china aggressive move before jaishankar visit cctv in indian 20250714025219359413

चीन ने जयशंकर की यात्रा से पहले दिखाए आक्रामक तेवर, CCTV कैमरों से घिरेगी भारतीय ट्रेनें!

चीन का वही पुराना राग: जयशंकर की यात्रा से पहले CCTV वाला नया ड्रामा!

अरे भई, चीन और भारत के बीच तनाव तो जैसे रोज़ का सीरियल बन चुका है। अभी विदेश मंत्री जयशंकर चीन जाने वाले थे कि चीन ने एक नया मसला खड़ा कर दिया – भारतीय ट्रेनों में CCTV कैमरे लगाने का प्रस्ताव! सुनकर ही माथे पर बल पड़ गए न? असल में, ये कोई सामान्य सुझाव नहीं है। भारतीय एजेंसियों की नींद उड़ गई है, क्योंकि ये सीधे हमारी संप्रभुता पर सवाल है। और हां, ये तनाव को और बढ़ाने वाला कदम साबित हो सकता है।

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। भारत-चीन के रिश्ते तो वैसे भी पिछले कुछ सालों से बेहद खराब चल रहे हैं। 2020 की गलवान घटना ने तो जैसे रिश्तों की कमर ही तोड़ दी। लद्दाख में आज भी स्थिति तनावपूर्ण है। ऐसे में जयशंकर की यात्रा को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा था… पर ये CCTV वाला प्रस्ताव? सच कहूं तो ये पानी में तेल डालने जैसा है।

मज़े की बात ये है कि चीन इसे “सुरक्षा सहयोग” बता रहा है। लेकिन हमारे एक्सपर्ट्स की क्या राय है? वो तो इसे साफ-साफ जासूसी का जरिया बता रहे हैं! सोचिए, अगर चीनी कंपनियों को हमारे रेलवे के अंदरूनी सिस्टम तक पहुंच मिल गई तो? ये तो वैसा ही है जैसे अपने घर की चाबी दुश्मन को दे देना। फिलहाल सरकार इस पर विचार कर रही है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की चिंता साफ दिख रही है।

अब सवाल ये कि लोग क्या कह रहे हैं? विदेश मंत्रालय वालों ने तो अपनी पुरानी आदत के अनुसार एक संतुलित बयान दिया है – “हम देख रहे हैं, विचार कर रहे हैं…” वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों ने सीधे चेतावनी दी है। और राजनीतिक दल? उनका तो मानो मौका मिल गया – “सरकार तुरंत इस प्रस्ताव को रद्द करे!”

तो अब क्या होगा? देखिए, सरकार के सामने बड़ी दुविधा है। एक तरफ सुरक्षा का सवाल, दूसरी तरफ रिश्तों का ख्याल। जयशंकर की यात्रा में ये मुद्दा ज़रूर उछलेगा। पर क्या चीन अपने रुख से पीछे हटेगा? मुझे तो नहीं लगता।

अंत में बस इतना कि ये मामला हमारी सरकार के लिए एक बड़ी परीक्षा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं हो सकता – ये बात तो तय है। आने वाले दिनों में क्या होता है, ये देखना दिलचस्प होगा। एक बात पक्की है – ये सीरियल अभी खत्म होने वाला नहीं!

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चीन का ये आक्रामक रुख और भारतीय ट्रेनों में CCTV कैमरों की तैयारी… ये दोनों ही बातें बताती हैं कि जयशंकर की यह यात्रा कितनी नाज़ुक मोड़ पर है। सच कहूं तो, ये पूरा मामला दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की तस्वीर पेश करता है। लेकिन साथ ही, ये सवाल भी उठता है कि क्या सुरक्षा और सहयोग के बीच कोई संतुलन संभव है?

अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में ये घटनाक्रम हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को किस तरह प्रभावित करते हैं। मेरी निजी राय? थोड़ा टेंशन तो है, लेकिन दिलचस्प भी। क्योंकि जब बात चीन और भारत की हो, तो कुछ भी हो सकता है। है न?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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