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शिकागो ट्रिब्यून की NYC को चेतावनी: ज़ोहरान ममदानी जैसे समाजवादी मेयर के चुनाव का अंत अच्छा नहीं होगा!

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NYC के लिए खतरे की घंटी! शिकागो ट्रिब्यून ने दी चेतावनी – ज़ोहरान ममदानी जैसे समाजवादी मेयर का चुनाव बुरा साबित हो सकता है

क्या हो रहा है?

शिकागो ट्रिब्यून ने NYC के लोगों को एक झटका देने वाली चेतावनी दी है। उनका सीधा सा मैसेज है – “हमने यह फिल्म पहले भी देखी है, और हमेशा बुरे अंत के साथ!”। यह चेतावनी NYC में ज़ोहरान ममदानी के मेयर बनने की बढ़ती संभावना को लेकर है। अखबार ने ममदानी के रेडिकल समाजवादी एजेंडे को NYC के लिए खतरनाक बताया है।

चेतावनी की पूरी कहानी

अखबार क्या कहना चाहता है?

शिकागो ट्रिब्यून का मानना है कि NYC वालों को समाजवादी नेताओं के पिछले रिकॉर्ड को देखना चाहिए। उन्होंने पुराने उदाहरण देकर समझाया कि ऐसी नीतियों से शहर की अर्थव्यवस्था चौपट हो सकती है। Experts के मुताबिक, यह NYC को महंगा पड़ सकता है।

NYC में क्यों बढ़ रही है ममदानी की लोकप्रियता?

ज़ोहरान ममदानी का ‘टैक्स बढ़ाओ, अमीरों से लो, गरीबों को दो’ वाला नारा NYC के युवाओं को भा रहा है। पर असल में देखा जाए तो यही वो फॉर्मूला है जिसने शिकागो जैसे शहरों को परेशानी में डाला था।

इतिहास क्या कहता है?

अमेरिका में समाजवाद का असफल प्रयोग

शिकागो से लेकर डेट्रॉइट तक – जहां भी समाजवादी नीतियां आजमाई गईं, नतीजे खराब ही रहे। Businesses का पलायन, बेरोजगारी और खस्ता हालात… क्या NYC भी यही दोहराना चाहता है?

विदेशों से सीख

वेनेजुएला और क्यूबा जैसे देश तो समाजवाद की मार से उबर ही नहीं पाए। क्या NYC के लोग वाकई अपने शहर को इस रास्ते पर ले जाना चाहते हैं?

ममदानी का एजेंडा – क्या है खास?

क्या प्रस्ताव हैं?

ममदानी की नीतियां सुनने में तो अच्छी लगती हैं – फ्री हेल्थकेयर, बेहतर एजुकेशन। लेकिन सवाल यह है कि पैसा आएगा कहां से? Critics का कहना है कि यह NYC के मध्यम वर्ग पर और टैक्स का बोझ डालेगा।

अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?

ज्यादा टैक्स का मतलब है कंपनियों का पलायन, नौकरियों का संकट। शिकागो ट्रिब्यून सही कहता है – NYC को इस खतरे को समझना होगा।

क्यों मायने रखती है यह चेतावनी?

मीडिया की जिम्मेदारी

अखबारों का काम सिर्फ खबरें देना नहीं, चेतावनी देना भी होता है। शिकागो ट्रिब्यून ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ NYC को आगाह किया है।

वोटर्स के लिए फूड फॉर थॉट

चुनाव में भावनाओं से नहीं, दिमाग से वोट देना चाहिए। NYC के लोगों को सोचना होगा कि क्या वाकई वो अपने शहर का भविष्य दांव पर लगाना चाहते हैं?

आखिरी बात

शिकागो ट्रिब्यून की यह चेतावनी NYC के हर नागरिक के लिए सोचने का मौका है। समाजवाद के खूबसूरत सपने और उसके कड़वे सच के बीच फर्क समझना जरूरी है। NYC का भविष्य इसी एक फैसले पर टिका हो सकता है।

Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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