BIS प्रमाणित हेलमेट ही क्यों? सरकार की यह चेतावनी आपको नज़रअंदाज़ नहीं करनी चाहिए!
अरे भाई, अगर आप बाइक या स्कूटर चलाते हैं तो यह खबर सीधे आपके लिए है। हाल ही में सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है – अब सिर्फ BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणित हेलमेट ही चलेगा। और यह कोई सामान्य सलाह नहीं है, बल्कि एक सख्त चेतावनी है। सच कहूं तो, यह कदम बहुत ज़रूरी था। क्यों? क्योंकि हर साल हज़ारों लोग सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि या तो उन्होंने हेलमेट पहना ही नहीं, या फिर वो ‘चाइनीज माल’ वाला नकली हेलमेट पहन लिया जो दुर्घटना में किसी काम का नहीं होता।
अब सवाल यह है कि ISI मार्क वाला हेलमेट ही क्यों? देखिए, यह कोई सरकारी फैंसी सर्टिफिकेट नहीं है। असल में, जब हेलमेट पर ISI मार्क होता है, तो इसका मतलब है कि उसे कड़े टेस्ट से गुजरना पड़ा है। वो टक्कर झेल सकता है, आपके सिर को चोट से बचा सकता है। लेकिन आजकल तो बाजार में ऐसे हेलमेटों की भरमार है जो सिर्फ दिखने में ‘स्टाइलिश’ हैं – अंदर से खोखले। एकदम धोखा!
चेन्नई में तो हाल ही में एक दिलचस्प मामला हुआ। BIS वालों ने एक road show किया और लोगों को असली ISI हेलमेट बांटे। साथ ही traffic पुलिस के साथ मिलकर जागरूकता अभियान भी चलाया। अब तो सरकार ने पूरी तरह से non-standard हेलमेट पर बैन लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। और हां, अगर आप बिना ISI मार्क वाला हेलमेट पहनकर पकड़े गए तो जेब ढीली करने के लिए तैयार रहिए!
लोग क्या कह रहे हैं इस बारे में? सच तो यह है कि राय बंटी हुई है। एक तरफ तो experts का कहना है कि fake हेलमेट बेचने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। वहीं कुछ लोगों की शिकायत है कि BIS हेलमेट महंगे होते हैं। पर सुनिए, जब जान बचाने की बात आए तो क्या कीमत मायने रखती है? ईमानदारी से कहूं तो, 500-1000 रुपये बचाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डालना समझदारी नहीं है।
आगे क्या होने वाला है? लगता है सरकार इस बार पूरी तरह से गंभीम है। आने वाले दिनों में हेलमेट के standards और सख्त होंगे, manufacturers पर नज़र रखी जाएगी, और जुर्माने की रकम भी बढ़ सकती है। एक तरह से देखा जाए तो यह अच्छी बात है – क्योंकि सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
तो दोस्तों, अगली बार जब भी बाइक पर निकलें, तो याद रखें – असली ISI मार्क वाला हेलमेट ही पहनें। वरना… खैर, आप समझदार हैं। सुरक्षा आपकी, जिम्मेदारी भी आपकी। है न?
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अरे भाई, अगर आप भी बाइक चलाते हैं तो ये जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है। क्यों? क्योंकि अब तो सरकार ने BIS certified हेलमेट को लेकर कड़े नियम बना दिए हैं। और हां, ये सिर्फ़ एक फॉर्मैलिटी नहीं है – आपकी सुरक्षा से सीधा वास्ता है। तो चलिए, एक-एक करके सारे सवालों को समझते हैं।
1. BIS प्रमाणित हेलमेट आखिर होता क्या है?
देखिए, ये कोई साधारण हेलमेट नहीं होता। असल में, BIS (Bureau of Indian Standards) वो संस्था है जो भारत में product quality के standards तय करती है। जब कोई हेलमेट इनके strict safety tests पास कर लेता है, तभी उसे ISI मार्क मिलता है। मतलब साफ़ है – quality, durability और सबसे important, आपके सिर की सुरक्षा का guarantee!
2. गैर-BIS हेलमेट पहनने पर क्या होगा? सच-सच बताओ!
अब यहां थोड़ी सी डांट-फटकार वाली बात आती है। नए rules के हिसाब से, अगर आपने BIS certified हेलमेट नहीं पहना है तो तैयार रहिए ₹1000 तक के challan के लिए। और तो और, कुछ states में तो license भी suspend हो सकता है! सोचिए, क्या सस्ते हेलमेट की वजह से इतनी मुसीबत झेलनी चाहिए?
3. पता कैसे चलेगा कि मेरा हेलमेट असली है या नकली?
यहां थोड़ी सी detective वाली बात करनी पड़ेगी। असली BIS हेलमेट पर दो चीज़ें ज़रूर होती हैं – ISI मार्क और एक unique certification number। आप चाहें तो BIS की official website पर जाकर इस number को verify कर सकते हैं। एक और छोटी सी tip – हमेशा किसी trusted brand का ही हेलमेट खरीदें। वो roadside वाले ₹200 के हेलमेट तो बस नाम के ही हेलमेट होते हैं!
4. क्या सच में हर तरह के हेलमेट के लिए BIS certification ज़रूरी है?
बिल्कुल! चाहे आप full-face हेलमेट पहनें, half-face या फिर modular – rules सभी पर एक जैसे लागू होते हैं। सरकार का मकसद साफ़ है – हर rider की सुरक्षा सुनिश्चित करना। तो अगर आप अभी तक किसी local shop से खरीदे हुए नॉन-ISI हेलमेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो समझदारी इसी में है कि जल्द से जल्द एक proper BIS certified हेलमेट खरीद लें।
एक last बात – ये सिर्फ़ challan से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी safety के लिए है। सोचिए, क्या आपके सिर की कीमत ₹1000 से भी कम है?
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com