बंगाल में BJP का बड़ा चाल? अमित शाह की मीटिंग के बाद क्या पलट सकते हैं राजनीतिक पत्ते?
पश्चिम बंगाल की राजनीति में फिर से हलचल शुरू हो गई है। और इस बार बात बड़ी है। गृह मंत्री अमित शाह ने BJP के राज्य नेताओं के साथ एक गोपनीय बैठक की – जिसमें सिर्फ चाय नहीं, बल्कि गरमागरम राजनीति चली। ये बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब दीदी ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रही हैं। तो सवाल यह है कि क्या BJP अब जवाबी हमले की तैयारी कर रही है?
बंगाल का राजनीतिक चेसबोर्ड: कौन किसके वजीर को मारेगा?
असल में देखा जाए तो बंगाल में BJP और TMC की लड़ाई अब शतरंज के खेल जैसी हो गई है। 2019 में BJP ने यहाँ 18 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था – जैसे कोई बिसात ही पलट दी हो। लेकिन उसके बाद से? CAA-NRC विवाद, धर्मनिरपेक्षता की बहस… ममता दीदी तो BJP को ‘बाहरी ताकत’ बताकर खेल रही हैं। पर क्या ये नारे अब काम करेंगे?
अमित शाह का मास्टरस्ट्रोक या सिर्फ एक और बैठक?
इस बैठक में क्या हुआ? सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी? घुसपैठ का मुद्दा? प्रवासी मजदूरों की समस्या? ये सब BJP के नए हथियार हो सकते हैं। और हाँ, सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग को लेकर भी खास जोर दिया गया। मतलब साफ है – अब युद्ध ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोर्चों पर लड़ा जाएगा।
रिएक्शन्स: एक तरफ आग, दूसरी तरफ पानी
BJP प्रवक्ता का कहना है – “हम TMC की अराजकता उजागर करेंगे।” वहीं TMC वाले तो मानो पहले से ही तैयार बैठे थे – “ये बाहरी लोग बंगाल को बांटना चाहते हैं।” सच कहूँ तो दोनों पक्ष अपनी-अपनी रोटियाँ सेक रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में ये बैठक दिखाती है कि BJP बंगाल को नेशनल पॉलिटिक्स का सेंटर स्टेज बनाना चाहती है।
आगे क्या? एक सवाल जिसका जवाब वक्त ही देगा
अब देखना ये है कि BJP वोटर लिस्ट और घुसपैठ के मुद्दे पर कितना दबाव बना पाती है। और दीदी? वो तो बंगाली अस्मिता की रक्षा के नारे से मैदान में उतरेंगी ही। 2024 से पहले यहाँ की राजनीति और गरमा सकती है। एक तरफ ध्रुवीकरण, दूसरी तरफ सांप्रदायिक तनाव… स्थिति बड़ी नाजुक है। पर इतना तो तय है – बंगाल अब सिर्फ एक राज्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का बैटलग्राउंड बन चुका है।
अमित शाह की यह बैठक तो एक साफ संदेश दे गई है – BJP बंगाल में अपनी पकड़ बनाने के लिए पूरी तरह से मोड पर है। अब सवाल यह है कि आने वाले चुनावों में यह रणनीति कितना काम आएगी? और ममता दीदी के लिए यह चुनौती कितनी बड़ी साबित होगी? देखा जाए तो राज्य की राजनीति में हलचल तो तय है।
एक तरफ BJP अपने दांव चल रही है, तो दूसरी तरफ TMC को भी अपना खेल समझदारी से खेलना होगा। ईमानदारी से कहूं तो, यह टकराव सिर्फ दो पार्टियों का मसला नहीं… बल्कि पूरे बंगाल के भविष्य का सवाल है।
अब देखना यह रहेगा कि –
1. BJP इस मौके को कितना भुनाती है?
2. TMC का काउंटर-अटैक कितना असरदार होता है?
क्योंकि जैसा हम सब जानते हैं, राजनीति में एक दिन भी बहुत बड़ा फर्क ला सकता है। और बंगाल? वहां तो गेम पहले से ही बहुत ही दिलचस्प है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com