“ब्रूक का माइंड गेम! ऋषभ पंत पर गुस्से में सुनाया ये कड़वा सच – जानें पूरा विवाद”

ब्रूक का माइंड गेम! ऋषभ पंत पर गुस्से में सुनाया वो कड़वा सच… और फिर क्या हुआ?

अरे भाई, बर्मिंघम टेस्ट का दूसरा दिन तो ऐसा रहा जैसे कोई सस्पेंस थ्रिलर चल रहा हो! भारत ने पहले ही 587 रनों का जबरदस्त स्कोर खड़ा करके इंग्लैंड को पसीने में डाल दिया था। लेकिन असली मजा तो तब आया जब Harry Brook और हमारे ऋषभ पंत के बीच वो गर्मागर्म बहस छिड़ गई। सच कहूं तो, stump mic पर क्या कैच हुआ, उसने तो पूरे मैच का मिजाज ही बदल दिया। और अब तो ये विवाद सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल चुका है – ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है!

कैसे शुरू हुआ ये सारा ड्रामा?

देखिए न, पहले तो सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। हमारे शुभमन गिल ने 269 रनों की शानदार पारी खेली, बाकी बल्लेबाजों ने भी मदद की – और 587 रन! मतलब पहाड़ जैसा स्कोर। इंग्लैंड वाले तो आकाशदीप की गेंदबाजी के आगे ऐसे टूटे जैसे बारिश में बिस्कुट। लेकिन असली मसला तो तब शुरू हुआ जब Brook बल्लेबाजी कर रहे थे। पंत भाई ने उन्हें थोड़ा मानसिक रूप से परेशान करने की कोशिश की – जो कि टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है न। पर Brook साहब को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया… और फिर क्या? उन्होंने पंत को जो जवाब दिया, वो तीखा था, कड़वा था, और सबसे बढ़कर – stump mic पर रिकॉर्ड हो गया!

और फिर तो हंगामा ही हो गया…

अब इसके बाद तो अंपायरों को बीच में आना पड़ा। दोनों खिलाड़ियों को शांत कराया गया। लेकिन सच बताऊं? ये incident तो सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए ही बना था! कुछ लोग कह रहे हैं Brook ने सिर्फ “चुप रहो” कहा, वहीं कुछ eyewitnesses का दावा है कि असली टिप्पणी तो और भी ज्यादा spicy थी। मैच का पूरा फोकस अब इस verbal duel पर चला गया – जैसे क्रिकेट से ज्यादा दिलचस्प यही हो!

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स और खिलाड़ी?

हमारी टीम के सूत्रों का कहना है कि पंत ने बस नॉर्मल mind games खेले थे – जो टेस्ट क्रिकेट में तो चलता ही है। वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान Michael Vaughan ने Twitter पर ट्वीट किया – “Competitive cricket है यार, पर language पर control तो रखना चाहिए।” सच तो ये है कि high-pressure matches में ऐसा होता रहता है। जब एक टीम दूसरी पर psychological advantage पाना चाहती है, तो ये सब चलता है। पर इस बार stump mic ने सब कुछ रिकॉर्ड कर लिया – बस फर्क यही है!

आगे क्या होगा? ICC का रिएक्शन?

अब सवाल यह है कि इसका मैच पर क्या असर पड़ेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि इंग्लैंड और pressure में आ सकती है, जबकि भारत को mental edge मिल गया है। और हां, ICC जरूर इस matter को देखेगी। अगर code of conduct का उल्लंघन पाया गया तो fine या warning तो आएगी ही। लंबे समय में देखें तो, ये incident future matches में और भी heated moments को जन्म दे सकता है। क्या पता, ये नया rivalry बन जाए!

अंत में बस इतना कहूंगा – ये घटना modern cricket की असली नेचर दिखाती है। एक तरफ तो aggressive play है, दूसरी तरफ sportsmanship। पर ये भी सच है कि आजकल cricket सिर्फ bat और ball का नहीं, minds का भी खेल बन चुका है। और इस बार तो minds के साथ-साथ stump mic भी खेल रहा था! क्या मैच था यार… क्या ड्रामा था!

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ब्रूक का माइंड गेम और ऋषभ पंत विवाद – जानिए पूरी कहानी

ब्रूक का माइंड गेम क्या है? और ऋषभ पंत का इसमें क्या रोल है?

देखिए, माइंड गेम्स तो क्रिकेट का पुराना सच है। लेकिन ब्रूक ने जो किया, वो सीधे-सीधे mental harassment की लाइन पार करता है। ऋषभ पंत के साथ यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब ब्रूक ने उनके performance को लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं जो सिर्फ critical नहीं, बल्कि downright disrespectful थीं। और हुआ क्या? सोशल मीडिया पर आग लग गई!

ऋषभ पंत की तरफ से क्या रिएक्शन आया?

सच कहूँ तो, पंत ने अभी तक कोई official बयान नहीं दिया है। पर मेरे कुछ sources कह रहे हैं कि वो इस पूरे matter को लेकर बहुत खफ़ा हैं। और समझ भी आता है न? कोई भी player हो, उसे public में इस तरह target नहीं किया जाना चाहिए। Team management के साथ discussions चल रहे हैं – शायद वो proper channel से ही जवाब देंगे।

क्या यह विवाद पंत के career को नुकसान पहुँचाएगा?

अरे भई, यही तो सबसे बड़ा सवाल है! Short term में तो effect पड़ेगा ही – mental peace जाएगी ना भाई। लेकिन long term? देखिए, पंत young हैं, talented हैं… अगर वो इस phase को handle कर लेते हैं तो यह controversy उन्हें और strong बना देगी। मेरा personal opinion? वो इससे उबर जाएंगे। पर हाँ, BCCI को इस तरह की incidents पर strict action लेनी चाहिए।

ब्रूक ने आखिर क्या कहा था पंत को?

Official तौर पर तो कुछ confirm नहीं है। लेकिन मैंने जो reports पढ़ीं, उनके मुताबिक ब्रूक ने पंत के attitude से लेकर on-field decisions तक पर सवाल उठाए। और सिर्फ professional criticism नहीं… कुछ comments तो बिल्कुल personal attack जैसे थे। जैसे कि… (अभी यहाँ details नहीं दूँगा, क्योंकि unverified information फैलाना ठीक नहीं)। लेकिन इतना ज़रूर कहूँगा – ये सब बातें dressing room के अंदर की होनी चाहिए थीं, media के सामने नहीं।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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