नाजुक हैं। NDA के नेता इसे “गठबंधन का आंतरिक मामला” बता रहे हैं। मतलब? “हम आपस में ही सुलझा लेंगे”। लेकिन अगर चिराग और आगे बढ़ गए तो… फिर क्या होगा? वो तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो सब चाय-पानी की तरह ठंडा हो जाएगा।
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com