“कपिल शर्मा के कैफे पर हमले के बाद BJP का बयान: ‘पिछवाड़े में सांप पालोगे तो आपको ही डसेगा'”

कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: BJP का वो ‘सांप वाला’ बयान और राजनीति का नया मैदान

मुंबई की रात में अचानक गोलियों की आवाज़ – और सबकी निगाहें कपिल शर्मा के “के-कैफे” पर टिक गईं। सेलिब्रिटीज़ का यह पसंदीदा अड्डा अचानक हिंसा का शिकार बन गया। अरे भई, किसी को तो नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मामला इतना गरमा गया कि दिल्ली तक इसकी चर्चा पहुँच गई। और फिर? फिर तो BJP नेता आरपी सिंह ने ऐसा बयान दिया कि सियासत की कड़ाही में तेल डाल दिया – “पिछवाड़े में सांप पालोगे तो आपको ही डसेगा!” सुनकर लगा जैसे कोई पुरानी कहावत नहीं, बल्कि आज की राजनीति का सच बोल दिया।

असल में बात यह है कि “के-कैफे” जैसी जगह पर हमला कोई मामूली घटना नहीं। यह मुंबई का वो इलाका है जहाँ हर दूसरे कैमरे में कोई न कोई सेलिब्रिटी नज़र आ जाता है। और जब यहाँ खालिस्तानी झंडे दिखें, तो समझ जाइए मामला गंभीर है। सच कहूँ तो सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही ऐसी घटनाओं का अंदेशा था। पर ये तो हुई ऊपरी बात। असली मसला तो अब शुरू होता है…

CCTV फुटेज देखकर पुलिस की नींद उड़ गई होगी। हमलावरों ने न सिर्फ गोलीबारी की, बल्कि खुल्लमखुल्ला अपनी पहचान भी छोड़ दी। अब सवाल यह है कि क्या यह सच में कोई आतंकी वारदात थी, या फिर किसी और की साजिश? BJP नेता का बयान तो ऐसा लग रहा था जैसे सीधा किसी को निशाना बना रहे हों। उनका कहना था – “जो आतंकियों को पनाह देगा, उसका यही हाल होगा।” थोड़ा कड़वा सच, है न?

राजनीति की रसोई तो अब पूरी तरह गरमा गई। एक तरफ BJP आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता इस बयान को “फायरबॉल” बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो जैसे माहौल और भी गरम है – कोई सरकार को कोस रहा है, तो कोई विपक्ष को। ऐसा लग रहा है जैसे 2024 के चुनावों का पहला शॉट यहीं से फायर हो गया हो!

अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि आगे क्या होगा? NIA की जाँच तेज़ होगी, यह तो तय है। पर असली सवाल यह है कि क्या यह मामला:

  • सिर्फ एक आतंकी वारदात बनकर रह जाएगा?
  • या फिर देश की सुरक्षा नीतियों पर बहस छेड़ देगा?
  • और कहीं यह 2024 के चुनावों का ‘सुरक्षा कार्ड’ तो नहीं बनने वाला?

एक बात तो साफ है – यह घटना अब सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं रही। यह दिल्ली की सत्ता गलियारों से लेकर आम जनता तक की चर्चा का विषय बन चुकी है। और हाँ, जहाँ तक BJP के उस ‘सांप वाले’ बयान की बात है – वो तो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने वाला है, यकीन मानिए!

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कपिल शर्मा के कैफे वाली घटना ने तो फिर से राजनीति को गरमा दिया है, है न? BJP के नेताओं के तीखे बयान और फिर इस पूरे मामले में हुई हिंसा – देखा जाए तो ये सिर्फ एक कैफे पर हमला नहीं, बल्कि हमारी राजनीति की उस मानसिकता को दिखाता है जहाँ बहस की जगह आरोप-प्रत्यारोप ही बचा है।

असल में बात ये है कि ऐसे मौकों पर सिर्फ ‘हिंसा बुरी’ कहकर पल्ला झाड़ लेना आसान होता है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि आखिर ये घटनाएं हो क्यों रही हैं? जनता के तौर पर हमारी भूमिका सिर्फ टीवी पर बहस देखने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। थोड़ा गहराई से सोचिए – क्या ये सब सिर्फ coincidence है, या फिर कोई planned राजनीतिक खेल चल रहा है?

और हाँ, एक बात और। जब ऐसी खबरें आती हैं, तो हमें ये भी याद रखना चाहिए कि media कभी-कभी चीज़ों को sensationalize भी कर देता है। सच तो ये है कि हमें खुद ही analyze करना होगा कि क्या सच है और क्या सिर्फ दिखावा। वैसे भी, आजकल तो social media पर हर कोई expert बना घूम रहा है न? तो फिर क्यों न हम थोड़ा responsibility लें और सही-गलत को समझने की कोशिश करें?

(एक छोटी सी personal बात – मुझे लगता है कि अगर हम सच में बदलाव चाहते हैं, तो सिर्फ keyboard warrior बनकर tweet करने से कुछ नहीं होगा। Action लेना होगा। पर ये topic फिर कभी!)

कपिल शर्मा के कैफे वाला मामला: BJP का वो बयान जिसने बवाल मचा दिया

क्या हुआ था कपिल शर्मा के कैफे में?

देखिए, बात ये है कि कपिल के मशहूर कैफे पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। और फिर? BJP वालों ने तो मानो मौके की नज़ाकत समझी ही नहीं – एक ऐसा बयान दे डाला जिसने सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया। “पिछवाड़े में सांप पालोगे तो…” वाली उनकी लाइन तो अब हर जगह चर्चा का विषय बन गई है। सच कहूँ तो, थोड़ा अजीब लगा ये सब।

BJP का ये बयान आखिर कहना क्या चाहता है?

असल में देखा जाए तो ये एक तरह की कहावत है न? जैसे हमारे दादा-दादी कहते थे – “जिसकी लाठी उसकी भैंस”। BJP वालों ने भी कुछ ऐसा ही कह दिया। मतलब साफ है – गलत लोगों को पालोगे तो खुद ही फंसोगे। पर सवाल ये है कि क्या ये बयान देने का ये सही वक्त था? मैं तो समझ नहीं पा रहा।

इस सब में कपिल शर्मा कहाँ खड़े हैं?

सच बताऊँ? कपिल तो बस नाम मात्र के लिए इस मामले में हैं। उनका कैफे, उनका नाम – बस इतना ही कनेक्शन है। असली बात तो वो बयान है जो इस incident के बाद आया। वैसे भी, कपिल इन दिनों अपने नए show में busy लगते हैं। शायद उन्हें पता भी न हो कि उनके नाम पर कितनी बहस हो रही है!

लोग क्या कह रहे हैं इस पर?

अरे भई! Social media तो आग लगी हुई है। कुछ लोग तालियाँ बजा रहे हैं BJP के बयान के लिए – “सही कहा साहब!” वाली स्टाइल में। वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोगों को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया। Twitter पर तो #BJPVsCommonSense ट्रेंड कर रहा है। मजे की बात ये कि दोनों तरफ के लोग अपने-अपने तर्कों से लैस हैं। कौन सही है? ये तो वक्त ही बताएगा।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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