चीन से S-400 मिसाइल सिस्टम पर बड़ी अपडेट! जानिए कब तक चलेगा इंतज़ार
परिचय
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर चर्चा तो बहुत हो रही है, लेकिन असल में ये है क्या? देखा जाए तो ये दुनिया का सबसे एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम है। भारत ने रूस से इसे खरीदा तो है, पर रूस-यूक्रेन वॉर की वजह से डिलीवरी में देरी की बातें चल रही थीं। अच्छी खबर ये है कि रूस ने हाल में पक्का वादा किया है कि डिलीवरी टाइम पर होगी। तो चलिए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
1. S-400 एयर डिफेंस सिस्टम – जानिए इसकी खासियत
1.1 टेक्नोलॉजी जो हैरान कर दे
- 400 किमी तक मार करने की क्षमता – यानी दुश्मन के विमान दूर से ही खत्म!
- एक साथ कई टारगेट्स पर नज़र और हमला – मल्टीटास्किंग का जबरदस्त उदाहरण
- स्टील्थ टेक्नोलॉजी वाले विमान भी नहीं बच पाएंगे – ये तो गेम चेंजर है!
1.2 दुनिया क्यों चाहती है S-400?
चीन, तुर्की और भारत जैसे देश तो इसे खरीद ही चुके हैं। लेकिन दिक्कत ये है कि NATO देशों को ये बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा। अमेरिका तो खासतौर पर इसके खिलाफ है।
2. भारत और S-400 डील – पूरी कहानी
2.1 डील कैसे हुई?
2016 की बात है जब भारत और रूस ने ये डील की। 5.43 बिलियन डॉलर का ये मेगा डील भारत के लिए बड़ा कदम था।
2.2 डिलीवरी का टाइमलाइन
पहली यूनिट तो 2021 में आ ही गई थी। बाकी यूनिट्स के लिए 2023-2024 तक का इंतज़ार है।
2.3 रूस-यूक्रेन वॉर का असर
लोगों को लग रहा था कि डिलीवरी लेट होगी, लेकिन रूस ने क्लियर कर दिया है कि सब कुछ प्लान के मुताबिक होगा।
3. S-400 डिलीवरी की लेटेस्ट स्टेटस
3.1 रूस का नया बयान
रूस ने साफ कहा है – “भारत को टाइम पर S-400 मिलेगा”। वॉर के बावजूद उनका डिलीवरी सिस्टम पूरी तरह काम कर रहा है।
3.2 भारत की तैयारी
भारत ने भी अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है। डिप्लॉयमेंट के लिए लोकेशन फाइनल हो चुके हैं, और IAF के जवानों की ट्रेनिंग भी जोरों पर है।
4. S-400 से भारत को क्या मिलेगा?
4.1 सिक्योरिटी बूस्ट
चीन और पाकिस्तान की मिसाइलों से बचाव अब और आसान होगा। एयर स्ट्राइक से बचने की क्षमता भी कई गुना बढ़ जाएगी।
4.2 स्ट्रैटेजिक एडवांटेज
इससे न सिर्फ भारत की डिफेंस कैपेबिलिटी मजबूत होगी, बल्कि दुश्मन देशों को एक क्लियर मैसेज भी जाएगा – “हम तैयार हैं!”
5. चुनौतियाँ और विवाद
5.1 अमेरिका का गुस्सा
अमेरिका का CAATSA एक बड़ी मुसीबत है। उन्होंने भारत पर प्रतिबंधों की धमकी भी दी है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
5.2 टेक्निकल और लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें
S-400 को भारतीय डिफेंस सिस्टम में इंटीग्रेट करना कोई आसान काम नहीं है। साथ ही, रूस से स्पेयर पार्ट्स और टेक्निकल सपोर्ट मिलना भी एक बड़ा सवाल है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com