CBSE ने मोटापा रोकने के लिए लिया बड़ा कदम! स्कूलों को दिए ये खास निर्देश

CBSE का बड़ा फैसला: अब स्कूलों को बच्चों के मोटापे पर करना होगा काम!

आजकल की ज़िंदगी में देख रहे हैं न कैसे बच्चे और teenagers मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं? असल में ये समस्या इतनी बढ़ गई है कि अब CBSE को भी कदम उठाना पड़ा है। पहले ‘Sugar Board‘ वाला आइडिया तो काफी अच्छा रहा, और अब ‘Oil Board‘ लाने की बात चल रही है। मतलब साफ है – बच्चों को समझाना कि ज्यादा तेल-घी खाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

और भई, मोटापा सिर्फ शरीर की ही बात नहीं है। इसका असर तो दिमाग पर भी पड़ता है – पढ़ाई से लेकर दोस्तों के साथ घुलने-मिलने तक में दिक्कत आने लगती है। क्या आपने गौर किया है कि मोटे बच्चे अक्सर शर्मीले हो जाते हैं? या फिर उन्हें लगता है कि कोई उन्हें नहीं पसंद करता? CBSE ने इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।

कैसे पहचानें कि बच्चा मोटापे का शिकार हो रहा है?

असल में ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है। अगर बच्चे का पेट निकलने लगे, चेहरा गोल हो जाए और कपड़े टाइट होने लगें – तो समझ जाइए कि कुछ तो गड़बड़ है। और हां, अगर थोड़ा सा दौड़ने पर ही सांस फूलने लगे या फिर जोड़ों में दर्द रहने लगे – ये सारे संकेत हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

अब सवाल यह है कि आखिर ये मोटापा होता क्यों है? एक तरफ तो हमारी लाइफस्टाइल ही खराब हो गई है – बाहर का खाना, पैकेट वाले जूस, और घंटों mobile पर चिपके रहना। दूसरी तरफ genetic reasons भी हो सकते हैं। पर सच तो यह है कि ज्यादातर मामलों में हमारी अपनी आदतें ही दोषी होती हैं।

मोटापा कम करने के 5 ज़बरदस्त तरीके

पहली बात तो ये कि ये कोई रातों-रात होने वाला काम नहीं है। धीरे-धीरे, लेकिन लगातार कोशिश करनी होगी। शुरुआत करें रोज सुबह 30 मिनट टहलने से – बस इतना ही काफी है शुरुआत के लिए। दूसरा, खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें – पालक, लौकी, तोरई जैसी सब्जियां जादू की तरह काम करती हैं।

तीसरी बात – पानी! हां, सही सुना आपने। दिन में 8 गिलास पानी पीने से metabolism इतना improve होता है कि आप हैरान रह जाएंगे। चौथी बात – नींद। कम से कम 7 घंटे की नींद लेना ही होगा। और पांचवीं और सबसे जरूरी बात – खाना खाते वक्त TV या mobile से दूर रहें। जब दिमाग खाने पर focus करेगा, तो ज्यादा खाने की आदत अपने आप कम हो जाएगी।

खाने में क्या लें और क्या छोड़ें?

अच्छी बात ये है कि स्वस्थ खाने का मतलब स्वादिष्ट नहीं खाना नहीं है। घर का बना दही, मूंग दाल का चीला, स्प्राउट्स – ये सब बहुत हेल्दी ऑप्शन हैं। Fruits में seasonal फलों को तरजीह दें – जैसे अभी सीजन में आम है तो एक आम खा लें, पर पैकेट वाला आमरस नहीं!

और हां, कुछ चीजों को अलविदा कहना ही होगा। समोसे-कचौरी तो छोड़िए, वो तली हुई नमकीन भी नहीं चलेगी। कोल्ड ड्रिंक्स? उन्हें तो भूल ही जाइए! बेहतर होगा कि नींबू पानी या छाछ पीने की आदत डाल लें।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

अगर वजन लगातार बढ़ रहा हो और कोई भी उपाय काम न कर रहा हो – तो देर न करें, डॉक्टर से मिलें। खासकर अगर सांस लेने में दिक्कत हो, दिल जोर-जोर से धड़कने लगे या फिर ब्लड प्रेशर हाई रहने लगे। और हां, अगर मोटापे की वजह से बच्चा उदास रहने लगे या खुद को अकेला महसूस करे – तो किसी अच्छे काउंसलर से बात करना न भूलें।

CBSE का ये कदम वाकई सराहनीय है। पर सच तो ये है कि स्कूल और घर – दोनों जगह मिलकर काम करेंगे, तभी कुछ बदलाव आएगा। आखिरकार, जैसा खाएंगे अन्न, वैसा होगा मन – ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

अमेरिका में बैन हो सकते हैं चाइना-मेड डिस्प्ले वाले iPhone मॉडल्स! Apple का दावा – ‘प्रोडक्ट्स पर कोई असर नहीं’

“RCB भगदड़ मामला: कोहली पर लापरवाही के आरोप, कर्नाटक सरकार ने सौंपी चौंकाने वाली रिपोर्ट!”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments