J-35A जेट 50% छूट पर भी फ्लॉप! पाकिस्तान की क्या हालत? AMCA के सामने टिक पाएगा क्या?
देखिए न, चीन ने पाकिस्तान को J-35A स्टील्थ फाइटर जेट बेचने की कोशिश की… पर साला 50% डिस्काउंट देने के बाद भी कोई खरीददार नहीं मिल रहा! अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इतना कंगाल हो चुका है कि भारत के AMCA (वो भी 5वीं पीढ़ी का फाइटर) का मुकाबला करने की हैसियत ही नहीं रही? सच कहूं तो ये स्थिति सिर्फ पाकिस्तान की फौजी ताकत पर ही सवाल नहीं खड़े करती, बल्कि पूरे साउथ एशिया के पावर बैलेंस को हिला देने वाली है।
पूरा माजरा क्या है?
असल में चीन ने J-35A को खासतौर पर पाकिस्तान की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया था। लेकिन यहां मजा ये है कि ये जेट अभी तक पूरी तरह टेस्टेड भी नहीं हुआ! वहीं दूसरी तरफ भारत का AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है – जो 2030 तक सेवा में आ सकता है। सच बताऊं? पाकिस्तान पिछले कुछ सालों से चीन पर पूरी तरह निर्भर हो गया है, पर अब पैसे की तंगी उनके लिए सबसे बड़ी दिक्कत बन चुकी है।
ताजा अपडेट क्या कहता है?
चीन ने J-35A को “सस्ते दामों” में ऑफर किया… पर डील अटकी हुई है। अब सोचिए, पाकिस्तानी वायुसेना के पुराने F-16 और JF-17 थंडर जेट्स AMCA के सामने कितने देर टिक पाएंगे? एक तरफ तो भारत का AMCA प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ चुका है, वहीं J-35A अभी भी ट्रायल फेज में ही अटका हुआ है। और हां, इसकी विश्वसनीयता पर तो सवाल ही सवाल हैं!
कौन क्या बोला?
पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनके पास संसाधन कम हैं, लेकिन वो चीन के साथ मिलकर नई टेक्नोलॉजी डेवलप करेंगे (हंसी आती है न?)। वहीं भारतीय डिफेंस एनालिस्ट्स साफ कह रहे हैं कि J-35A एक अधूरा प्रोजेक्ट है और AMCA इससे कहीं आगे होगा। चीनी मीडिया तो अपने पुराने अंदाज में बोल रहा है – “पाकिस्तान को वक्त दो, चीन मदद करेगा” (जैसे अब तक नहीं की?)
आगे का गेम क्या है?
अगर पाकिस्तान J-35A नहीं खरीद पाया (जो कि लगता तो यही रहा है), तो उसकी वायुसेना तकनीकी रूप से पिछड़ जाएगी। सच तो ये है कि भारत AMCA के जरिए आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है, जबकि पाकिस्तान… अरे भई, वो तो अभी भी चीन की गोद में बैठा है! आने वाले सालों में साउथ एशिया का पावर बैलेंस पूरी तरह बदल सकता है, खासकर अगर पाकिस्तान को कोई नया “बड़ा भाई” नहीं मिलता।
आखिरी बात: J-35A की ये फ्लॉप स्टोरी पाकिस्तान की आर्थिक और सैन्य मुसीबतों को बेनकाब कर रही है, जबकि भारत का AMCA उसे स्ट्रेटेजिक एडवांटेज दे सकता है। और हां, ये सब साउथ एशिया के पावर इक्वेशन को लंबे समय तक प्रभावित करने वाला है। सोचकर देखिए!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com