Site icon surkhiya.com

ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर तख्तापलट का आरोप, अदालत में गुहार!

brazil prosecutor bolsonaro coup charges 20250716020449383484

ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर तख़्तापलट का आरोप – क्या यह सच्चाई है या राजनीतिक खेल?

अरे भाई, ब्राज़ील की राजनीति में तो मानो नया धमाल शुरू हो गया है! पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं कि सुनकर दिमाग़ चकरा जाए। कहा जा रहा है कि 2022 के चुनाव में हार के बाद उन्होंने लोकतंत्र को ही उखाड़ फेंकने की साजिश रची थी। सच कहूँ तो, ये आरोप उतने ही भारी हैं जितना कि कोई ट्रक भरा हुआ। ब्राज़ील के प्रॉसिक्यूटर-जनरल पाउलो गोनेट ने तो सीधे तख़्तापलट की कोशिश का आरोप लगा दिया है। हालाँकि, बोल्सोनारो जी ने इन सभी आरोपों को झटक दिया है – बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई मच्छर भगाता है।

अब सवाल यह है कि यह सब शुरू कैसे हुआ? दरअसल, 2022 के चुनाव की कहानी समझनी होगी। बोल्सोनारो ने 2019 से 2022 तक ब्राज़ील की कमान संभाली थी, लेकिन उस साल लूला दा सिल्वा से हार गए। और फिर क्या? उनके समर्थकों ने तो सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया! ये वाकया उतना ही डरावना था जितना कि कोई एक्शन मूवी का सीन। असल में, इसी के बाद से बोल्सोनारो पर लोकतंत्र को कमज़ोर करने के आरोप लगने लगे थे।

अब तो मामला और गंभीर हो गया है। प्रॉसिक्यूटर-जनरल ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है जिसमें साफ़-साफ़ लिखा है कि बोल्सोनारो ने संविधान को तहस-नहस करने की साजिश रची। ये आरोप इतने गंभीर हैं जैसे किसी को सीधे दीवार से टकरा दिया जाए। आरोप पत्र में कहा गया है कि उन्होंने जानबूझकर चुनावी प्रणाली पर सवाल उठाए, सेना से हस्तक्षेप की गुहार लगाई और हिंसा भड़काने की कोशिश की। लेकिन हैरानी की बात यह है कि बोल्सोनारो इन सभी आरोपों को “राजनीतिक बदला” बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह सब उनके खिलाफ़ साजिश है। सच कहूँ तो, ये मामला उतना ही उलझा हुआ है जितना कि कोई गाँठ लगा हुआ धागा।

इस पूरे मामले पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। वर्तमान राष्ट्रपति लूला का कहना है कि “कानून सबके लिए एक समान होना चाहिए।” वहीं दूसरी तरफ, बोल्सोनारो के चाहने वालों ने इसे सीधे-सीधे “राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले पर सबकी नज़रें लगी हुई हैं। कई मानवाधिकार संगठन तो ब्राज़ील की अदालत की हर हरकत पर नज़र रखे हुए हैं। ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया इस मामले को लेकर ब्रेथलेस (सांस रोके) बैठी है।

तो अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? अदालत अब इन आरोपों की जाँच करेगी। अगर बोल्सोनारो दोषी पाए गए तो? फिर तो उनका राजनीतिक करियर शायद हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। जेल की सज़ा तो जैसे उनके सिर पर मंडरा रही है। कुछ विश्लेषकों का तो यहाँ तक कहना है कि इससे ब्राज़ील की राजनीति में नया तूफ़ान आ सकता है। खासकर अगले चुनावों को लेकर तो स्थिति और भी गरमा सकती है। सच कहूँ तो, ये मामला उतना ही दिलचस्प है जितना कि कोई थ्रिलर सीरीज।

अंत में बस इतना ही कहूँगा कि ये मामला ब्राज़ील के लोकतंत्र के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गया है। पूरी दुनिया की नज़रें अब ब्राज़ील की अदालत पर टिकी हैं। यहाँ सिर्फ़ एक व्यक्ति का भविष्य नहीं, बल्कि पूरे देश की लोकतांत्रिक विरासत दांव पर लगी हुई है। क्या होगा आगे? वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तो तय है – ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई है!

यह भी पढ़ें:

Source: DW News | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version