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“विदेशी भी बन सकते हैं भारत में सरकारी अफसर! जानिए पूरी प्रक्रिया और पात्रता के नियम”

विदेशी भी भारत में बन सकते हैं सरकारी अफसर? जानिए कैसे!

अरे भई, ये तो बड़ी दिलचस्प खबर है! क्या आप जानते हैं कि नेपाल और भूटान के नागरिक भी UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करके भारत में अफसर बन सकते हैं? हाल ही में UPSC ने इसके नियमों को साफ-साफ बताया है। सच कहूं तो, ये तो वाकई एक बड़ा मौका है हमारे पड़ोसी देशों के युवाओं के लिए। और सबसे मजेदार बात? उन्हें भारतीय नागरिकता लेने की भी जरूरत नहीं! लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये सब कैसे संभव है?

पुरानी दोस्ती, नए नियम: क्या कहता है संविधान?

देखिए, ये कोई नई बात नहीं है। असल में तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366(1) में ही ये प्रावधान है कि नेपाल और भूटान के लोगों को विदेशी नहीं माना जाएगा। है न मजेदार? 1992 से ही UPSC इन देशों के युवाओं को परीक्षा देने दे रहा है। पर सच बताऊं? बहुत से लोगों को ये पता ही नहीं था!

एक तरफ तो ये हमारे पुराने रिश्तों की मिसाल है, वहीं दूसरी तरफ… थोड़ा अजीब भी लगता है न? मतलब बिना नागरिकता के सरकारी नौकरी? लेकिन चलिए, इसे ऐसे समझिए जैसे पड़ोसी के बच्चे को आपके घर में कुछ खास सुविधाएं मिलती हैं। रिश्ते ही कुछ ऐसे हैं!

तो क्या-क्या चाहिए? जानिए पूरी लिस्ट

अब बात करते हैं उन शर्तों की जो UPSC ने रखी हैं:

  • सबसे पहले तो – नो स्ट्रेस! भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र की जरूरत ही नहीं। बस नेपाल या भूटान का नागरिक होना चाहिए।
  • दूसरा – भारत में रहने की परमानेंट परमिशन होनी चाहिए। मतलब टूरिस्ट वीजा वाले नहीं बन सकते बाबू!
  • और सबसे जरूरी – पास होने के बाद भारत सरकार के लिए ही काम करना होगा। कोई शॉर्टकट नहीं!

और हां, याद रखिए – preliminary, mains और interview… तीनों चरणों में जीत हासिल करनी होगी। आसान नहीं है ये गेम!

लोग क्या कह रहे हैं? जानिए रिएक्शन्स

काठमांडू के एक छात्र ने तो बड़ी प्यारी बात कही – “ये तो दोनों देशों के बीच पुल बनाने जैसा है।” सच में! एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे ‘गेम चेंजर’ बताया। पर कुछ लोगों को सुरक्षा को लेकर चिंता है। समझ भी आता है – थोड़ा सतर्क रहना तो बनता ही है न?

मजे की बात ये है कि अब तो और भी पड़ोसी देशों को शामिल करने की बात चल रही है। पर ये अभी सिर्फ चर्चा में है। देखते हैं आगे क्या होता है!

तो क्या ये सही फैसला है?

ईमानदारी से कहूं तो, ये कदम हमारे क्षेत्रीय सहयोग को नई ऊर्जा देगा। नेपाल और भूटान के टैलेंटेड युवाओं को मौका मिलेगा, वहीं भारत को भी अच्छे अधिकारी। विन-विन सिचुएशन!

पर एक बात और – अगर आप नेपाल या भूटान से हैं और ये पढ़ रहे हैं… तो क्या सोच रहे हैं? तैयारी शुरू कर दी? क्योंकि अवसर तो दरवाजे पर दस्तक दे रहा है!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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