चिकन नेक के पास चीन का एयरबेस? सरकार ने संसद में क्या बताया, क्या है पूरा मामला?
देखिए, ये मामला बड़ा दिलचस्प है। हाल ही में संसद में बांग्लादेश के लालमोनिरहाट एयरबेस को लेकर सरकार ने एक बयान दिया। और सच कहूं तो, जितना सरल लगता है, उतना है नहीं। सरकार ने साफ किया कि चीन की कोई सैन्य गतिविधि के सबूत नहीं मिले। लेकिन यहां मजा तब आता है जब आप जानते हैं कि यह एयरबेस हमारे सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) से बस 80-100 किमी दूर है – वही जो पूर्वोत्तर को मुख्यभूमि से जोड़ता है। बांग्लादेश ने भरोसा दिलाया है कि यह एयरबेस सिर्फ नागरिक उपयोग के लिए होगा। पर सवाल यह है – क्या हमें इतने भरोसे पर रहना चाहिए?
पूरा माजरा क्या है?
असल में बात ये है कि यह एयरबेस चीन की मदद से अपग्रेड हुआ है। और भईया, चीन का नाम सुनते ही हमारे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो जाते हैं। सोचिए, एक तरफ तो हमारा चिकन नेक जो पहले से ही इतना संवेदनशील है, दूसरी तरफ ये नया एयरबेस। चीन ने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में infrastructure पर खूब पैसा लगाया है – बंदरगाह, सड़कें, अब ये एयरबेस। क्या ये सब सिर्फ दोस्ती दिखाने के लिए है? शक होता है ना?
सरकार ने क्या कहा?
संसद में तो सरकार ने बिल्कुल साफ शब्दों में कह दिया – बांग्लादेश ने लिखित आश्वासन दिया है कि यह एयरबेस सिर्फ civil aviation के लिए इस्तेमाल होगा। विदेश मंत्रालय वाले भाई ने तो यहां तक कह दिया कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते इतने मजबूत हैं कि कोई तीसरा खिलाड़ी बीच में नहीं आ सकता। लेकिन… हमेशा एक लेकिन होता है ना? कुछ खुफिया रिपोर्ट्स कहती हैं चीन की नीयत साफ नहीं है। हालांकि बांग्लादेश इससे इनकार करता है। किस पर भरोसा करें?
राजनीति गरमाई
अब तो ये मामला राजनीति तक पहुंच गया है। विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है – “क्या चीन के इरादों के बारे में कोई ठोस जानकारी है?” वहीं कुछ एक्सपर्ट्स की राय है कि चीन अपनी “Debt Diplomacy” के जरिए बांग्लादेश को दबाव में ले रहा है। बांग्लादेश वालों का कहना है कि यह सब economic development के लिए है। पर क्या सच में?
आगे क्या होगा?
अब भारत सरकार बांग्लादेश के साथ military cooperation बढ़ाने पर विचार कर रही है। मकसद साफ है – चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना। हमारी intelligence एजेंसियां तो इस एयरबेस पर नजर बनाए ही रखेंगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर चीन ने कभी military use किया, तो भारत-चीन तनाव और बढ़ सकता है। बड़ा मसला है ये।
तो क्या सीखा आज? यह पूरा घटनाक्रम दिखाता है कि भारत-चीन-बांग्लादेश के बीच रणनीतिक खेल चल रहा है। सरकार ने अभी सतर्क रुख अपनाया है, लेकिन आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में हर छोटी-बड़ी हलचल पर नजर रखनी होगी। क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं – सावधानी हटी, दुर्घटना घटी!
यह भी पढ़ें:
- Pm Modi China Visit Shivsena Leader Statement India China Relations
- China Pakistan Threat Leh All Weather Connectivity Strategic Routes India Plan
- India Su 57 Response To China Pakistan Stealth Fighters
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com