धरा गया छांगुर बाबा! जाति के हिसाब से लड़कियों का ‘Rate’, 100 करोड़ का Funding Scandal
अरे भाई, क्या बताऊं… उत्तर प्रदेश एटीएस ने तो एक ऐसा मामला पकड़ा है जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जमालुद्दीन यानी “छांगुर बाबा” नाम का ये शख्स, जो खुद को धर्मगुरु बताता था, असल में तो औरतों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा था। सच कहूं तो ये केस सुनकर लगता है जैसे हम 21वीं सदी में नहीं, किसी अंधकार युग में जी रहे हैं। आरोप क्या है? जाति के आधार पर लड़कियों की कीमत तय करना! और फिर उन्हें जबरन धर्म बदलने पर मजबूर करना। साथ ही नीतू रोहरा उर्फ नसरीन भी पकड़ी गई है – जिससे अंदाजा होता है कि ये कोई अकेला शैतान नहीं, बल्कि पूरा गिरोह है।
मामले की पृष्ठभूमि: एक धार्मिक गुरु का अंधेरा सच
देखिए न, ये छांगुर बाबा सालों से यूपी और आसपास के इलाकों में “धर्म गुरु” का रोल अदा कर रहा था। लेकिन असलियत? एक ऐसा शिकारी जो गरीब और दलित परिवारों की मासूम लड़कियों को अपना निशाना बना रहा था। पुलिस जांच से पता चला – लालच देकर, धमकाकर… किसी भी तरह से ये लोगों का धर्म बदलवा रहे थे। और तो और! यहां तक कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का Funding Scandal भी सामने आया है। विदेशी पैसा शामिल होने की बात भी चल रही है। मतलब साफ है – ये सिर्फ धर्म का मामला नहीं, बल्कि एक बड़ा आर्थिक घोटाला भी है।
मुख्य अपडेट: जांच में क्या-क्या सामने आया?
अब जरा जांच के नए खुलासे सुनिए:
– पहले तो छांगुर बाबा और नीतू रोहरा की गिरफ्तारी हुई
– FIR में धर्मांतरण, औरतों की तस्करी, धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप
– सबसे घिनौनी बात? लड़कियों को जाति और हैसियत के हिसाब से बेचा जाता था! यानी इंसानियत पर कितना बड़ा धब्बा…
– झूठे दस्तावेज बनाकर धर्म बदलवाया जाता था – प्लानिंग देखिए!
और हां, आरोपियों की कई जायदाद भी सील हो चुकी है। मामला कितना गंभीर है, ये इसी से समझ आता है।
प्रतिक्रियाएँ: समाज और प्रशासन क्या कह रहा है?
इस मामले ने तो सबको हिला कर रख दिया है। यूपी पुलिस का कहना है – “ये कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि कई राज्यों में फैला हुआ रैकेट है।” वहीं एक NGO वाले ने सही कहा – “ऐसे केस समाज में तनाव पैदा करते हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।” सबसे दर्दनाक तो एक पीड़ित परिवार की बात थी – “हमारी बेटी को जबरन धर्म बदलने पर मजबूर किया गया… अब बस न्याय की उम्मीद है।” सच कहूं तो ये सिर्फ कानून का मामला नहीं, बल्कि हमारे समाज की नैतिकता पर सवाल है।
आगे क्या होगा? जांच और राजनीतिक प्रभाव
तो अब सवाल ये कि आगे क्या? फिलहाल ATS और NIA मिलकर जांच कर रहे हैं – खासकर विदेशी Funding के स्रोत को ट्रेस करने में। आरोपियों पर यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून समेत IPC की सख्त धाराएं लग सकती हैं। पर सच तो ये है कि इस मामले ने धर्मांतरण और सामाजिक सुरक्षा को लेकर राजनीति को फिर से गर्मा दिया है। हर पार्टी अपना-अपना राग अलाप रही है। मतलब साफ है – ये केस अभी लंबा चलेगा।
निष्कर्ष: सच कहूं तो ये मामला सिर्फ धर्म बदलने तक सीमित नहीं। ये तो संगठित अपराध, सामाजिक अन्याय और नैतिक पतन की एक बड़ी गाथा है। अब देखना ये है कि कानून कितनी तेजी से काम करता है… और हमारा समाज ऐसे जघन्य अपराधों से कैसे निपटता है। क्योंकि अगर ऐसे मामले बढ़ते रहे, तो फिर हम किस सभ्य समाज की बात कर रहे हैं?
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छांगुर बाबा का मामला सच में कुछ ऐसा है जो रोंगटे खड़े कर देता है। सोचिए, एक तरफ तो धर्म के नाम पर अवैध धर्मांतरण, दूसरी तरफ न जाने कितनी मासूम लड़कियों के साथ छेड़छाड़… और सबसे बड़ी बात – 100 करोड़ का फंडिंग स्कैंडल! ये सारे आरोप अगर सच हैं तो ये सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार की सिर्फ नोक दिखाते हैं। असल में देखा जाए तो ये तो बस टिप ऑफ़ द आइसबर्ग है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या इस बार भी सब कुछ ‘बाबा’ के चेहरे पर माथे का टीका लगाकर खत्म हो जाएगा? क्या पीड़ितों को सच में न्याय मिल पाएगा? ईमानदारी से कहूं तो मुझे थोड़ा संदेह है। हमारे यहाँ तो अक्सर बड़े-बड़े केस धीरे-धीरे ठंडे पड़ जाते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर… [वाक्य जानबूझकर अधूरा छोड़ा गया]
धरा गया छांगुर बाबा! जाति के नाम पर लड़कियों का ‘बाज़ार’ और 100 करोड़ का खेल – सारी जानकारी एक साथ
1. छांगुर बाबा कौन हैं? और इन पर इतने बड़े आरोप क्यों?
असल में देखा जाए तो ये छांगुर बाबा नाम के एक self-proclaimed गुरु थे – ऐसे ही जैसे आजकल हर कोई बाबा बनने लगा है। लेकिन इनकी कहानी थोड़ी अलग है। इन पर दो बड़े आरोप हैं – पहला तो जाति के आधार पर लड़कियों की ‘कीमत’ तय करना (हाँ, आपने सही सुना!), और दूसरा 100 करोड़ का funding scam। अब तो पुलिस ने इन्हें पकड़ भी लिया है।
2. ये ‘जाति के हिसाब से लड़कियों का rate’ वाली बात क्या है? सच में ऐसा होता था?
सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं न? पर दुखद सच यही है। आरोप ये है कि इनके ashram में… मतलब जिसे ashram कहते थे वहाँ… अलग-अलग जाति की लड़कियों के लिए अलग-अलग ‘donation rates’ थे। मानो कोई माल बेच रहे हों! और तो और, SC/ST समुदाय की लड़कियों के साथ तो खुला भेदभाव। क्या ये 21वीं सदी में हो रहा है? सच में शर्मनाक।
3. 100 करोड़ का funding scam – ये कैसा चक्कर है?
अरे भई, बाबा तो पैसा कमाने के लिए ही बने थे लगता है! मामला ये है कि ashram और social welfare projects के नाम पर लोगों से खूब donations जमा किए। लेकिन असल में? सारा पैसा इनकी personal lifestyle में चला गया। गाड़ियाँ, बंगले, विदेश यात्राएँ – पूरा पैकेज। और अंदाज़ा लगाइए – ये रकम लगभग 100 करोड़ की है! इतने पैसे में तो… छोड़िए, क्या बताऊँ।
4. अब तक इस मामले में क्या हुआ है? क्या सच में कार्रवाई होगी?
तो अच्छी खबर ये है कि पुलिस ने इन्हें arrest कर लिया है। इनका ashram भी seal हो चुका है। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या ये केस सिर्फ पुलिस तक सीमित रहेगा? क्योंकि देखा जाए तो इसमें inter-state angles भी हैं, और इतनी बड़ी रकम… शायद CBI या ED को भी इसमें दखल देना पड़े। वैसे हम सब जानते हैं न कि ऐसे मामलों में क्या होता है? लेकिन उम्मीद तो करनी ही चाहिए।
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