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कनाडा ने ट्रम्प के साथ व्यापार वार्ता को बढ़ावा देने के लिए टेक टैक्स हटाया

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कनाडा ने ट्रम्प को खुश करने के लिए टेक टैक्स हटाया – पर क्या यह सही फैसला था?

अरे भाई, कनाडा सरकार ने तो बड़ा दिल दिखा दिया! डोनाल्ड ट्रम्प की नाराज़गी को देखते हुए उन्होंने अपना विवादास्पद “टेक टैक्स” वापस ले लिया है। और ये कदम तब उठाया गया जब ट्रम्प ने इस टैक्स को अमेरिका पर हमला तक बता दिया था। सच कहूं तो, ये move दोनों देशों के बीच चल रहे trade war को थोड़ा शांत कर सकता है…या फिर नहीं भी कर सकता। क्योंकि ट्रम्प हैं न!

पूरा माजरा क्या है?

देखिए, 2022 में कनाडा ने Google, Facebook, Amazon जैसी बड़ी टेक कंपनियों पर 3% का टैक्स लगाया था। मकसद साफ था – जो पैसा ये कंपनियां ऑनलाइन कमा रही थीं, उस पर टैक्स वसूलना। पर अमेरिका को ये बिल्कुल पसंद नहीं आया। उनका कहना था कि ये तो सीधा-सीधा हमारी कंपनियों को टारगेट कर रहा है। और सच्चाई ये है कि ज्यादातर बड़ी टेक कंपनियां अमेरिकी ही तो हैं न!

अब क्या हुआ?

तो कनाडा ने अब ये टैक्स हटा दिया है। सरकारी बयानों की भाषा में कहें तो “अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए”। अमेरिका ने इसे ‘सकारात्मक कदम’ बताया है। पर सवाल ये है कि क्या कनाडा ने दबाव में झुकने का फैसला किया? कनाडाई वाणिज्य मंत्री जी कह रहे हैं कि “हमें मजबूत आर्थिक साझेदारी चाहिए”। ठीक है, पर क्या साझेदारी में सिर्फ एक तरफ से समझौता होना चाहिए?

इंडस्ट्री क्या कहती है?

टेक कंपनियां तो खुश हैं – ये तो तय है। उनका कहना है कि अब business करने में आसानी होगी। विश्लेषकों की राय थोड़ी balanced है। कुछ कह रहे हैं कि ये अच्छा उदाहरण है कि मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। पर कुछ का मानना है कि कनाडा ने अपने हितों को पीछे छोड़ दिया। आपको क्या लगता है?

आगे क्या होगा?

अब देखना ये है कि क्या ये फैसला सच में trade talks को आगे बढ़ाएगा। कृषि और ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए deals हो सकते हैं। और हां, कनाडा अब किसी और तरह के टैक्स सिस्टम पर विचार कर रहा है जो ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य’ हो। मतलब साफ है – अमेरिका को नाराज़ न करे वाला सिस्टम!

एक बात तो तय है – ये सारा घटनाक्रम हमें दिखाता है कि global economy में किसकी चलती है। और वो किसी छोटे-मोटे देश की नहीं!

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कनाडा ने अचानक टेक टैक्स हटा दिया… पर क्यों?

देखिए, बात सीधी है – कनाडा अमेरिका के साथ अपने trade relations को ठीक करना चाहता है। और यार, ट्रम्प प्रशासन के साथ बातचीत करनी है तो थोड़ा लचीला तो बनना ही पड़ेगा, है न? यही सोचकर उन्होंने यह चाल चली। स्मार्ट मूव, मानना पड़ेगा!

टेक टैक्स हटा तो दिया, पर असल में क्या बदलेगा?

असल में? दोनों देशों के बीच जो digital services को लेकर खिंचातानी चल रही थी, वह कम होगी। मतलब tech companies को सांस लेने की जगह मिलेगी। और सबसे बड़ी बात – नए trade deals पर बातचीत आसान हो जाएगी। पर सच कहूं? Economic growth को boost तभी मिलेगा जब यह सब सिर्फ कागजों तक न रहकर असल में लागू हो।

यह टेक टैक्स हटाना permanent है या फिर…?

अभी तो यह temporary है भाई! पर future में क्या होगा, यह पूरी तरह दोनों देशों के बीच होने वाली व्यापार वार्ता पर निर्भर करेगा। Deal सफल हुई तो शायद हमेशा के लिए बाय-बाय। नहीं तो… वापसी की संभावना भी है।

कनाडा की tech industry को इससे क्या मिलेगा?

ईमानदारी से? कनाडा की tech companies तो इससे खुश ही होंगी। Tax का बोझ कम होगा तो breathing space तो मिलेगी ही। और हां, अमेरिकी companies के साथ compete करने में भी थोड़ी राहत मिलेगी। पर एक सवाल तो बनता ही है – क्या सच में छोटी companies को भी इसका फायदा मिलेगा, या सिर्फ बड़े players की जेब भरेगी? यह तो time ही बताएगा।

Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com

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