बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान ने तोड़ दी चुप्पी, 243 सीटों पर अकेले दम लड़ने का ऐलान!
अरे भई, बिहार की राजनीति में तो जैसे भूचाल आ गया है! चिराग पासवान ने आखिरकार अपने कार्ड्स टेबल पर रख ही दिए। छपरा में हुई उस ऐतिहासिक जनसभा में LJP प्रमुख ने जो ऐलान किया, उसने तो जैसे सबको चौंका दिया – “2025 में हम सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ेंगे!” सच कहूं तो ये मूव तो किसी पोलिटिकल सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं। और तो और, नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि उनके खिलाफ एक “पूरी तरह प्लान्ड साजिश” चल रही है। वाह, ड्रामा तो पूरा है!
पिछले कुछ सालों का सफर: गठबंधन से अलगाव तक
देखिए न, चिराग तो पिछले कुछ सालों से अपनी पार्टी को लेकर बड़े अंदाज में चल रहे हैं। याद है न 2020 का वो चुनाव? जब LJP ने BJP के साथ दशकों पुराने रिश्ते को तोड़कर अलग रास्ता चुना था। उस वक्त तो राजनीति के पंडितों की नींद ही उड़ गई थी! पर अब जब JDU-BJP की जोड़ी मजबूत हो गई है, चिराग के लिए रास्ता आसान नहीं रहा। लेकिन यार, 2025 से पहले ये नया मूव… क्या ये गेम चेंजर साबित होगा? समय ही बताएगा।
चिराग की ‘गो बिग ऑर गो होम’ स्ट्रैटेजी
अब जरा चिराग की इस बोल्ड स्ट्रैटेजी को समझते हैं। तीन बड़े पॉइंट्स सामने आए:
- पहला तो ये कि अब कोई गठबंधन नहीं – सोलो प्लेयर मोड ऑन! सारी 243 सीटों पर अकेले लड़ेंगे।
- दूसरा, नीतीश कुमार पर सीधे निशाने। चिराग का कहना है कि उन्हें राजनीति से हटाने की साजिश चल रही है।
- और तीसरा सबसे जरूरी – अपने पापा रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाते हुए दलित और पिछड़े वोट बैंक को मजबूत करना। जोकि बिहार में तो गेम डिसाइडर है ही।
एकदम बोल्ड प्लान। पर कामयाब होगा? ये तो वोटर ही तय करेंगे।
दूसरे दलों की रिएक्शन: किसको कितनी टेंशन?
इस ऐलान ने तो सभी पार्टियों को हिला कर रख दिया है। JDU वाले तो बिल्कुल खफा दिख रहे हैं – “जनता के हितों के खिलाफ” जैसे बयान दे रहे हैं। पर मजे की बात ये कि BJP अभी तक चुप्पी साधे हुए है। हालांकि अंदरूनी सूत्र कह रहे हैं कि पार्टी में हलचल मची हुई है। और RJD-कांग्रेस? वो तो शायद इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार बैठे हैं। क्योंकि चिराग का ये कदम त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को और बढ़ा देगा। इंटरेस्टिंग टाइम्स आने वाले हैं!
आगे क्या? बिहार की राजनीति का नया समीकरण
असल में देखा जाए तो चिराग ने जो पासा फेंका है, उससे पूरा का पूरा पॉलिटिकल इक्वेशन ही बदल सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो JDU-BJP को सबसे बड़ा झटका पासवान वोट बैंक से लग सकता है। वहीं RJD के लिए नए गठजोड़ की संभावनाएं खुल गई हैं। पर सच तो ये है कि अब LJP को हर मोर्चे पर लड़ना होगा – जमीन पर मजबूत संगठन चाहिए, चालाक campaign strategy चाहिए। ये कोई आसान बाजी नहीं है दोस्तों!
एक बात तो तय है – चिराग का ये कदम सिर्फ बिहार ही नहीं, देश की राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है। 2025 के चुनाव से पहले ये ऐलान तो जैसे नए युग की शुरुआत है। अब देखना ये है कि ये चेस बोर्ड पर कौन सा मूव साबित होता है – चेकमेट या फिर सेल्फ गोल?
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अब बिहार चुनाव 2025 की बात करें तो चिराग पासवान ने तो बिल्कुल बम फोड़ दिया है! NDA के लिए यह ऐलान किसी सिरदर्द से कम नहीं। 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात? सच कहूं तो यह मोदी-नीतीश की गणित को ही उलट सकता है। और देखिए न, JDU-BJP वालों की मुश्किलें अब पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई हैं।
लेकिन सवाल यह है कि आगे क्या? क्योंकि बिहार की राजनीति तो वैसे भी… (आप समझ ही रहे होंगे)। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह पूरा खेल किधर जाता है। कभी-कभी तो लगता है, यहां एक दिन में सौ बार समीकरण बदल जाते हैं। है न?
बिहार चुनाव 2025: चिराग पासवान का बड़ा ऐलान और उससे जुड़े सवाल जो आप पूछना चाहते हैं
चिराग पासवान ने 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया – पर सवाल यह है कि क्यों?
देखिए, असल बात यह है कि चिराग पासवान को अपनी राजनीतिक मजबूती दिखानी थी। BJP और JDU के सामने वो यह संदेश देना चाहते हैं – “अरे भाई, मैं भी खिलाड़ी हूँ!” LJP(Ram Vilas) का बिहार में base बढ़ाना तो उनका लक्ष्य है ही, साथ ही वो खुद को एक विकल्प के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई नया रेस्तराँ खुलने पर पुराने होटल वालों की नींद उड़ जाती है!
क्या BJP-JDU गठबंधन के लिए यह सिरदर्द बन सकता है?
सच कहूँ तो हाँ! चिराग का यह कदम दलित वोटों को बाँट सकता है – खासकर Paswan समुदाय को। और यही तो BJP-JDU की चिंता की सबसे बड़ी वजह है। ऐसा लगता है जैसे किसी के बर्थडे पार्टी के केक का एक बड़ा टुकड़ा कोई और लेकर भाग जाए। परिणाम? गठबंधन के vote share में गिरावट।
LJP(RV) को बिहार में कितनी पकड़ मिल पाएगी?
अब यह दिलचस्प सवाल है! Dalit और Mahadalit समुदायों में तो उनकी पैठ है ही, खासकर Paswan बिरादरी में। पर सच्चाई यह है कि पूरे बिहार में उनकी पहुँच अभी सीमित है। 2025 का चुनाव दिखाएगा कि चिराग सच में कितने बड़े खिलाड़ी हैं – या फिर सिर्फ़ kingmaker बनकर रह जाते हैं।
चिराग की गेम प्लान क्या हो सकती है?
मेरी समझ से तो उनकी strategy साफ है:
1. सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर BJP-JDU को चुनौती देना
2. सरकार के खिलाफ जनाक्रोश (anti-incumbency) का फायदा उठाना
3. छोटे दलों और independent नेताओं के साथ गठजोड़
यानी कि तीन तीर एक साथ चलाने की कोशिश। पर कामयाबी? वह तो वक्त ही बताएगा। आपको क्या लगता है?
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