“कंटेनरों में अब बिना बोरी के लोड होगा सीमेंट! कॉनकॉर का यह खास डिजाइन बदलेगा नियम”

सीमेंट अब बिना बोरियों के! कॉनकॉर का ये नया तरीका क्यों है गेम-चेंजर?

अरे भाई, भारत के logistics sector में एक बड़ी खबर है जो आपके दिमाग को हिला देगी। Container Corporation of India (Concor) ने सीमेंट ट्रांसपोर्ट के मामले में ऐसा किया है कि सुनकर आप कहेंगे – “अच्छा, ये तो बिल्कुल नया है!” अब सोचिए, वो पुराने तरीके जहां सीमेंट की बोरियां ट्रकों में लदी रहती थीं – वो अब इतिहास बनने वाला है। टैंक कंटेनर्स में सीधे सीमेंट? हां, बिल्कुल! और सबसे मजेदार बात? ये न सिर्फ पैसे बचाएगा बल्कि पर्यावरण को भी बचाएगा। दोनों हाथों में लड्डू!

पुराने तरीके – जहां थी इतनी दिक्कतें कि बस!

ईमानदारी से कहूं तो, हम भारतीयों को पुराने तरीकों से प्यार होता है। सालों से सीमेंट बोरियों में ही आता था – चाहे जूट की हो या प्लास्टिक की। लेकिन समस्या क्या थी? एक तो रास्ते में झड़ना, फिर उठाने-धरने में मजदूरी का खर्च… और सबसे बड़ी बात? ये बोरियां फेंकने के बाद कहां जाती थीं? कचरे के ढेर में! अब Concor ने जो टैंक कंटेनर्स बनाए हैं, वो अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड के हैं। सोचिए, विदेशी तकनीक अब हमारे यहां!

नए सिस्टम के फायदे – जानकर रह जाएंगे दंग!

असल में ये नए कंटेनर्स कमाल के हैं। पहली बात तो ये कि बोरियों वाला झंझट ही खत्म। सीधा bulk में सीमेंट लोड होगा – जैसे पेट्रोल टैंकर में होता है। दूसरा, ये पूरी तरह सील्ड होते हैं – न कोई रिसाव, न कोई गंदगी। Concor का दावा है कि इससे ट्रांसपोर्ट कॉस्ट 15-20% तक कम हो जाएगी। शुरुआत में बड़े सीमेंट प्लांट्स और बंदरगाहों पर ये सुविधा मिलेगी। मजे की बात ये कि अगर ये चल निकला तो…

इंडस्ट्री क्या कह रही है? सुनिए जरा!

सीमेंट कंपनियां तो मानो खुशी से उछल पड़ी हैं! उनका कहना है कि इससे न सिर्फ खर्चे कम होंगे बल्कि सप्लाई चेन भी स्मूथ होगी। पर्यावरण वालों की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं – सालाना हजारों टन प्लास्टिक/जूट की बर्बादी रुकेगी। Concor के लोगों का कहना है कि ये कदम भारत को ग्लोबल लेवल पर ले जाएगा। एक तरह से देखें तो ये एक छोटी सी शुरुआत है बड़े बदलाव की।

आगे क्या? भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?

अब तो Concor की योजना है कि देश के बड़े-बड़े इंडस्ट्रियल एरियाज में इन कंटेनर्स को पहुंचाया जाए। सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करें तो ये पूरे देश में फैल सकता है। और सबसे दिलचस्प? अगर ये सफल रहा तो chemicals और food grains जैसे सेक्टर्स में भी ऐसा ही कुछ किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ये logistics sector में नए युग की शुरुआत हो सकती है – जहां ट्रांसपोर्टेशन फास्ट, चीप और इको-फ्रेंडली होगा। सोचिए, कितना बड़ा बदलाव आने वाला है!

कंटेनरों में बिना बोरी के सीमेंट लोडिंग – वो सारे सवाल जो आप पूछना चाहते थे!

कॉनकॉर का यह नया डिज़ाइन असल में काम कैसे करता है?

देखिए, यहां बात समझने वाली है। कॉनकॉर ने जो तरीका निकाला है, वो सीधे-सादे कंटेनर में सीमेंट झोंक देने जैसा नहीं है। अरे भई, ऐसे तो सब कर लेंगे! इसमें तो पूरा एक airtight system लगा है, वो भी advanced technology के साथ। सीमेंट बिल्कुल सुरक्षित रहता है – न कोई रिसाव, न कोई बर्बादी। एकदम टाइट।

बिना बोरी के? सच में? फायदे क्या-क्या हैं?

अब यहां गणित लगाना शुरू करते हैं। पहला तो सीधा फायदा – पैसा बचेगा। बोरी खरीदने का झंझट ही खत्म। दूसरा, पर्यावरण वालों को खुश करने का मौका – कम कचरा, कम प्रदूषण। तीसरा और सबसे ज़रूरी – loading/unloading का काम रफ़्तार से होगा। ईमानदारी से कहूं तो सीमेंट की क्वालिटी भी बेहतर रहती है, क्योंकि नमी से बचाव हो जाता है। जीत-जीत स्थिति!

यार, पुराने कंटेनरों में चलेगा यह सिस्टम?

अफसोस की बात है, लेकिन जवाब है नहीं। यहां थोड़ा investment तो करना ही पड़ेगा। Specially designed कंटेनर चाहिए – वो भी ऐसे जिनमें airtight sealing और pressure control system लगा हो। आपके पुराने कंटेनर? उन्हें तो बस देखकर ही यह तकनीक नाक-भौं सिकोड़ लेगी!

सब ठीक है, पर कीमत पर क्या असर पड़ेगा?

सच कहूं? शुरुआत में लागत ज़रूर ज्यादा आएगी। नई टेक्नोलॉजी, नए कंटेनर – इन सब पर खर्चा तो होगा ही। लेकिन लंबे समय में देखें तो यही सिस्टम सीमेंट सस्ता करने में मदद करेगा। कैसे? पैकेजिंग और logistics के खर्चे में भारी कटौती होगी। थोड़ा सब्र रखिए, फायदा नज़र आने लगेगा।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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