CAG रिपोर्ट: बिहार सरकार का 71 हजार करोड़ का ‘गायब’ खेल!
अरे भई, ये क्या माजरा है? भारत के CAG (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) ने तो बिहार सरकार को रंगे हाथों पकड़ लिया है। असल में, उनकी ताज़ा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सरकार 71,000 करोड़ रुपये का हिसाब ही नहीं दे पा रही। यानी पूछो तो जवाब नहीं, बस इतना कि “खर्च हो गया”। अब आप ही बताइए, इतना पैसा कहाँ गया? चाय-समोसे पर तो खर्च नहीं हुआ होगा ना?
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। CAG का काम तो होता ही है सरकारी खर्चों पर नजर रखना। पर बिहार का मामला तो हर बार कुछ नया लेकर आता है। 71 हजार करोड़! ये कोई मामूली रकम थोड़े ही है। ये तो वो पैसा था जो अस्पतालों, स्कूलों और सड़कों पर लगना था। अब सोचिए, अगर यही पैसा गायब हो रहा है तो विकास कहाँ से होगा?
रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं, वो तो हैरान कर देने वाली हैं:
– बिना कागजात के खर्च? हाँ, ऐसा ही हुआ!
– कई विभागों में पैसों का खेल जारी
– कोई पूछताछ नहीं, कोई जवाबदेही नहीं
CAG ने साफ कहा है कि ऐसा चलता रहा तो बिहार का बजट तो डूबेगा ही, विकास के सारे सपने भी पानी में जाएँगे।
राजनीति की बात करें तो… अरे भई, विपक्ष तो मानो दिवाली मना रहा है! RJD और Congress ने तो मौके का फायदा उठाते हुए सरकार पर जमकर हमला बोल दिया। इधर सरकार का जवाब – “हम जाँच कर रहे हैं”। वाह! 3 साल बाद जाँच? ईमानदारी से कहूँ तो जनता को तुरंत जवाब चाहिए, नहीं तो यकीनन लोगों का भरोसा टूट जाएगा।
तो अब क्या होगा? कुछ possibilities:
1. कोर्ट में मामला जा सकता है – और हो सकता है CBI जैसी एजेंसी जाँच करे
2. 2025 के चुनाव में ये मुद्दा गरमा सकता है
3. सरकार पर दबाव बढ़ेगा कि अब पारदर्शिता दिखाए
एक बात तो तय है – अगर जल्द ही सफाई नहीं मिली तो बिहार की जनता का सरकार पर से भरोसा उठ सकता है। और ये सिर्फ बिहार की ही नहीं, पूरे देश की चिंता की बात है। क्योंकि जब तक पैसों का हिसाब साफ नहीं होगा, विकास के सपने सच कैसे होंगे?
आखिर में बस इतना – ये मामला साबित करता है कि “जब तक जवाबदेही नहीं, तब तक खुशहाली नहीं!”
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com