कंटेनर वाला खतरा: पाकिस्तान से ज्यादा सतर्क क्यों हो भारत? असलियत जानकर चौंक जाएंगे!
दोस्तों, अभी-अभी एक ऐसी खबर आई है जो भारत की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए बड़ा सवाल खड़ा करती है। DRI ने हाल ही में 1,115 मीट्रिक टन पाकिस्तानी माल पकड़ा है – और हैरानी की बात ये कि ये सामान दुबई के रास्ते चुपके से भारत आ रहा था! कीमत? लगभग 9 करोड़ रुपये। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये ‘ऑपरेशन डीप मेनिफेस्ट’ क्यों जरूरी था? असल में, ये कोई सामान्य तस्करी नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच लगे प्रतिबंधों को धता बताने की प्लानिंग लगती है।
मामला गंभीर क्यों है? समझिए पूरा गणित
सुनिए, भारत-पाकिस्तान के बीच सीधा व्यापार तो बंद है, लेकिन ये लोग तीसरे देशों का रास्ता अपना रहे हैं। और ये कोई नई बात नहीं – पर पिछले कुछ सालों में कंटेनरों के जरिए होने वाली तस्करी खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। सोचिए, अगर खजूर और मेवों के बहाने ड्रग्स या हथियार भी आने लगे तो? DRI के पिछले रिकॉर्ड देखें तो ये उनके सबसे बड़े ऑपरेशन्स में से एक है – जो बताता है कि समस्या कितनी बड़ी हो चुकी है।
अभी क्या चल रहा है? जानिए ताजा अपडेट
इस बार जो सामान पकड़ा गया, उसमें ज्यादातर खजूर और सूखे मेवे थे – पर यकीन मानिए, ये कोई सामान्य आयात नहीं था। पूरा गेम था दस्तावेजों में हेराफेरी का! दुबई से आए कंटेनरों में ये सामान छिपाकर लाया जा रहा था। और सबसे दिलचस्प? DRI को शक है कि इसमें कुछ व्यापारियों और एजेंटों का हाथ है। अब सवाल ये कि ये नेटवर्क कितना बड़ा है? कहीं ये किसी इंटरनेशनल सिंडिकेट से तो नहीं जुड़ा? जांच जारी है।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स? सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे
सरकारी अधिकारी तो इसे बड़ी सफलता बता रहे हैं – एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा भी, “हम पाकिस्तानी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।” लेकिन सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की चिंता अलग है। उनका कहना है कि दुबई जैसे रूट्स से तस्करी बढ़ रही है। सच कहूं तो, कंटेनर जांच में अभी भी काफी लूपहोल्स हैं। वहीं व्यापारी संगठनों की चिंता अलग – उन्हें डर है कि इस तरह के अवैध आयात से देसी बाजार को नुकसान होगा।
आगे क्या? भविष्य की रणनीति
अभी DRI इसकी गहराई से जांच कर रहा है। संभावना ये भी है कि भारत, दुबई और अन्य देशों के साथ कोऑर्डिनेशन बढ़ाएगा। और हां, अब कंटेनर स्कैनिंग और सख्त होगी – खासकर उन देशों से आने वाले माल की जिन पर शक की नजर है। पर सच तो ये है कि सिर्फ सरकार के भरोसे बैठे रहने से काम नहीं चलेगा – आम जनता को भी सतर्क रहना होगा।
तल्ख सच्चाई: ये केस साबित करता है कि पाकिस्तान से जुड़े सुरक्षा खतरे अभी खत्म नहीं हुए हैं। सरकार की ये कार्रवाई अच्छी शुरुआत है, मगर अभी तो लंबी लड़ाई बाकी है। जब तक इन अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क्स की जड़ें नहीं काटी जातीं, तब तक ऐसे मामले आते रहेंगे। सच कहूं तो, ये उतना ही जरूरी है जितना कि सीमा पर सैनिकों की तैनाती!
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com