congress mp slams trump tariff policy urges govt to act 20250807125427095035

“ट्रंप के टैरिफ हमले पर कांग्रेस MP का बयान: ‘सरकार को दिखानी होगी रीढ़, खुलकर बनाएं नीति'”

ट्रंप का टैरिफ हमला: क्या सरकार दिखा पाएगी ‘स्पाइन’ या फिर झुक जाएगी दबाव में?

अरे भई, ट्रंप साहब फिर से अपने मूड में आ गए लगते हैं! अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने भारत पर नए टैरिफ लगाकर एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। और तो और, कांग्रेस के मनीष तिवारी जी ने तो सीधे सरकार को टारगेट करते हुए कह दिया – “सरकार को रीढ़ दिखानी होगी वरना…”। सच कहूं तो ये बयान राजनीतिक गलियारों में बम की तरह गिरा है। वहीं कार्ति चिदंबरम जैसे नेताओं ने सरकार को ‘सभी दलों को साथ लेकर चलने’ की सलाह दी है। पर सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार सुन रही है?

ये पूरा झगड़ा है किस बात का?

देखिए, ये सारा मामला तो ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ वाले दौर से चला आ रहा है। उस वक्त भी हमारे स्टील और एल्युमिनियम सेक्टर को काफी झटका लगा था। अब जब ट्रंप ने फिर से भारत को निशाने पर लिया है, तो डर ये है कि कहीं रिश्ते फिर से खटाई में न आ जाएं। हैरानी की बात तो ये है कि सरकार की तरफ से अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है। ऐसे में विपक्ष का सरकार को ‘नरमदिल’ बताना तो लाज़मी है न?

एक तरफ तो हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात करते हैं, दूसरी तरफ ट्रंप के एक बयान पर हमारी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। थोड़ा अजीब नहीं लगता?

राजनीति का पेंच: कौन क्या बोला?

मनीष तिवारी ने तो सीधे सरकार की नीतियों को ‘भटकी हुई’ बता डाला। उनका कहना है कि “झुकने के बजाय सरकार को मजबूती से खड़ा होना चाहिए।” सच कहूं तो ये बयान सरकार के लिए चुनौती से कम नहीं। वहीं चिदंबरम जी ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए सभी दलों से सलाह मशविरे की बात कही।

और तो और, राहुल गांधी ने तो ट्विटर पर ही सरकार को घेर लिया – “विदेश नीति में फेल हो रही है सरकार!” जवाब में भाजपा का कहना है कि “हम सजग हैं”। मजे की बात ये कि CII जैसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स भी अब चिंता जता रहे हैं। सच पूछो तो ये मामला अब सिर्फ राजनीति से आगे बढ़ चुका है।

अब आगे क्या? सरकार के पास क्या विकल्प हैं?

तो अब सवाल ये है कि सरकार आखिर करेगी क्या? एक्सपर्ट्स की मानें तो दो ही रास्ते हैं:

1. या तो ट्रंप के सामने सीना तान कर खड़े हो जाएं
2. या फिर नए डील की बातचीत शुरू करें

विपक्ष तो संसद में इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में है। और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी की नजरें इस पर टिकी हैं, क्योंकि इसका असर पूरी ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ सकता है।

एक बात तो तय है – जैसा कि तिवारी जी ने कहा, सरकार को वाकई ‘स्पाइन’ दिखाने की जरूरत है। नहीं तो… खैर, आप समझ ही गए होंगे!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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