CBI की बड़ी कार्रवाई: TISS चांसलर समेत 35 लोगों पर भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज
अब ये क्या हो गया? केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक ऐसी कार्रवाई की है जिसने सबको चौंका दिया। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के चांसलर डीपी सिंह और 34 अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ है। और ये कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है, बल्कि देशभर के medical colleges की मान्यता प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों से जुड़ा हुआ है। सबसे हैरान करने वाली बात? स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ वरिष्ठ अधिकारी भी इस में फंसे हुए हैं। सच में, ये scam जितना बड़ा लग रहा है, उससे कहीं ज्यादा गहरा हो सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि: जब सिस्टम ही बिकने लगे
देखिए, ये कोई अचानक हुई घटना नहीं है। असल में तो medical education system में भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं। CBI पिछले कई महीनों से medical colleges की मान्यता प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों पर नजर रखे हुए थी। और जो सामने आया, वो किसी सिनेमा से कम नहीं! कुछ अधिकारियों और निजी संस्थानों ने मिलकर नियमों को ताक पर रख दिया। ऐसे medical colleges को मान्यता दिलवाई गई जो मानकों पर खरे ही नहीं उतरते थे। TISS के चांसलर डीपी सिंह पर क्या आरोप है? उन्होंने inspection process में हेराफेरी करवाई और बदले में मोटी रकम हजम कर ली। बस, यही तो समस्या है – जब जांच करने वाले ही बिक जाएं, तो फिर?
CBI की कार्रवाई: जब कागजात बोलने लगे
अब CBI ने Prevention of Corruption Act के तहत FIR दर्ज की है। 35 लोग आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें TISS चांसलर भी शामिल हैं। और तो और, दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों में एक साथ raids हुए। Documents और digital evidence जब्त किए गए। जो बात सामने आई, वो चौंकाने वाली है – एक organized syndicate चल रहा था जो inspection teams को प्रभावित कर sub-standard medical colleges को मान्यता दिलवाता था। सोचिए, कितने सालों से ये चल रहा होगा? और कितने छात्रों का भविष्य इससे प्रभावित हुआ होगा?
प्रतिक्रियाएं: जब हर कोई अपनी-अपनी रट लगाए
स्वास्थ्य मंत्रालय ने तो एक बयान जारी कर दिया है – “हम CBI को पूरा सहयोग देंगे।” और हां, zero tolerance policy की बात भी कही गई है। पर सवाल यह है कि ये policy तभी काम आती है जब कोई पकड़ा जाए? वहीं TISS प्रशासन ने internal inquiry करने की बात कही है। शिक्षा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि ये पूरा मामला medical education system में सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है। लेकिन क्या सिर्फ बयानबाजी से काम चलेगा?
आगे क्या? जब सवाल जवाब से ज्यादा हो जाएं
CBI अब सभी आरोपियों से पूछताछ करने वाली है। Sources के मुताबिक, ये मामला और भी बड़े network को उजागर कर सकता है। अब medical colleges की accreditation process में सुधार की मांग तेज हो गई है। अगर आरोपी दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। पर असली सवाल ये है कि क्या सिर्फ कुछ लोगों को सजा दे देने से सिस्टम सुधर जाएगा? या फिर ये भ्रष्टाचार की जड़ें और भी गहरी हैं? सच तो ये है कि जब तक लालच रहेगा, ऐसे मामले होते रहेंगे। बस, पकड़े जाने का इंतजार रहेगा।
CBI की बड़ी कार्रवाई: TISS चांसलर पर भ्रष्टाचार केस – सारे जवाब यहीं!
अरे भाई, आजकल तो हर दिन कोई न कोई बड़ा स्कैंडल सामने आ रहा है। और अब TISS चांसलर की बारी! सच कहूं तो ये खबर सुनकर थोड़ा दुख हुआ, क्योंकि TISS जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का नाम इस तरह के मामलों में आए, ये किसी को भी परेशान कर देगा। लेकिन सच तो सच है, और CBI ने जो कार्रवाई की है, उसके बारे में हम विस्तार से बात करते हैं।
CBI ने TISS चांसलर के खिलाफ केस क्यों दर्ज किया? असली वजह क्या है?
देखिए, CBI ने जो FIR दर्ज की है, उसमें मुख्य आरोप हैं – भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और सरकारी फंड्स का गलत इस्तेमाल। अब सवाल यह है कि ये सब कैसे हुआ? असल में, ये कोई एक दिन की बात नहीं है। CBI ने महीनों की जांच के बाद ये केस दर्ज किया है। और सिर्फ चांसलर ही नहीं, बल्कि 35 और लोग भी इसके घेरे में हैं। गंभीर बात तो ये है कि ये सभी आरोप IPC और Prevention of Corruption Act के तहत आते हैं – यानी हल्के-फुल्के आरोप नहीं हैं।
क्या TISS के छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर पड़ेगा?
ईमानदारी से कहूं तो, अभी तक तो क्लासेज और एकेडमिक एक्टिविटीज पर कोई direct असर नहीं दिख रहा। लेकिन… हमेशा एक लेकिन तो होता ही है न? जब CBI की जांच चल रही हो, तो कुछ administrative कामकाज में रुकावट आ सकती है। मसलन, कोई नया प्रोजेक्ट अप्रूव होने में देरी हो सकती है या फंड्स रिलीज में दिक्कत आ सकती है। पर छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं – संस्थान की तरफ से official अपडेट्स आते रहेंगे।
क्या ये केस पुराने किसी घोटाले से जुड़ा है?
अच्छा सवाल पूछा! CBI का कहना है कि ये एक नया केस है। पर… यहां एक बड़ा पर है… अक्सर ऐसे मामलों में पुराने financial irregularities से कनेक्शन निकल ही आता है। जैसे कि आपको याद होगा, पिछले साल भी TISS में फंड मिसयूज के कुछ आरोप लगे थे। तो क्या ये उसी से जुड़ा है? पूरी जांच होने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल तो सिर्फ अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है।
अब तक कौन-कौन गिरफ्तार हुए हैं?
लिस्ट थोड़ी लंबी है, लेकिन संक्षेप में बताऊं तो – TISS चांसलर समेत कुल 5 लोगों को CBI ने गिरफ्तार किया है। बाकी के आरोपियों के खिलाफ जांच अभी जारी है। और यहां एक दिलचस्प बात – सभी पर IPC के साथ-साथ Prevention of Corruption Act के तहत केस दर्ज हुआ है। यानी सिर्फ सामान्य कानून नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार विरोधी कानून भी लागू हो रहा है। गंभीर मामला है।
तो ये थी पूरी जानकारी इस केस के बारे में। अब देखना ये है कि आगे क्या होता है। CBI की जांच क्या नतीजे लाती है, और कितने बड़े नाम सामने आते हैं। आपकी क्या राय है इस मामले में? कमेंट में जरूर बताइएगा!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com