BJP नेता कविंदर गुप्ता अब लद्दाख के LG! हरियाणा-गोवा के नए गवर्नर्स पर भी बड़ा अपडेट
अच्छा, तो बड़ी खबर ये है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन बड़े प्रशासनिक फैसले लिए हैं। लद्दाख, हरियाणा और गोवा – इन तीनों जगहों पर नए चेहरे नियुक्त किए गए हैं। और सबसे दिलचस्प? भाजपा के दिग्गज नेता कविंदर गुप्ता अब लद्दाख के उपराज्यपाल (LG) बन गए हैं। साथ ही, बंडारू दत्तात्रेय हरियाणा के नए गवर्नर बनाए गए हैं, जबकि गोवा की कमान पी.एस. श्रीधरन पिल्लई को सौंपी गई है। मोदी सरकार के ‘सुशासन’ वाले मंत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में ये कदम कितना कारगर साबित होगा? वक्त बताएगा।
असल में, लद्दाख में पिछले LG राधा कृष्ण माथुर के इस्तीफे के बाद से ही ये चर्चा चल रही थी। कविंदर गुप्ता को यहाँ चुनना दिलचस्प है – ये वही गुप्ता साहब हैं जो पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम रह चुके हैं और हरियाणा में मंत्री भी। अनुभव की बात करें तो इनके पास राजनीति और प्रशासन दोनों का भरपूर नॉलेज है। वहीं दत्तात्रेय जी पहले हिमाचल के गवर्नर थे, और पिल्लई साहब ने मिजोरम में अपनी भूमिका निभाई है। साफ है कि सरकार ने अनुभवी लोगों को ही चुना है – या फिर ये कहें कि ‘ट्रायड एंड टेस्टेड’ फॉर्मूला अपनाया गया है।
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ये नियुक्तियाँ फाइनल हो गई हैं। अब गुप्ता जी के सामने लद्दाख की बड़ी चुनौतियाँ हैं – चीन बॉर्डर का मसला हो या फिर यहाँ के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करना। हरियाणा और गोवा में भी नए गवर्नर्स को राज्य सरकारों के साथ तालमेल बिठाना होगा। मजे की बात ये कि ये सारे नेता ऐसे समय में नियुक्त किए गए हैं जब 2024 के चुनाव दूर नहीं। संयोग? शायद नहीं!
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तो आनी ही थीं। भाजपा वालों का कहना है कि ये सही कदम है, जबकि विपक्ष सवाल उठा रहा है – “क्या ये नियुक्तियाँ योग्यता पर हैं या फिर सिर्फ सियासी समीकरण?” लद्दाख के स्थानीय नेताओं ने भी अपनी उम्मीदें जता दी हैं कि नया LG यहाँ के विकास और स्वायत्तता के मुद्दों को प्राथमिकता देगा। सच कहूँ तो, हर तरफ से दबाव बना हुआ है।
आगे क्या? लद्दाख में इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमा सुरक्षा और स्वायत्तता जैसे मुद्दे तो हैं ही। हरियाणा और गोवा में नए गवर्नर्स को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सेतु का काम करना होगा। कुछ एक्सपर्ट्स की राय है कि ये सब 2024 की तैयारी का हिस्सा हो सकता है। क्या पता, शायद ये सारे फैसले आने वाले समय में और साफ हो जाएँ।
अंत में बस इतना कि देश के प्रशासनिक ढाँचे में ये एक बड़ा बदलाव है। नए नेतृत्व को अब जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। असल नतीजे तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल ये मूव सरकार की ‘बड़ी चाल’ की तरह दिख रहा है। क्या ये चाल चलेगी? वो तो… आपको बताना होगा!
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1. कविंदर गुप्ता कौन हैं? और लद्दाख का LG चुनने में क्या सोच रही सरकार?
अरे, कविंदर गुप्ता तो BJP के बड़े नामों में से एक हैं! हरियाणा में Deputy CM रह चुके हैं, तो अनुभव की कोई कमी नहीं। सच कहूं तो लद्दाख जैसे sensitive इलाके के लिए उनका राजनीतिक और प्रशासनिक नॉलेज बिल्कुल सही फिट है। वैसे भी, आजकल सरकार experienced हाथों में ही जिम्मेदारी देना पसंद कर रही है।
2. हरियाणा और गोवा में नए चेहरे – क्या बदलाव लाएंगे ये Governors?
देखिए न, हरियाणा को मिले हैं बैंडारू दत्तात्रेय – तेलंगाना से ट्रांसफर हुए हैं। अब ये कैसा मूव है? शायद उनका हरियाणा के साथ पुराना कनेक्शन काम आएगा। वहीं गोवा में P.S. Sreedharan Pillai को भेजा गया है। ये साउथ से नॉर्थ और अब वेस्ट – इनका टूर जारी है! मिजोरम का अनुभव यहां काम आएगा, ये तो वक्त ही बताएगा।
3. LG और Governor में फर्क – समझिए आसान भाषा में
असल में बात ये है कि LG यानि Lieutenant Governor Union Territory का बॉस होता है, जबकि Governor state का। पर यहां मजा ये है कि LG पर केंद्र सरकार की पकड़ ज्यादा सख्त होती है। थोड़ा सा direct control वाला गेम। समझे न? जैसे दिल्ली और पुडुचेरी में भी यही सिस्टम है।
4. क्या ये सब BJP की चाल है? Strategy या सिर्फ experience का खेल?
ईमानदारी से कहूं तो दोनों ही बातें हैं! BJP अपने पुराने घोड़ों को ही नए रेसकोर्स पर दौड़ा रही है। Trusted faces, important roles – ये तो उनकी पुरानी strategy रही है। पर सच ये भी है कि इन नियुक्तियों के पीछे regional experience का भी बड़ा रोल है। राजनीति है भाई, हर मूव के पीछे कुछ न कुछ तो calculation होता ही है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com